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Mission 2024: अंबेडकर जयंती पर JDU करेगा पंचायत स्तर पर भीम चौपाल, दलितों को रिझाने की कोशिश - Building construction minister Ashok Chowdhary

जेडीयू लगातार महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि को भव्य तरीके से पार्टी पहली बार मना रही है. पिछले दिनों कर्पूरी ठाकुर की जयंती भी पार्टी ने भव्य तरीके से आयोजित की थी. उससे पहले महाराणा प्रताप की जयंती पर भी बड़े कार्यक्रम हुए थे और अब अंबेडकर जयंती के मौके पर पार्टी दलितों के बीच अपनी पैठ बनाने की कोशिश में लगी है. अंबेडकर जयंती को लेकर जेडीयू पार्टी कार्यालय में लगातार बैठक भी हो रही है. भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी (Building construction minister Ashok Chowdhary) को पूरी आयोजन की विशेष जिम्मेदारी दी गई है और पार्टी के दलित नेताओं के कंधे पर इसे सफल बनाने की जिम्मेवारी भी है.

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Published : Apr 4, 2023, 9:34 PM IST

जेडीयू का अंबेडकर जयंती पर भीम चौपाल करने का फैसला

पटना: बिहार में मिशन 2024 और 2025 को लेकर सत्ताधारी दल जेडीयू की तरफ से कई कार्यक्रम हो रहे हैं. विशेषकर महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि के बहाने विशेष वर्ग को रिझाने की पूरी कोशिश हो रही है. जदयू इन दिनों भीम चौपाल (JDU Bhim Chaupal on Ambedkar Jayanti on 14th April) के माध्यम से दलित वर्ग को रिझाने में लगा है. बिहार में विधानसभा के 40 और लोकसभा के 4 सीट रिजर्व हैं. दलितों की आबादी भी बिहार में अच्छी खासी है. 14 अप्रैल को बाबा भीमराव अंबेडकर की जयंती है. भीम चौपाल के माध्यम से संवाद कर यह बताने की कोशिश करेगी कि नीतीश कुमार ने ही उनके लिए अब तक सबसे ज्यादा काम किया है.

ये भी पढ़ेंः Nawada News: नवादा में भीम चौपाल कार्यक्रम, मंत्री अशोक चौधरी ने सरकारी योजनाओं के बारे में बताया

पहले सिर्फ पार्टी कार्यालय में होता था कार्यक्रमः पहले जदयू पार्टी कार्यालय में अंबेडकर जयंती मना कर खानापूर्ति कर लेती थी, लेकिन इस बार जदयू की तैयारी घर-घर पहुंचने की है. इसलिए पंचायत स्तर पर 14 अप्रैल को भीम चौपाल के माध्यम से संवाद किया जाएगा और नीतीश कुमार ने दलित वर्ग के लिए जो काम किया है उसे गिनाया जाएगा. जदयू मिशन 2024 को लेकर कई मोर्चे पर काम कर रही है लोकसभा की 40 लोकसभा सीटों में थे 6 सीट रिजर्व है लेकिन सभी सीटों में दलितों की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है.

दलित वोट बैंक पर सब की नजरः दलित वोट बैंक एक बड़े हिस्से पर चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस अपना दावा ठोक रहे हैं. जीतन राम मांझी भी दलित वोट के एक हिस्से पर अपनी दावेदारी करते हैं लेकिन जदयू नेताओं का कहना है कि दलितों के लिए सबसे अधिक नीतीश कुमार ने काम किया है. मंत्री अशोक चौधरी का कहना है कि 2005 में जब नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली है. तब उस समय समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत ही SC-ST की योजना बनती थी और उस समय विभाग का बजट मात्र 40-48 करोड़ था. 2007 में हमारे नेता ने समाज कल्याण से SC-ST विभाग को अलग कर एक नया विभाग बनाया और आज इस विभाग का बजट 2212 करोड़ रुपया है.

मुख्यमंत्री ने दलितों को दिया सम्मानः अशोक चौधरी का कहना है कि मुख्यमंत्री ने 26 जनवरी और 15 अगस्त को महादलित टोले के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति से झंडा फहराकर सम्मान दिया है. पंचायत में आरक्षण के बावजूद इस वर्ग से मुखिया नहीं बन पाते थे, लेकिन हमारे नेता ने उसे भी आरक्षित कर इस वर्ग को मुखिया बनने का मौका दिया है. एससी-एसटी के लिए मुख्यमंत्री ने शिक्षा और अन्य क्षेत्र में कई योजना शुरू की है. इससे यह वर्ग लाभान्वित हो रहा है.

"2005 में जब नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली है. तब उस समय समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत ही SC-ST की योजना बनती थी और उस समय विभाग का बजट मात्र 40-48 करोड़ था. 2007 में हमारे नेता ने समाज कल्याण सेSC-ST विभाग को अलग कर एक नया विभाग बनाया और आज इस विभाग का बजट 2212 करोड़ रुपया है. पंचायत में आरक्षण के बावजूद इस वर्ग से मुखिया नहीं बन पाते थे, लेकिन हमारे नेता ने उसे भी आरक्षित कर इस वर्ग को मुखिया बनने का मौका दिया है. एससी-एसटी के लिए मुख्यमंत्री ने शिक्षा और अन्य क्षेत्र में कई योजना शुरू की है. इससे यह वर्ग लाभान्वित हो रहा है" - अशोक चौधरी, भवन निर्माण मंत्री

14 अप्रैल को होगा भीम चौपालः 13 और 14 अप्रैल को हम लोग इन्हीं सब को लेकर महादलित टोले और घर घर में जाएंगे. 14 अप्रैल को पंचायत स्तर पर भीम चौपाल का आयोजन कर जश्न मनाएंगे. अशोक चौधरी ने बीजेपी की केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जगजीवन राम छात्रावास योजना को समाप्त कर दिया गया और वेलोग खुद को पिछड़े का पोषक कहते हैं. वहीं पूर्व मंत्री संतोष कुमार निराला ने कहा कि बाबा साहब की जयंती पर हम लोग जश्न मनाएंगे घर-घर बाबा साहब और मुख्यमंत्री का फोटो वाला स्टीकर और जितने काम मुख्यमंत्री ने किया है उन सब को लेकर पहुंचेंगे.

