नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी कर्मचारियों के लिए 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी. आयोग 2026 तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को इसकी घोषणा की. 8वें वेतन आयोग के लागू होने से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 8वें वेतन आयोग के गठन का निर्णय लिया गया. बता दें कि इससे पहले 2014 में सरकार ने 7वें वेतन आयोग का गठन किया था. इसका कार्यकाल 2026 में समाप्त होगा. 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल समाप्त होने से पहले केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन में संशोधन के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन का निर्णय लिया गया है.
#WATCH | Delhi: Union Minister Ashwini Vaishnaw says, " prime minister has approved the 8th central pay commission for all employees of central government..." pic.twitter.com/lrVUD25hFu
— ANI (@ANI) January 16, 2025
वेतन आयोग क्या है?
वेतन आयोग केंद्र सरकार द्वारा गठित एक बॉडी है. यह आयोग कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रैक्चर की समीक्षा करता है और उसमें बदलाव की सिफारिश करता है. यह पैनल कर्मचारियों के बोनस, भत्ते और अन्य लाभों की भी समीक्षा करता है. यह केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के साथ-साथ रक्षा बलों के लिए भी बदलावों की सिफारिश करता है.
वेतन आयोग सभी केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का वेतन संशोधन करता है और इसके फैसले लाखों लोगों को प्रभावित करते हैं. सैलरी स्ट्रैक्चर की समीक्षा करते समय, वेतन आयोग मौजूदा आर्थिक स्थितियों, मुद्रास्फीति, सरकार की राजकोषीय स्थिति और कई अन्य फैक्टर्स को ध्यान में रखता है.वेतन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार करना सरकार के लिए अनिवार्य नहीं है. सरकार चाहे तो सिफारिशों को स्वीकार कर सकती और चाहे तो अस्वीकार करने का विकल्प भी चुन सकती है.
कितने साल के लिए बनता है वेतन आयोग?
वेतन आयोग आमतौर पर हर 10 साल में गठित किए जाते हैं और पहला वेतन आयोग 1946 में स्थापित किया गया था. आजादी के बाद से अब तक कुल सात वेतन आयोगों का गठन किया जा चुका है. सबसे हालिया वेतन आयोग 2014 में स्थापित किया गया था और इसकी सिफारिशें 2016 में लागू हुईं. वर्तमान में केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर वेतन मिलता है.