पटना: प्रत्येक वर्ष आषाढ़ शुक्ल की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाती है. पटना में भी यह पर्व पिछले 20 सालों से धूमधाम से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकालकर मनाई जाती है. वहीं, इस बार कोरोना वायरस के संभावित खतरे और भक्तों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से पटना इस्कॉन मंदिर ने भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा नहीं निकालने का फैसला लिया है.
परंपरा के अनुसार पूर्णिमा के दिन अधिक स्नान करने से भगवान जगन्नाथ और उनके भाई बहन बीमार हो हो जाते हैं. इसके बाद 22 जून तक तीनों भाई-बहन मंदिर में ही स्वास्थ्य लाभ करेंगे. वहीं, मंदिर में ही भगवान का भोग और आयुर्वेदिक इलाज चल रहा है. इस दौरान किसी भी भक्त को उनसे मिलने की इजाजत नहीं है. स्वस्थ होने के बाद भगवान जगन्नाथ 23 जून को मौसी बाड़ी जाते हैं. लेकिन इस बार महामारी के कारण उन्हें मंदिर में ही एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाकर उनके श्रृंगार के बाद पूजन, आरती और भोग लगाया जाएगा.
'इस वर्ष नहीं निकाली जाएगी भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा'
कोरोना महामारी और भक्तों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से इस साल मंदिर प्रांगण में ही कुछ विशेष भक्तों द्वारा भगवान को कैंपस में ही भ्रमण करवाया जाएगा. इस्कॉन पटना के अध्यक्ष कृष्ण कृपा दास ने बताया कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए ऐसा किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि हर साल भव्य तरीके से रथयात्रा निकाली जाती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा. ठाकुर जी का राग भोज सब कुछ परंपरागत ढंग से मंदिर प्रांगण में ही किया जाएगा. साथ ही इस्कॉन मंदिर कमेटी से जुड़े सभी भक्तों से अपील की गई है कि वह जहां है, वहीं रहकर कीर्तन भजन करें.