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बजट का आकार बढ़ाना बिहार सरकार के लिए बड़ी चुनौती

बिहार सरकार 22 फरवरी को बजट पेश करेगी. उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद बिहार का बजट पेश करेंगे. बिहार में 15 सालों में बजट का आकार लगभग 18 गुना बढ़ चुका है. वित्त विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस बार भी 10 प्रतिशत की राशि बढ़ेगी. देखिए ये रिपोर्ट.

पटना
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Published : Feb 16, 2021, 5:47 PM IST

Updated : Feb 16, 2021, 8:26 PM IST

पटना: कोरोना काल में बिहार में बजट का आकार बढ़ाना नीतीश सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनने वाला है. विधानसभा चुनाव में एनडीए ने लोगों से कई वादे किए हैं. हर खेत तक पानी पहुंचाने का वादा है जिस पर बड़ी राशि की जरूरत होगी. वहीं, 19 लाख रोजगार पैदा करने के लिए भी कई कार्यक्रम चलाने हैं. उसके लिए भी बड़ी राशि की आवश्यकता होगी.

बजट का आकार बढ़ने की उम्मीद
विशेषज्ञों का कहना है कि बजट का आकार तभी बढ़ेगा, जब सरकार उस हिसाब से राजस्व प्राप्त करने की रणनीति तैयार करेगी. अभी बिहार ही नहीं पूरे देश में राजस्व का संग्रह घटा है, इसलिए चुनौती बड़ी है. सत्ताधारी दल के नेताओं को भी पूरी उम्मीद है कि बजट का आकार बढ़ेगा और जनता पर किसी तरह के कर का बोझ सरकार नहीं देगी. वहीं, वित्त विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस बार भी 10 प्रतिशत की राशि बढ़ेगी.

बजट का आकार बढ़ने की उम्मीद
बजट का आकार बढ़ने की उम्मीद

2005 से लगातार बढ़ा बजट का आकार
बिहार में लालू राबड़ी के शासनकाल में बजट का आकार को लेकर नीतीश कुमार कई बार बयान देते रहे हैं. 2004-05 में बिहार का बजट 30,000 करोड़ से भी कम था और आज 2 लाख करोड़ से ऊपर पहुंच चुका है. नीतीश कुमार जब सत्ता में आये थे, तो उस समय योजना मद में मात्र 6000 करोड़ खर्च किए गए थे.

योजना मद में भी लगातार बढ़ी राशि
2004-05 से 2020-21 की तुलना करें, तो 15 सालों में लगभग 18 गुना बढ़ चुका है. बिहार सरकार का बजट 22 फरवरी को पेश होगा. उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद बिहार का बजट पेश करेंगे. कोरोना के बावजूद योजना और गैर योजना मद में इस बार भी 2 लाख करोड़ से अधिक का बजट होना तय है. योजना मद में भी लगातार बजट की राशि बढ़ रही है.

''सरकार के लिए कोरोना के समय जिस प्रकार से राजस्व घटा है और सात निश्चय पार्ट 2 को जमीन पर उतारना है, तो ऐसे में चुनौती बड़ी है. बजट का आकार बढ़ना तो चाहिए, लेकिन बजट का आकार तभी बढ़ सकता है जब राजस्व उस हिसाब से सरकार को मिले''- डीएम दिवाकर, प्रोफेसर, एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट

डीएम दिवाकर, प्रोफेसर, एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट
डीएम दिवाकर, प्रोफेसर, एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट

''देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए भी चुनौती का समय है. लेकिन सरकार निश्चित रूप से जो योजनाएं हैं, उसे पूरा करने के लिए बजट का आकार बढ़ाएगी''- निखिल मंडल, जदयू प्रवक्ता

निखिल मंडल, जदयू प्रवक्ता
निखिल मंडल, जदयू प्रवक्ता

''जनता पर प्रभाव नहीं पड़े इसका सरकार जरूर ध्यान रखेगी. सरकार को एक तरफ शराब बंदी के कारण राजस्व नहीं मिल रहा है. दूसरी तरफ कोरोना के कारण भी राजस्व घटा है. चुनौती सरकार के लिए बड़ी है, लेकिन नीतीश कुमार के नेतृत्व में हम लोग इन सभी स्थितियों से बाहर भी निकलेंगे''- विनोद शर्मा, बीजेपी प्रवक्ता

विनोद शर्मा, बीजेपी प्रवक्ता
विनोद शर्मा, बीजेपी प्रवक्ता

''पिछले साल भी सरकार ने जो बजट का प्रावधान विभिन्न विभागों के लिए किया था, उसमें सरकार ने योजना मद के अनुसार राशि नहीं भेजी. चाहे वो शिक्षा, सड़क, अल्पसंख्यक विभाग, पिछड़ा विभाग या पंचायती राज विभाग हो. सरकार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है''- श्याम रजक, पूर्व मंत्री और आरजेडी नेता

श्याम रजक, पूर्व मंत्री और आरजेडी नेता
श्याम रजक, पूर्व मंत्री और आरजेडी नेता

बिहार के बजट का बढ़ता आकार

  • 2004-05 में बिहार का बजट 23,885 करोड़
  • 2009-10 में बिहार का बजट 47,446 करोड़
  • 2014-15 में बिहार का बजट 1,16,886 करोड़
  • 2019-20 में बिहार का बजट 2,00,501 करोड़
  • 2020-21 में बिहार का बजट 2,11,761 करोड़

सबकी नजर योजना मद में सरकार की ओर से तय की गई बजट में राशि पर भी होती है. 2005 से लेकर 2020-21 तक की बात करें, तो लगातार इसमें इजाफा हुआ है. ये 18 गुना से भी अधिक बढ़ा है. लेकिन इस साल कोरोना के कारण हर तरह के राजस्व में कमी आई है. इस स्थिति में जरूर सुधार हो रहा है, लेकिन अभी भी सरकार के लिए चुनौती कम नहीं हुई है.

देखिए रिपोर्ट

बिहार सरकार के योजना विकास एवं विभाग के आंकड़े: 2005 से अब तक योजना मद में खर्च राशि

  • 2005-06 में 6087 करोड़
  • 2006-07 में 9244 करोड़
  • 2007-08 में 11,965 करोड़
  • 2008-09 में 15,949 करोड़
  • 2009-10 में 19,426 करोड़
  • 2010-11 में 24,075 करोड़
  • 2011-12 में 27,502 करोड़
  • 2012-13 में 37,363 करोड़
  • 2013-14 में 39,600 करोड़
  • 2014-15 में 57,655 करोड़
  • 2015-16 में 57,424 करोड़
  • 2016-17 में 72,419 करोड़
  • 2017-18 में 81,267 करोड़
  • 2018-19 में 92,317 करोड़
  • 2019-20 में 1,01,391 करोड़
  • 2020-21 में 1,05,262 करोड़

योजनाओं पर पड़ा राजस्व में कमी का असर
पिछले साल बिहार का बजट पेश करते हुए सुशील मोदी ने कहा था कि बिहार को इस बार केंद्र से एक लाख 43 हजार 934 करोड़ राजस्व मिलेगा. तो वहीं, बिहार का अपना राजस्व 39,989 करोड़ होगा. लेकिन सरकार पहले ही कह चुकी है कि राजस्व में इस बार कमी आई है. इसका असर भी योजनाओं की प्रगति पर पड़ा है.

बिहार बजट पर सभी की नजर
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों कहा था कि सरकार का ध्यान सात निश्चय वन में जिन योजनाओं का काम अधूरा है, उसे पूरा करने पर तो रहेगा ही साथ ही साथ निश्चय पार्ट 2 में आत्मनिर्भर बिहार बनाने का जो वादा किया गया है. उसके लिए भी विशेष व्यवस्था बजट में की जाएगी. ऐसे में सबकी नजर अब 22 फरवरी पर है.

पटना: कोरोना काल में बिहार में बजट का आकार बढ़ाना नीतीश सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनने वाला है. विधानसभा चुनाव में एनडीए ने लोगों से कई वादे किए हैं. हर खेत तक पानी पहुंचाने का वादा है जिस पर बड़ी राशि की जरूरत होगी. वहीं, 19 लाख रोजगार पैदा करने के लिए भी कई कार्यक्रम चलाने हैं. उसके लिए भी बड़ी राशि की आवश्यकता होगी.

बजट का आकार बढ़ने की उम्मीद
विशेषज्ञों का कहना है कि बजट का आकार तभी बढ़ेगा, जब सरकार उस हिसाब से राजस्व प्राप्त करने की रणनीति तैयार करेगी. अभी बिहार ही नहीं पूरे देश में राजस्व का संग्रह घटा है, इसलिए चुनौती बड़ी है. सत्ताधारी दल के नेताओं को भी पूरी उम्मीद है कि बजट का आकार बढ़ेगा और जनता पर किसी तरह के कर का बोझ सरकार नहीं देगी. वहीं, वित्त विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस बार भी 10 प्रतिशत की राशि बढ़ेगी.

बजट का आकार बढ़ने की उम्मीद
बजट का आकार बढ़ने की उम्मीद

2005 से लगातार बढ़ा बजट का आकार
बिहार में लालू राबड़ी के शासनकाल में बजट का आकार को लेकर नीतीश कुमार कई बार बयान देते रहे हैं. 2004-05 में बिहार का बजट 30,000 करोड़ से भी कम था और आज 2 लाख करोड़ से ऊपर पहुंच चुका है. नीतीश कुमार जब सत्ता में आये थे, तो उस समय योजना मद में मात्र 6000 करोड़ खर्च किए गए थे.

योजना मद में भी लगातार बढ़ी राशि
2004-05 से 2020-21 की तुलना करें, तो 15 सालों में लगभग 18 गुना बढ़ चुका है. बिहार सरकार का बजट 22 फरवरी को पेश होगा. उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद बिहार का बजट पेश करेंगे. कोरोना के बावजूद योजना और गैर योजना मद में इस बार भी 2 लाख करोड़ से अधिक का बजट होना तय है. योजना मद में भी लगातार बजट की राशि बढ़ रही है.

