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बिहार में सिर्फ 1 सीट पर NDA को मिली मात, JDU विधायक ने बताई हार की वजह - cm nitish kumar

जेडीयू विधायक ने कहा कि चुनाव के वक्त निर्दलीय उम्मीदवारों को नजर अंदाज करना भी महंगा साबित हुआ. उन्होंने कहा कि उन्हें निर्दलीय उम्मीदवारों को समझाना चाहिए था और उनसे मदद मांगनी चाहिए थी.

मास्टर मुजाहिद आलम, जेडीयू विधायक
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Published : May 25, 2019, 11:54 AM IST

किशनगंज: बिहार के 40 सीटों में से 39 सीटों पर एनडीए के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है. इस चुनाव में महागठबंधन ने मात्र एक सीट पर जीत हासिल की है. ये सीट से कांग्रेस नेता डॉ. जावेद आजाद उम्मीदवार थे, जिन्होंने यहां से अपनी जीत मुकर्रर की है.

जेडीयू को मिली हार
इस सीट से महागठबंधन की जीत पर जेडीयू विधायक मास्टर मुजाहिद आलम ने कहा कि चुनाव की तैयारियों में कुछ कमी रह गई होगी, जिस कारण सही रणनीति नहीं बन पाई और पराजय का मुंह देखना पड़ा.

बताई हार की वजह
जेडीयू विधायक ने कहा कि हार की एक बड़ी वजह यह भी रही है कि विरोधियों ने यहां के अल्पसंखयको के दिमाग में ये बात भर दी की जेडीयू को वोट दोगे तो मोदी जीत जाएगा. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने जो विकास कार्य किया था उसके बल पर जो वोट मिलने की उम्मीद थी, उतनी वोट लोगों ने नहीं दिया.

मास्टर मुजाहिद आलम, जेडीयू विधायक

40,000 वोटों के अंतर से मीली हार
बता दें कि पूर्णिया जिले में दो विधानसभा आते है अमौर और बाईसी. इसमें बाईसी विधानसभा एनडीए प्रत्याशि महमूद अशरफ का पैतृक गांव भी है. यहां से उन्हें अधिक वोट नहीं मिले. यही कारण है कि वो 40,000 वोटों के अन्तर से चुनाव हार गए.

निर्दलीय उम्मीदवार भी रहे वजह
जेडीयू विधायक ने कहा कि चुनाव के वक्त निर्दलीय उम्मीदवारों को नजर अंदाज करना भी महंगा साबित हुआ. उन्होंने कहा कि निर्दलीय उम्मीदवारों ने 38,000 वोट लाया है जो की एनडीए का था. उन्होंने कहा कि उन्हें निर्दलीय उम्मीदवारों को समझाना चाहिए था और उनसे मदद मांगनी चाहिए थी.

किशनगंज विधानसभा सीट खाली
बता दें कि डॉ. जावेद आजाद के सांसद बन जाने के बाद किशनगंज विधानसभा सीट खाली हो गई है. इसके लिए सभी पार्टियां अभी से ही तैयारियों में जुट गई है. इस सीट से चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान तय करेगा कि यहां से जेडीयू लड़ेगी या बीजेपी.

किशनगंज: बिहार के 40 सीटों में से 39 सीटों पर एनडीए के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है. इस चुनाव में महागठबंधन ने मात्र एक सीट पर जीत हासिल की है. ये सीट से कांग्रेस नेता डॉ. जावेद आजाद उम्मीदवार थे, जिन्होंने यहां से अपनी जीत मुकर्रर की है.

जेडीयू को मिली हार
इस सीट से महागठबंधन की जीत पर जेडीयू विधायक मास्टर मुजाहिद आलम ने कहा कि चुनाव की तैयारियों में कुछ कमी रह गई होगी, जिस कारण सही रणनीति नहीं बन पाई और पराजय का मुंह देखना पड़ा.

