पटना: बिहार में अति पिछड़ा आरक्षण को लेकर सियासत चरम पर पहुंच (Extremely Backward Classes in Bihar) गई है. जेडीयू के पोल खोल कार्यक्रम के बाद अब बीजेपी ने भी हल्ला बोला है. 'आरक्षण बचाओ चुनाव कराओ कार्यक्रम' के तहत पार्टी के नेताओं ने प्रदर्शन किया. भारतीय जनता पार्टी ने 1000 मंडलों में धरना दिया. अति पिछड़ों को आरक्षण देने के सवाल पर बीजेपी ने कहा कि पटना उच्च न्यायालय ने बिहार में निकाय चुनाव स्थगित कर दिया. सरकार की हठधर्मिता की वजह से यह नौबत आई है.
ये भी पढ़ें- बिहार में अध्यक्ष के लिए BJP अति पिछड़ा पर लगा सकती है दांव, समझिये समीकरण
अपनी नाकामी छिपा रहे जेडीयू नेता: दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने नगर निकाय चुनाव में अति पिछड़ों को आरक्षण देने के लिए जो पैमाना तय किये थे उसे बिहार सरकार ने नहीं माना. पटना उच्च न्यायालय के फैसले के बाद जदयू नेता नाकामियों को छिपाने के लिए भाजपा पर हमलावर हो गए. और कार्यक्रम का आयोजन प्रखंड स्तर पर करके, बीजेपी के खिलाफ धरना दिया.
''नीतीश कुमार अति पिछड़ों को आरक्षण नहीं देना चाहते हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवहेलना कर वह चुनाव को टालना चाहते हैं और वह अति पिछड़ा विरोधी हैं''- विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधानसभा
पोल खोल का जवाब BJP का आरक्षण बचाओ कार्यक्रम: भाजपा की ओर से भी जवाबी कार्रवाई हुई. सोमवार को भारतीय जनता पार्टी ने 'आरक्षण बचाओ चुनाव कराओ कार्यक्रम' का आयोजन किया. पूरे बिहार में कार्यक्रम के तहत भाजपा नेता सड़कों पर उतरे हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बेनकाब कर रहे हैं भाजपा नेताओं का यह कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) के मंशा बिहार में नगर निकाय चुनाव कराने की नहीं है. इसलिए वह गैरकानूनी तरीके से आरक्षण देने का नाटक कर रहे हैं. वो चुनाव को सुलझाना चाहते हैं.
'' नीतीश कुमार को अति पिछड़ों की चिंता नहीं है. वह अति पिछड़ों के नाम पर राजनीति कर रहे हैं. उनकी हठधर्मिता की वजह से बिहार में चुनाव टला है. हम मांग करते हैं कि नीतीश कुमार सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक काम करें और अति पिछड़ों को आरक्षण दें''- सम्राट चौधरी, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष