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Munger Firing: हाईकोर्ट ने CID से पूछा, आरोपी SI के खिलाफ क्यों अपनाया नरम रुख

मुंगेर गोलीकांड (Munger Firing) मामले में शनिवार को पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में सुनवाई हुई. कोर्ट ने सीआईडी से पूछा कि आरोपी SI के खिलाफ नरम रुख क्यों अपनाया जा रहा है.

Patna High Court
पटना हाईकोर्ट
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Published : Jun 26, 2021, 11:11 PM IST

पटना: मुंगेर गोलीकांड (Munger Firing) मामले में दायर रिट याचिका पर शनिवार को पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में सुनवाई हुई. सीआईडी (CID) के ADG विनय कुमार ने अपनी रिपोर्ट में कोर्ट को बताया कि आरोपी पुलिसकर्मियों के हथियार जब्त कर लिए गए हैं. कोर्ट ने सीआईडी से पूछा कि आरोपी SI के खिलाफ नरम रुख क्यों अपनाया जा रहा है?

यह भी पढ़ें- 'कोरोना की तीसरी लहर में पड़ सकती है सेना की जरूरत', Patna High Court में ESIC का बयान

सीआईडी ने पेश की रिपोर्ट
गोलीकांड में मारे गए युवक के पिता अमरनाथ पोद्दार द्वारा दायर याचिका पर जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने सुनवाई की. इस दौरान सीआईडी (CID) ने कोर्ट के समक्ष जांच रिपोर्ट प्रस्तुत किया. रिपोर्ट में सीआईडी के एडीजी विनय कुमार ने बताया कि मुंगेर की तत्कालीन एसपी लिपि सिंह और डीएम राजेश मीणा के अलावा बाद के एसपी एमएस ढिल्लो से इस बारे पूछताछ कर ली गई है.

एसआई के खिलाफ क्यों नरम है सीआईडी?
सीआईडी ने बताया कि मुंगेर में दुर्गा विसर्जन के समय हुए गोलीकांड में गवाहों से पूछताछ की गई है. आरोपी पुलिसकर्मियों के हथियारों को जब्त कर लिया गया है. सीआईडी ने एसआई ब्रजेश कुमार के बारे में बताया कि वह घटना के बाद अपने हथियार के साथ फरार चल रहे थे. इसपर कोर्ट ने कहा कि एसआई हथियार के साथ फरार थे. वह पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे थे. इसके बाद भी सीआईडी द्वारा उनके खिलाफ काफी नरम रुख क्यों अपनाया जा रहा है?

26 अगस्त को होगी अगली सुनवाई
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि अभी कुछ और गवाहों से पूछताछ की जरूरत है. उनसे पूछताछ नहीं की गई है. इसपर सीआईडी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि अभी तक बहुत सारे गवाहों से पूछताछ बाकी है. जांच जारी है. राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है. इस मामले में अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी.

क्या है मामला?
मुंगेर में 26 अक्टूबर 2020 को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान लाठीचार्ज और गोलीबारी में कोतवाली थाना क्षेत्र के लोहा पट्टी निवासी 22 वर्षीय अनुराग पोद्दार की मौत हो गई थी. घटना के 2 दिन बीतने पर फिर से हिंसा हुई थी, जिसमें शहर के पांच थानों में आक्रोशित भीड़ द्वारा आगजनी की गई थी. इसके बाद मुंगेर के डीएम और एसपी हटाए गए थे. बिहार सरकार ने मामले की जांच के लिए पहले एसआईटी का गठन किया था. फरवरी 2021 में राज्य सरकार ने इस मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी थी. सीआईडी इस मामले की जांच कर रही है. सीआईडी जांच की मॉनिटरिंग हाईकोर्ट द्वारा की जा रही है.

यह भी पढ़ें- बाढ़ प्रभावित जिलों में व्यवस्था को लेकर Patna High Court ने की सुनवाई, रिप्रेजेंटेशन देने की कही बात

पटना: मुंगेर गोलीकांड (Munger Firing) मामले में दायर रिट याचिका पर शनिवार को पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में सुनवाई हुई. सीआईडी (CID) के ADG विनय कुमार ने अपनी रिपोर्ट में कोर्ट को बताया कि आरोपी पुलिसकर्मियों के हथियार जब्त कर लिए गए हैं. कोर्ट ने सीआईडी से पूछा कि आरोपी SI के खिलाफ नरम रुख क्यों अपनाया जा रहा है?

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सीआईडी ने पेश की रिपोर्ट
गोलीकांड में मारे गए युवक के पिता अमरनाथ पोद्दार द्वारा दायर याचिका पर जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने सुनवाई की. इस दौरान सीआईडी (CID) ने कोर्ट के समक्ष जांच रिपोर्ट प्रस्तुत किया. रिपोर्ट में सीआईडी के एडीजी विनय कुमार ने बताया कि मुंगेर की तत्कालीन एसपी लिपि सिंह और डीएम राजेश मीणा के अलावा बाद के एसपी एमएस ढिल्लो से इस बारे पूछताछ कर ली गई है.

एसआई के खिलाफ क्यों नरम है सीआईडी?
सीआईडी ने बताया कि मुंगेर में दुर्गा विसर्जन के समय हुए गोलीकांड में गवाहों से पूछताछ की गई है. आरोपी पुलिसकर्मियों के हथियारों को जब्त कर लिया गया है. सीआईडी ने एसआई ब्रजेश कुमार के बारे में बताया कि वह घटना के बाद अपने हथियार के साथ फरार चल रहे थे. इसपर कोर्ट ने कहा कि एसआई हथियार के साथ फरार थे. वह पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे थे. इसके बाद भी सीआईडी द्वारा उनके खिलाफ काफी नरम रुख क्यों अपनाया जा रहा है?

26 अगस्त को होगी अगली सुनवाई
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि अभी कुछ और गवाहों से पूछताछ की जरूरत है. उनसे पूछताछ नहीं की गई है. इसपर सीआईडी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि अभी तक बहुत सारे गवाहों से पूछताछ बाकी है. जांच जारी है. राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है. इस मामले में अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी.

क्या है मामला?
मुंगेर में 26 अक्टूबर 2020 को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान लाठीचार्ज और गोलीबारी में कोतवाली थाना क्षेत्र के लोहा पट्टी निवासी 22 वर्षीय अनुराग पोद्दार की मौत हो गई थी. घटना के 2 दिन बीतने पर फिर से हिंसा हुई थी, जिसमें शहर के पांच थानों में आक्रोशित भीड़ द्वारा आगजनी की गई थी. इसके बाद मुंगेर के डीएम और एसपी हटाए गए थे. बिहार सरकार ने मामले की जांच के लिए पहले एसआईटी का गठन किया था. फरवरी 2021 में राज्य सरकार ने इस मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी थी. सीआईडी इस मामले की जांच कर रही है. सीआईडी जांच की मॉनिटरिंग हाईकोर्ट द्वारा की जा रही है.

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