नई दिल्ली : न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार टेस्ट सीरीज में मिली हार के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड एक्शन में है. बीसीसीआई जल्द ही खिलाड़ियों को लेकर नई गाइडलाइंस का आधिकारिक रूप से ऐलान कर सकता है, जिसमें सख्त फिटनेस कार्यक्रम को लागू करना भी शामिल है.
बीसीसीआई जल्द करेगा नई गाइडलाइंस का ऐलान
एक रिपोर्ट के अनुसार बीसीसीआई, कोच गौतम गंभीर, कप्तान रोहित शर्मा और मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने मुलाकात की और इस बात पर चर्चा की कि लंबे दौरों के दौरान खिलाड़ियों को अपनी पत्नियों या पार्टनरों के साथ कितना समय बिताना चाहिए. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार खिलाड़ी अब किसी भी दौरे पर अलग-अलग ट्रैवल नहीं पर पाएंगे और पूरी टीम एक साथ एक बस में ट्रैवल करेगी.
🚨 NEW GUIDELINES FROM BCCI. 🚨
— Mufaddal Vohra (@mufaddal_vohra) January 14, 2025
- Cricketers' wives will not be able to stay for the entire tour.
- A cricketer's family can stay for a maximum of 2 weeks during a 45 day tour.
- Every player needs to travel by team bus, separate travelling not allowed. (Abhishek Tripathi). pic.twitter.com/ysCyHRguCO
हर्षा भोगले ने दिया एक नया सुझाव
इन सभी मुद्दों के मद्देनजर, कमेंटेटर हर्षा भोगले ने भी सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए भारतीय क्रिकेट में सुधार लाने के लिए अपनी एक राय दी है.
Reading of the changes the BCCI is apparently suggesting for the Indian team. I don't know how much to believe but if I had to nominate one rule to be strictly applied, it would be to ban team members from having PR agencies
— Harsha Bhogle (@bhogleharsha) January 15, 2025
एक्स पर अपनी बात रखते हुए, भोगले ने पोस्ट किया, 'बीसीसीआई द्वारा भारतीय टीम के लिए सुझाए गए बदलावों को पढ़कर मुझे नहीं पता कि इस पर कितना विश्वास करना चाहिए, लेकिन अगर मुझे एक नियम बताना हो जिसे सख्ती से लागू किया जाना चाहिए, तो वह यह होगा कि टीम के सदस्यों को पीआर एजेंसियां रखने से प्रतिबंधित किया जाए.
क्या करती हैं पीआर एजेंसियां ?
बता दें कि, क्रिकेटर अक्सर अपनी सार्वजनिक छवि, विज्ञापन, सोशल मीडिया उपस्थिति और मीडिया इंटरैक्शन को मैनेज करने के लिए पीआर एजेंसियों के साथ कोलैबोरेट (साथ मिलकर काम) करते हैं.
पीआर एजेंसियां क्रिकेटरों को एक साफ सुथरी पब्लिक इमेज बनाए रखने में मदद करती हैं, उनकी मार्केट वैल्यू को बढ़ाती हैं और क्रिकेटरों को शीर्ष ब्रांडों से जोड़ती हैं और आकर्षक विज्ञापन सौदों पर बातचीत करती हैं, जिससे क्रिकेटरों की कमाई के साधन बढ़ जाते हैं.