पटना: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले पर सीएम नीतीश कुमार की चुप्पी पर राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि वो दुविधा में हैं. एक तरफ जहां वो विरोध करते हैं. वहीं, दूसरी तरफ सीएम नीतीश अप्रत्यक्ष रूप से सरकार का समर्थन भी करते हैं. जम्मू कश्मीर का मुद्दा ऐसा पहला मुद्दा नहीं है, इससे पहले तीन तलाक बिल पर भी जदयू ने वॉकआउट कर सरकार का अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन किया.
राजनीतिक विशेषज्ञ डीएम दिवाकर ने कहा कि नीतीश के लिए अभी दुविधा की स्थिति है. एक तरफ विरोध भी करते हैं लेकिन जिस ढंग से विरोध कर रहे हैं. उसे समर्थन के रूप में देखा जा रहा है. ऐसा कहना अनुचित भी नहीं होगा क्योंकि नीतीश एनडीए गठबंधन में हैं. विशेषज्ञ डीएम दिवाकर का कहना है कि कश्मीर को लेकर जो सोच जेपी की थी. अगर सीएम नीतीश उस सोच पर चलते हैं तो वो परेशान हो सकते हैं.
'चिंतन कर रहे होंगे सीएम'
डीएम दिवाकर का कहना है नीतीश कुमार सिद्धान्त में तो विरोध करते हैं लेकिन व्यवहार में बीजेपी के साथ खड़े दिखते हैं. एक तरफ 370 का विरोध भी करना चाहते हैं, वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी के साथ सरकार बनाए रखना चाह रहे हैं. नीतीश कुमार की परेशानी इसी कारण होगी और चिंतन कर रहे होंगे.
स्टैंड पर कायम रहते, तो वोट करते- राजनीतिज्ञ
जदयू 370 35- A और तीन तलाक के सहित कई विवादास्पद मुद्दों पर बीजेपी से अलग राय रखता रही है और इन मुद्दों पर कभी भी समझौता नहीं करने की बात भी कहती रही है. नीतीश कुमार कई मौकों पर कह चुके हैं कि वो किसी कीमत पर इन मुद्दों पर समझौता नहीं करेंगे. लेकिन अब नीतीश कुमार की चुप्पी पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.