जेडीयू का अंबेडकर जयंती पर भीम चौपाल करने का फैसला

पटना: बिहार में मिशन 2024 और 2025 को लेकर सत्ताधारी दल जेडीयू की तरफ से कई कार्यक्रम हो रहे हैं. विशेषकर महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि के बहाने विशेष वर्ग को रिझाने की पूरी कोशिश हो रही है. जदयू इन दिनों भीम चौपाल (JDU Bhim Chaupal on Ambedkar Jayanti on 14th April) के माध्यम से दलित वर्ग को रिझाने में लगा है. बिहार में विधानसभा के 40 और लोकसभा के 4 सीट रिजर्व हैं. दलितों की आबादी भी बिहार में अच्छी खासी है. 14 अप्रैल को बाबा भीमराव अंबेडकर की जयंती है. भीम चौपाल के माध्यम से संवाद कर यह बताने की कोशिश करेगी कि नीतीश कुमार ने ही उनके लिए अब तक सबसे ज्यादा काम किया है.

ये भी पढ़ेंः Nawada News: नवादा में भीम चौपाल कार्यक्रम, मंत्री अशोक चौधरी ने सरकारी योजनाओं के बारे में बताया

पहले सिर्फ पार्टी कार्यालय में होता था कार्यक्रमः पहले जदयू पार्टी कार्यालय में अंबेडकर जयंती मना कर खानापूर्ति कर लेती थी, लेकिन इस बार जदयू की तैयारी घर-घर पहुंचने की है. इसलिए पंचायत स्तर पर 14 अप्रैल को भीम चौपाल के माध्यम से संवाद किया जाएगा और नीतीश कुमार ने दलित वर्ग के लिए जो काम किया है उसे गिनाया जाएगा. जदयू मिशन 2024 को लेकर कई मोर्चे पर काम कर रही है लोकसभा की 40 लोकसभा सीटों में थे 6 सीट रिजर्व है लेकिन सभी सीटों में दलितों की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है.

दलित वोट बैंक पर सब की नजरः दलित वोट बैंक एक बड़े हिस्से पर चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस अपना दावा ठोक रहे हैं. जीतन राम मांझी भी दलित वोट के एक हिस्से पर अपनी दावेदारी करते हैं लेकिन जदयू नेताओं का कहना है कि दलितों के लिए सबसे अधिक नीतीश कुमार ने काम किया है. मंत्री अशोक चौधरी का कहना है कि 2005 में जब नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली है. तब उस समय समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत ही SC-ST की योजना बनती थी और उस समय विभाग का बजट मात्र 40-48 करोड़ था. 2007 में हमारे नेता ने समाज कल्याण से SC-ST विभाग को अलग कर एक नया विभाग बनाया और आज इस विभाग का बजट 2212 करोड़ रुपया है.

मुख्यमंत्री ने दलितों को दिया सम्मानः अशोक चौधरी का कहना है कि मुख्यमंत्री ने 26 जनवरी और 15 अगस्त को महादलित टोले के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति से झंडा फहराकर सम्मान दिया है. पंचायत में आरक्षण के बावजूद इस वर्ग से मुखिया नहीं बन पाते थे, लेकिन हमारे नेता ने उसे भी आरक्षित कर इस वर्ग को मुखिया बनने का मौका दिया है. एससी-एसटी के लिए मुख्यमंत्री ने शिक्षा और अन्य क्षेत्र में कई योजना शुरू की है. इससे यह वर्ग लाभान्वित हो रहा है.

"2005 में जब नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली है. तब उस समय समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत ही SC-ST की योजना बनती थी और उस समय विभाग का बजट मात्र 40-48 करोड़ था. 2007 में हमारे नेता ने समाज कल्याण सेSC-ST विभाग को अलग कर एक नया विभाग बनाया और आज इस विभाग का बजट 2212 करोड़ रुपया है. पंचायत में आरक्षण के बावजूद इस वर्ग से मुखिया नहीं बन पाते थे, लेकिन हमारे नेता ने उसे भी आरक्षित कर इस वर्ग को मुखिया बनने का मौका दिया है. एससी-एसटी के लिए मुख्यमंत्री ने शिक्षा और अन्य क्षेत्र में कई योजना शुरू की है. इससे यह वर्ग लाभान्वित हो रहा है" - अशोक चौधरी, भवन निर्माण मंत्री

14 अप्रैल को होगा भीम चौपालः 13 और 14 अप्रैल को हम लोग इन्हीं सब को लेकर महादलित टोले और घर घर में जाएंगे. 14 अप्रैल को पंचायत स्तर पर भीम चौपाल का आयोजन कर जश्न मनाएंगे. अशोक चौधरी ने बीजेपी की केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जगजीवन राम छात्रावास योजना को समाप्त कर दिया गया और वेलोग खुद को पिछड़े का पोषक कहते हैं. वहीं पूर्व मंत्री संतोष कुमार निराला ने कहा कि बाबा साहब की जयंती पर हम लोग जश्न मनाएंगे घर-घर बाबा साहब और मुख्यमंत्री का फोटो वाला स्टीकर और जितने काम मुख्यमंत्री ने किया है उन सब को लेकर पहुंचेंगे.

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