नई दिल्ली: एप्पल के प्रमुख विनिर्माण साझेदार फॉक्सकॉन ने भारत में अपने कारखानों में चीनी श्रमिकों के लिए नए कर्मचारी रोटेशन को रोक दिया है. रेस्ट ऑफ वर्ल्ड ने सूत्रों के हवाले से बताया किइसके स्थान पर ताइवान के श्रमिकों को भेजना शुरू कर दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक विनिर्माण उपकरणों की खेप जो भारत पहुंचने वाली थी. उसमें भी देरी हुई है. भारत के लिए विशेष विनिर्माण उपकरणों की खेप भी चीन में रुकी हुई है.
फॉक्सकॉन ऐसा क्यों कर रहा है?
चीन अब भारत को एक खतरे की तरह देख रहा है, इसलिए भारत में आईफोन बनाने वाली फैक्ट्रियों को रोकने की कोशिश में लग गया है. फॉक्सकॉन एप्पल बनाती है. फॉक्सकॉन भारत में अपने कारखानों में चीनी कर्मचारियों को भेजना बंद कर रही है. रिपोर्ट के मुताबिक चीन और भारत के रिश्ते अच्छे नहीं है. भारत में फोन बनाने वाली मशीनें भी चीन नहीं भेज रही है. ऐसा कहा जा रहा है कि चीन की सरकार इसमें शामिल है. इससे भारत में एप्पल बनाने वाली आईफोन पर असर पड़ सकता है. देरी मुख्य रूप से तमिलनाडु और कर्नाटक में फॉक्सकॉन के iPhone असेंबली प्लांट को प्रभावित करती है.
भारत पर निलंबन का प्रभाव
अगर रिपोर्ट सही हैं और रोक जारी रहती है तो यह फॉक्सकॉन के साथ भारत में अगली पीढ़ी के iPhone विकसित करने की Apple की व्यापक महत्वाकांक्षा में बाधा बन सकती है. इसके अलावा विकास ने चीन से दूर उत्पादन में विविधता लाने के अपने प्रयास में Apple के सामने आने वाली कठिनाइयों को उजागर किया है.
इससे पहले चीन की शून्य-कोविड नीतियों के कारण कुछ फैक्टरी संचालन बाधित होने के बाद कुछ सबसे एडवांस iPhone मॉडल का प्रोडक्शन भारत में ट्रांसफर कर दिया गया था.
2019 में फॉक्सकॉन ने अपने तमिलनाडु प्लांट में iPhone का निर्माण शुरू किया और 2022 में अपनी भारतीय सुविधाओं और कार्यबल को बढ़ावा देना शुरू कर दिया. तमिलनाडु और कर्नाटक के दो प्लांट मिलकर हजारों कर्मचारियों को रोजगार देते हैं. हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि फॉक्सकॉन द्वारा संचालित भारत के कारखाने अभी भी चीनी श्रमिकों और ताइवान के प्रवासी कर्मचारियों की एक छोटी संख्या के साथ-साथ चीन से विशेष मशीनरी पर निर्भर हैं.