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भाकपा माले ने वर्चुअल चुनाव प्रचार पर जताई आपत्ति, चुनाव आयोग को सौंपा ज्ञापन - virtual campaigning

भाकपा माले ने बिहार निर्वाचन आयोग को बिहार में चुनाव के लिए प्रचार को लेकर ज्ञापन सौंपा है. इस ज्ञापन में सभी दलों को अवसर प्रदान करने की बात कही गई है.

बिहार की ताजा खबर
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Published : Jun 29, 2020, 11:08 PM IST

पटना: भाकपा माले के वरिष्ठ नेता कॉमरेड राजाराम और राज्य कमेटी सदस्य उमेश सिंह ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी बिहार से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा. भाकपा माले ने चुनाव आयोग से मांग करते हुए वर्चुअल चुनाव प्रचार पर आपत्ति जताई है. इस बाबत भाकपा माले का कहना है कि ऐसे प्रचार प्रसार का सीधा लाभ सत्ताधारी पार्टियों को मिलेगा क्योंकि उनके पास पैसों की कमी नहीं है.

भाकपा माले ने अपने ज्ञापन में लिखा कि कोरोना महामारी को देखते हुए चुनाव में जनता की व्यापक भागीदारी और सभी दलों को समान अवसर प्रदान करने में आयोग गंभीरता से विचार करें. वर्चुअल चुनाव प्रचार का तरीका सिर्फ सत्ताधारी ही कर सकते हैं क्योंकि उनके पास पैसों की कमी नहीं है और वे आर्थिक रूप से भी काफी मजबूत हैं. लेकिन जो छोटी पार्टियां हैं या छोटे दल हैं वह आर्थिक तौर पर काफी कमजोर हैं, जिस कारण वर्चुअल प्रचार करने में असमर्थ हैं.

पटना से प्रणव की रिपोर्ट

'सभी दलों को मिले मौका'
ज्ञापन के मुताबिक भाकपा माले ने लिखा कि जनता तक ऐसी पार्टियों की बातें नहीं पहुंच पाएंगी. ऐसे में चुनाव जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों की सही अभिव्यक्ति नहीं हो सकता. इसलिए चुनाव आयोग इस पर गंभीरता से विचार करें और कोई ऐसा रास्ता निकालें जिससे कि जनता की व्यापक भागीदारी हो. सभी दल चाहे वह सत्ताधारी हो या विपक्ष सभी को एक समान भी अवसर मिले.

पटना: भाकपा माले के वरिष्ठ नेता कॉमरेड राजाराम और राज्य कमेटी सदस्य उमेश सिंह ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी बिहार से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा. भाकपा माले ने चुनाव आयोग से मांग करते हुए वर्चुअल चुनाव प्रचार पर आपत्ति जताई है. इस बाबत भाकपा माले का कहना है कि ऐसे प्रचार प्रसार का सीधा लाभ सत्ताधारी पार्टियों को मिलेगा क्योंकि उनके पास पैसों की कमी नहीं है.

भाकपा माले ने अपने ज्ञापन में लिखा कि कोरोना महामारी को देखते हुए चुनाव में जनता की व्यापक भागीदारी और सभी दलों को समान अवसर प्रदान करने में आयोग गंभीरता से विचार करें. वर्चुअल चुनाव प्रचार का तरीका सिर्फ सत्ताधारी ही कर सकते हैं क्योंकि उनके पास पैसों की कमी नहीं है और वे आर्थिक रूप से भी काफी मजबूत हैं. लेकिन जो छोटी पार्टियां हैं या छोटे दल हैं वह आर्थिक तौर पर काफी कमजोर हैं, जिस कारण वर्चुअल प्रचार करने में असमर्थ हैं.

पटना से प्रणव की रिपोर्ट

'सभी दलों को मिले मौका'
ज्ञापन के मुताबिक भाकपा माले ने लिखा कि जनता तक ऐसी पार्टियों की बातें नहीं पहुंच पाएंगी. ऐसे में चुनाव जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों की सही अभिव्यक्ति नहीं हो सकता. इसलिए चुनाव आयोग इस पर गंभीरता से विचार करें और कोई ऐसा रास्ता निकालें जिससे कि जनता की व्यापक भागीदारी हो. सभी दल चाहे वह सत्ताधारी हो या विपक्ष सभी को एक समान भी अवसर मिले.

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