पटना: रामचरितमानस पर शिक्षा मंत्री के बयान के बाद विपक्षी पार्टियां लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही है. इसी क्रम में आज यानी 14 जनवरी को भारतीय जनता युवा मोर्चा (Bharatiya Janata Yuva Morcha) के सैकड़ों कार्यकर्ता पटना के इनकम टैक्स गोलंबर पहुंचे. जहां पर शिक्षा मंत्री का पुतला दहन किया और बिहार शिक्षा मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए उनके इस्तीफेे की मांग की. इस मौके पर मौजूद युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं का साफ-साफ कहना था कि ऐसे शिक्षा मंत्री को 1 मिनट भी पद पर रहने का अधिकार नहीं है.
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BJYM ने शिक्षा मंत्री का किया पुतला दहन : बिहार बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं का कहना था कि जिन्होंने सनातन धर्म के शास्त्र के बारे में इस तरह की बातें कही है. उन्हें एक मिनट अपने पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है. सड़क पर उतरे युवा मोर्चा के कार्यकर्ता शिक्षा मंत्री मुर्दाबाद के नारे लगाते नजर आ रहे थे. और पोस्टर के जरिए अपना विरोध प्रकट कर रहे थे. बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष दुर्गेश सिंह ने कहा कि आज पूरे बिहार में युवा मोर्चा द्वारा शिक्षा मंत्री का पुतला दहन किया जा रहा है. जिस तरह का बयान उन्होंने रामचरितमानस को लेकर दिया है वह दुर्भाग्यपूर्ण है.
'अपने बयान को लेकर ना वो माफी मांग रहे हैं ना ही बयान से पीछे हट रहे हैं. यह भी एक गलत बात है. और इसके विरोध में युवा मोर्चा लगातार प्रदर्शन कर रहा है. आज भी हम लोग पटना में शिक्षा मंत्री का पुतला दहन किए हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग कर रहे हैं कि ऐसे शिक्षा मंत्री को जल्द से जल्द बर्खास्त करें.' - दुर्गेश सिंह, बीजेपी युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष
शिक्षा मंत्री के बयान पर मचा है घमासान : गौरतलब है कि बीजेपी बिहार में विपक्ष में है और शिक्षा मंत्री के रामचरित मानस पर दिए गए विवादित बयान के बाद लगातार उन पर हमलावर है. और अब बीजेपी युवा मोर्चा भी सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है. भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ता सरकार से मांग कर रहे हैं कि शिक्षा मंत्री को जल्द से जल्द बर्खास्त किया जाए. बता दें कि बिहार के शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस पर विवादित बयान देते हुए कहा था कि, 'रामचरितमानस ग्रंथ समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है. यह समाज में दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ाई से रोकता है. उनके इस बयान के बाद बिहार में हंगामा बरपा है. लेकिन शिक्षा मंत्री अपने बयान पर अभी भी कायम हैं.