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पटना: लॉकडाउन के दौरान चोरी की घटनाओं में हुई बढ़ोतरी, अब तक नहीं हुई गिरफ्तारी

राजधानी पटना में चोरों का आतंक बढ़ गया है. जिसको लेकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. चोरी की घटनाओं में पुलिस मुख्यालय के आंकड़े की माने तो 2020 के जून तक के आंकड़े के अनुसार 13572 मामले दर्ज किए गए हैं.

Increase in incidents of theft
चोरी की घटनाओं में हुई वृध्दि
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Published : Sep 10, 2020, 3:33 PM IST

पटना: बिहार में इन दिनों लगातार चोरी की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है. खासकर राजधानी पटना में चोरों के आतंक से लोग परेशान हैं. राजधानी पटना के सचिवालय और कोतवाली थाना अंतर्गत कई इलाके में कई दिनों में सबसे ज्यादा चोरी के मामले सामने आए हैं. पिछले 3 महीनों में पटना के शहरी इलाकों कि अगर बात करें तो 30 से अधिक के बड़ी चोरी की घटनाएं हुई हैं. 20 जुलाई को कैप्टन राकेश के यहां से भीषण चोरी की घटना के बाद आईजी के निर्देश पर एसआईटी के गठन की गई थी. वहीं, एक महीने बाद 20 अगस्त को निराला नगर में प्रशिक्षु आईपीएस के घर से शातिर ने करोड़ों रुपये की चोरी की.

चोरों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है पुलिस
वहीं, इन दोनों मामले में एसआईटी का गठन होने के बावजूद महीने भर बाद भी पुलिस शातिर चोरों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है. न ही पुलिस की तरफ से किसी भी बड़ी घटना का खुलासा किया गया है. चोरों ने 7 सितंबर को शातिर ने पूर्व मंत्री वैद्यनाथ साहनी के घर में चोरी की घटना को अंजाम दिया. पूर्व मंत्री वैद्यनाथ साहनी अपने घर समस्तीपुर गए हुए थे. तभी घर बंद घर देखकर चोरों ने 25 लाख के समान और कैश की चोरी की घटना को अंजाम दिया था. पुलिस की माने तो करोना काल के दौरान घरों को बंद कर ज्यादातर परिवार गांव चले गए हैं. ऐसे में बंद घर को देखकर चोर उन घरों को निशाना बना रहे हैं. वहीं, पुलिस अपने स्तर से छानबीन कर रही है जल्द से जल्द अपराधियों को गिरफ्तार किया जाएगा.

लगातार बढ़ रही चोरी की घटनायें
राजधानी पटना के कोतवाली अनुमंडल में दीघा के निराला नगर में अगस्त महीने में शातिर चोरों ने एक साथ चार घरों में एक करोड़ से अधिक रुपये की संपत्ति की चोरी कर ली थी. इस मामले में भी पुलिस का हाथ अब तक खाली है. पुलिस सिर्फ आश्वासन दे रही है. जमीनी हकीकत न के बराबर देखने को मिल रही है. अब कहीं न कहीं जिस तरह से राजधानी पटना में चोरों का आतंक बढ़ गया है. पुलिस के गश्ती और कार्यशैली पर भी सवाल उठने शुरु हो गए हैं. चोरी की घटनाओं में पुलिस मुख्यालय के आंकड़े की माने तो पिछले साल 2019 में कुल 34970 मामले बिहारभर में दर्ज किए गए थे. वहीं, 2020 के जून तक के आंकड़े के अनुसार 13572 मामले दर्ज किए गए हैं. जून के बाद अब तक का आंकड़ा पुलिस मुख्यालय के पास मौजूद नहीं है.

पटना: बिहार में इन दिनों लगातार चोरी की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है. खासकर राजधानी पटना में चोरों के आतंक से लोग परेशान हैं. राजधानी पटना के सचिवालय और कोतवाली थाना अंतर्गत कई इलाके में कई दिनों में सबसे ज्यादा चोरी के मामले सामने आए हैं. पिछले 3 महीनों में पटना के शहरी इलाकों कि अगर बात करें तो 30 से अधिक के बड़ी चोरी की घटनाएं हुई हैं. 20 जुलाई को कैप्टन राकेश के यहां से भीषण चोरी की घटना के बाद आईजी के निर्देश पर एसआईटी के गठन की गई थी. वहीं, एक महीने बाद 20 अगस्त को निराला नगर में प्रशिक्षु आईपीएस के घर से शातिर ने करोड़ों रुपये की चोरी की.

चोरों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है पुलिस
वहीं, इन दोनों मामले में एसआईटी का गठन होने के बावजूद महीने भर बाद भी पुलिस शातिर चोरों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है. न ही पुलिस की तरफ से किसी भी बड़ी घटना का खुलासा किया गया है. चोरों ने 7 सितंबर को शातिर ने पूर्व मंत्री वैद्यनाथ साहनी के घर में चोरी की घटना को अंजाम दिया. पूर्व मंत्री वैद्यनाथ साहनी अपने घर समस्तीपुर गए हुए थे. तभी घर बंद घर देखकर चोरों ने 25 लाख के समान और कैश की चोरी की घटना को अंजाम दिया था. पुलिस की माने तो करोना काल के दौरान घरों को बंद कर ज्यादातर परिवार गांव चले गए हैं. ऐसे में बंद घर को देखकर चोर उन घरों को निशाना बना रहे हैं. वहीं, पुलिस अपने स्तर से छानबीन कर रही है जल्द से जल्द अपराधियों को गिरफ्तार किया जाएगा.

लगातार बढ़ रही चोरी की घटनायें
राजधानी पटना के कोतवाली अनुमंडल में दीघा के निराला नगर में अगस्त महीने में शातिर चोरों ने एक साथ चार घरों में एक करोड़ से अधिक रुपये की संपत्ति की चोरी कर ली थी. इस मामले में भी पुलिस का हाथ अब तक खाली है. पुलिस सिर्फ आश्वासन दे रही है. जमीनी हकीकत न के बराबर देखने को मिल रही है. अब कहीं न कहीं जिस तरह से राजधानी पटना में चोरों का आतंक बढ़ गया है. पुलिस के गश्ती और कार्यशैली पर भी सवाल उठने शुरु हो गए हैं. चोरी की घटनाओं में पुलिस मुख्यालय के आंकड़े की माने तो पिछले साल 2019 में कुल 34970 मामले बिहारभर में दर्ज किए गए थे. वहीं, 2020 के जून तक के आंकड़े के अनुसार 13572 मामले दर्ज किए गए हैं. जून के बाद अब तक का आंकड़ा पुलिस मुख्यालय के पास मौजूद नहीं है.

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