पटनाः बिहार के पटना में जनता दरबार (CM Janta Darbar In Patna) लगाया जाता है. सीएम नीतीश कुमार लोगों की समस्या सुनते हैं और समाधान का निर्देश देते हैं. लेकिन ऐसे भी फरियादी हैं जो कई बार जनता दरबार में पहुंचे हैं. लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. कई तो ऐसे भी हैं जिन्हें सीएम से मिलने ही नहीं दिया गया हो. सोमवार को खगड़िया से पहुंचे 87 वर्षीय सन्यासी नोखेलाल शाह मुख्यमंत्री से 18 बीघा जमीन कब्जा से मुक्त कराने की गुहार लगा रहे हैं. पहले भी जनता दरबार में गुहार लगाने पहुंच चुके हैं लेकिन अधिकारियों ने इन्हें मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दिया.
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दंबगों ने मेरी जमीन हड़प लिया है. इसमें सीओ और डीसीएलआर भी शामिल है. इसे भी बदले में कुछ दिया जाता है. सभी मेरे जमीन का बंदरबांट कर रहे हैं. मेरे पास एक इंच भी जमीन नहीं है. मांग कर खाना खाते हैं. जमीन होते हुए भी परिवार के लोग मजदूरी कर रहे हैं. कई बार जनता दरबार में आए हैं लेकिन अधिकारी सीएम से मिलने नहीं दे रहे हैं. - नोखेलाल शाह, खगड़िया से पहुंचे फरियादी
2012 से ही जमीन हड़प लिया हैः नोखेलाल शाह ने कहा कि हर जगह गुहार लगा चुके हैं, जिन लोगों ने कब्जा किया है उस पर कोई कार्रवाई आज तक नहीं हुई है. 2012 से ही यह मामला चल रहा है. आज 18 बीघा जमीन होने के बाद भी मेरे पास 1 इंच जमीन नहीं है. जबकि जमीन का सारा कागजात मेरे पास है. नोखेलाल शाह का कहना है कि हम तो अब सन्यासी बन गए हैं. मांग कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं. लेकिन मेरे परिवार के सदस्य जमीन होते हुए भी मजदूरी करने के लिए विवश हैं.
3 बीघा जमीन दान में दे देंगेः हमने काफी पहले ही 3 बीघा जमीन दान देने की भी घोषणा कर रखी है अस्पताल और थाने के लिए जमीन देने की घोषणा की है. लेकिन जब कहीं सुनवाई नहीं हो रही है तो मुख्यमंत्री से ही गुहार लगाने पहुंचे हैं. लेकिन यहां भी अधिकारी मुख्यमंत्री के पास जाने नहीं दे रहे हैं. मुख्यमंत्री से गुहार लगाने के लिए खगड़िया से 2 दिन पहले अनोखेलाल शाह पटना पहुंचे हैं. जनता दरबार के बाहर एक तरह से धरना पर बैठे हुए हैं.
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन जरूरीः बता दें कि इस बार मुख्यमंत्री से मिलने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होता है. लेकिन नोखेलाल शाह ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है. जिस कारण वे सीएम से नहीं मिल पाए हैं. हर सोमवार को जब भी मुख्यमंत्री जनता दरबार लगाते हैं अधिकांश लोग जमीन विवाद से संबंधित समस्या लेकर ही पहुंचते हैं. उसमें नोखेलाल शाह जैसे बुजुर्ग भी बड़ी उम्मीद से पहुंचते हैं. लेकिन जानकारी के अभाव में सीएम से नहीं मिल पाते हैं.