पटना: दिल्ली चुनाव परिणाम से बिहार में सत्ताधारी दल जेडीयू को भी झटका लगा है. जेडीयू पहली बार बीजेपी के साथ 2 सीटों पर तालमेल कर अपने उम्मीदवार उतारी थी. दिल्ली चुनाव में पार्टी ने पूरी ताकत भी लगाई, लेकिन कोई लाभ नहीं मिला. अब जेडीयू के नेताओं का कहना है कि दिल्ली में मिली हार का कोई असर बिहार पर नहीं पड़ेगा. बिहार में नीतीश कुमार के सामने कोई चुनौती नहीं है.
बता दें कि दिल्ली चुनाव में जेडीयू के दोनों उम्मीदवारों की करारी हार हुई है. बीजेपी के साथ तालमेल का भी जेडीयू को कोई लाभ नहीं मिला. वहीं, दिल्ली चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रशांत किशोर को भी जेडीयू ने चुनाव के दौरान ही पार्टी से बाहर निकाल दिया था. जेडीयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने प्रशांत किशोर के बारे में कहा कि वो राजनीतिक नहीं, व्यवसायिक आदमी हैं.
'विपक्ष के लिए पीके के काम करने से नहीं पड़ेगा असर'
विपक्ष के लिए पीके के काम करने पर अरविंद निषाद ने कहा कि प्रशांत किशोर यदि बिहार चुनाव में विपक्ष के लिए काम भी करेंगे तो कोई असर पड़ने वाला नहीं है. क्योंकि बिहार में नीतीश कुमार ने पिछले 15 सालों में जो काम किया है. इससे खुश होकर जनता ने बार-बार अपना समर्थन दिया है. बिहार विधानसभा चुनाव पर दिल्ली चुनाव का कोई भी असर नहीं पड़ने वाला है.
जेडीयू के मंसूबे धरे रह गए
दिल्ली चुनाव में 2 सीटों के लिये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ जेडीयू कोटे के आधा दर्जन मंत्री चुनाव प्रचार करने गए थे. साथ ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृह मंत्री ने भी नीतीश कुमार के साथ दोनों सीट पर प्रचार किया था. उसके बावजूद जेडीयू के मंसूबे धरे रह गए. जेडीयू के उम्मीदवार संगम और बुराड़ी दोनों सीट से काफी अंतर से हार गए.