''सरकार के लिए कोरोना के समय जिस प्रकार से राजस्व घटा है और सात निश्चय पार्ट 2 को जमीन पर उतारना है, तो ऐसे में चुनौती बड़ी है. बजट का आकार बढ़ना तो चाहिए, लेकिन बजट का आकार तभी बढ़ सकता है जब राजस्व उस हिसाब से सरकार को मिले''- डीएम दिवाकर, प्रोफेसर, एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट

डीएम दिवाकर, प्रोफेसर, एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट
डीएम दिवाकर, प्रोफेसर, एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट

''देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए भी चुनौती का समय है. लेकिन सरकार निश्चित रूप से जो योजनाएं हैं, उसे पूरा करने के लिए बजट का आकार बढ़ाएगी''- निखिल मंडल, जदयू प्रवक्ता

निखिल मंडल, जदयू प्रवक्ता
निखिल मंडल, जदयू प्रवक्ता

''जनता पर प्रभाव नहीं पड़े इसका सरकार जरूर ध्यान रखेगी. सरकार को एक तरफ शराब बंदी के कारण राजस्व नहीं मिल रहा है. दूसरी तरफ कोरोना के कारण भी राजस्व घटा है. चुनौती सरकार के लिए बड़ी है, लेकिन नीतीश कुमार के नेतृत्व में हम लोग इन सभी स्थितियों से बाहर भी निकलेंगे''- विनोद शर्मा, बीजेपी प्रवक्ता

विनोद शर्मा, बीजेपी प्रवक्ता
विनोद शर्मा, बीजेपी प्रवक्ता

''पिछले साल भी सरकार ने जो बजट का प्रावधान विभिन्न विभागों के लिए किया था, उसमें सरकार ने योजना मद के अनुसार राशि नहीं भेजी. चाहे वो शिक्षा, सड़क, अल्पसंख्यक विभाग, पिछड़ा विभाग या पंचायती राज विभाग हो. सरकार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है''- श्याम रजक, पूर्व मंत्री और आरजेडी नेता

श्याम रजक, पूर्व मंत्री और आरजेडी नेता
श्याम रजक, पूर्व मंत्री और आरजेडी नेता

बिहार के बजट का बढ़ता आकार

  • 2004-05 में बिहार का बजट 23,885 करोड़
  • 2009-10 में बिहार का बजट 47,446 करोड़
  • 2014-15 में बिहार का बजट 1,16,886 करोड़
  • 2019-20 में बिहार का बजट 2,00,501 करोड़
  • 2020-21 में बिहार का बजट 2,11,761 करोड़

सबकी नजर योजना मद में सरकार की ओर से तय की गई बजट में राशि पर भी होती है. 2005 से लेकर 2020-21 तक की बात करें, तो लगातार इसमें इजाफा हुआ है. ये 18 गुना से भी अधिक बढ़ा है. लेकिन इस साल कोरोना के कारण हर तरह के राजस्व में कमी आई है. इस स्थिति में जरूर सुधार हो रहा है, लेकिन अभी भी सरकार के लिए चुनौती कम नहीं हुई है.

देखिए रिपोर्ट

बिहार सरकार के योजना विकास एवं विभाग के आंकड़े: 2005 से अब तक योजना मद में खर्च राशि

  • 2005-06 में 6087 करोड़
  • 2006-07 में 9244 करोड़
  • 2007-08 में 11,965 करोड़
  • 2008-09 में 15,949 करोड़
  • 2009-10 में 19,426 करोड़
  • 2010-11 में 24,075 करोड़
  • 2011-12 में 27,502 करोड़
  • 2012-13 में 37,363 करोड़
  • 2013-14 में 39,600 करोड़
  • 2014-15 में 57,655 करोड़
  • 2015-16 में 57,424 करोड़
  • 2016-17 में 72,419 करोड़
  • 2017-18 में 81,267 करोड़
  • 2018-19 में 92,317 करोड़
  • 2019-20 में 1,01,391 करोड़
  • 2020-21 में 1,05,262 करोड़

योजनाओं पर पड़ा राजस्व में कमी का असर
पिछले साल बिहार का बजट पेश करते हुए सुशील मोदी ने कहा था कि बिहार को इस बार केंद्र से एक लाख 43 हजार 934 करोड़ राजस्व मिलेगा. तो वहीं, बिहार का अपना राजस्व 39,989 करोड़ होगा. लेकिन सरकार पहले ही कह चुकी है कि राजस्व में इस बार कमी आई है. इसका असर भी योजनाओं की प्रगति पर पड़ा है.

बिहार बजट पर सभी की नजर
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों कहा था कि सरकार का ध्यान सात निश्चय वन में जिन योजनाओं का काम अधूरा है, उसे पूरा करने पर तो रहेगा ही साथ ही साथ निश्चय पार्ट 2 में आत्मनिर्भर बिहार बनाने का जो वादा किया गया है. उसके लिए भी विशेष व्यवस्था बजट में की जाएगी. ऐसे में सबकी नजर अब 22 फरवरी पर है.

Last Updated : Feb 16, 2021, 8:26 PM IST
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