पटना: तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बुधवार को एक रैली (rally in Telangana) का आयोजन किया था. रैली में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, सपा नेता अखिलेश यादव और कई बड़े नेता शामिल हुए थे. बताया जाता है कि इस रैली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नहीं बुलाया गया. इससे जहां विपक्षी एकता को झटका लगा है, वहीं भाजपा खेमे में खुशी है.
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विरोधी दल में कोई पूछने वाला नहीं: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि नितीश कुमार भारतीय जनता पार्टी से इसलिए अलग हुए क्योंकि उनको प्रधानमंत्री बनना है. लेकिन भाजपा में उसकी कोई वैकेंसी नहीं है. पूरा देश नरेंद्र मोदी को एक बार फिर प्रधानमंत्री बनते देखना चाहता है. नीतीश कुमार ने महागठबंधन में इसी मुद्दे को ले जाकर समझौता किया था. लेकिन अब उनको 2 महीने में ही समझ में आ गया कि उनको विरोधी दल में कोई पूछने वाला नहीं है. इसलिए तेजस्वी यादव को 2025 में मुख्यमंत्री बनाने की बात कर रहे हैं.
दो रंग के कपड़े: संजय जायसवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने अलमारी में दो रंग के कपड़े रखते हैं. एक हरे रंग का और एक केसरिया रंग का. समय के अनुसार नीतीश कुमार कपड़ा बदलने का भी काम करते हैं. हम सभी तिरंगा के कपड़ा वाले लोग हैं हम लोग कपड़ा नहीं बदलते हैं. आज के समय में भारत की राजनीति में नीतीश कुमार अप्रासांगिक हो गए हैं. वह पूरी तरह से निराश हो चुके हैं. उनको कोई भी दल नेता मानने को तैयार नहीं है.
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जनता से किए वादे को भूलना चाहते: मुख्यमंत्री द्वारा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि एनके सिंह जेडीयू के सांसद रहे हैं और 14 फाइनेंस कमीशन में उन्होंने इस कार्य को नहीं किया. यह सभी जानते हैं फाइनेंस कमीशन से ही विशेष दर्जा की मांग तय होती है कि किसको विशेष राज्य का दर्जा देना है या नहीं. 15 वें फाइनेंस कमीशन के चेयरमैन एनके सिंह ही थे. उन्होंने मांग को खत्म कर दिया था. मुख्यमंत्री समय-समय पर इस तरह का शगुफा छोड़ते हैं. नीतीश कुमार जनता से किए हुए वादे को भूलना चाहते हैं.
अनर्गल बयानबाजी करवाते हैं: दो लाख से ज्यादा लोगों को नौकरी पिछले छह महीने में ही देने की बात हुई थी लेकिन अभी तक नौकरी नहीं मिल पा रही है. आंगनबाड़ी सेविका हो रसोईया किसी को भी स्थाई नहीं किया गया. मुख्यमंत्री लगातार सुरेंद्र यादव और चंद्रशेखर यादव से अनर्गल बयानबाजी करवाते हैं, ताकि जनता उनसे कोई सवाल ना करे. युवा रोजगार पर बात ना करें इसीलिए विशेष राज्य दर्जा की बात करते रहते हैं.