बताई हार की वजह
जेडीयू विधायक ने कहा कि हार की एक बड़ी वजह यह भी रही है कि विरोधियों ने यहां के अल्पसंखयको के दिमाग में ये बात भर दी की जेडीयू को वोट दोगे तो मोदी जीत जाएगा. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने जो विकास कार्य किया था उसके बल पर जो वोट मिलने की उम्मीद थी, उतनी वोट लोगों ने नहीं दिया.

मास्टर मुजाहिद आलम, जेडीयू विधायक

40,000 वोटों के अंतर से मीली हार
बता दें कि पूर्णिया जिले में दो विधानसभा आते है अमौर और बाईसी. इसमें बाईसी विधानसभा एनडीए प्रत्याशि महमूद अशरफ का पैतृक गांव भी है. यहां से उन्हें अधिक वोट नहीं मिले. यही कारण है कि वो 40,000 वोटों के अन्तर से चुनाव हार गए.

निर्दलीय उम्मीदवार भी रहे वजह
जेडीयू विधायक ने कहा कि चुनाव के वक्त निर्दलीय उम्मीदवारों को नजर अंदाज करना भी महंगा साबित हुआ. उन्होंने कहा कि निर्दलीय उम्मीदवारों ने 38,000 वोट लाया है जो की एनडीए का था. उन्होंने कहा कि उन्हें निर्दलीय उम्मीदवारों को समझाना चाहिए था और उनसे मदद मांगनी चाहिए थी.

किशनगंज विधानसभा सीट खाली
बता दें कि डॉ. जावेद आजाद के सांसद बन जाने के बाद किशनगंज विधानसभा सीट खाली हो गई है. इसके लिए सभी पार्टियां अभी से ही तैयारियों में जुट गई है. इस सीट से चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान तय करेगा कि यहां से जेडीयू लड़ेगी या बीजेपी.

Intro:किशनगंज:-कल हुए मतगणना मे बिहार के 40सीटों मे से 39 पर एनडीए के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है,सिर्फ किशनगंज से ही महागठबंधन के प्रत्याशि और कांग्रेस नेता डॉ जावेद आजाद ने जीत दर्ज की, वर्ना बिहार से भी कांग्रेस ने जीत दर्ज की है।


Body:किशनगंज:-कल हुए मतगणना मे बिहार के 40सीटों मे से 39 पर एनडीए के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है,सिर्फ किशनगंज से ही महागठबंधन के प्रत्याशि और कांग्रेस नेता डॉ जावेद आजाद ने जीत दर्ज की, वर्ना बिहार मे एक भी सीट कांग्रेस के खाते मे नही आई है।

बिहार के किशनगंज मे एनडीए के उम्मीदवार और जदयू नेता सैयद महमूद अशरफ सिर्फ एक ऐसे प्रत्याशि है जो इस बार के मोदी नाम के सुनामी मे भी जीत दर्ज नही कर पाए,इस हार पर कोचाधामंन से जदयू के विधायक मास्टर मुजाहिद ने कहा की हमारे चुनाव की तयारियो मे कुछ कमी रह गई,हमने सही रणनीति नहीं बनाया जिसके वजह से पराजय का मूह देखना पड़ा।
उन्होने बताया की हार की एक बड़ी वजह यह भी रही की हमारे विरोधी कांग्रेस और ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने यहा के अल्पसंखयको के दिमाग मे ये बात भर दी की जदयू को वोट दोगे तो मोदी जीत जाएगा।
उन्होने कहा की यहा पर नितीश जी ने जो विकास कार्य किया था उसके बल पर हमे जो वोट मिलने के उमीद थी उतनी वोट हमे लोगो ने दिया नही,पूर्णिया ज़िले मे दो विधानसभा आते है अमौर और बाईसी जिसमे बाईसी विधानसभा एनडीए प्रत्याशि महमूद अशरफ का पैतृक गांव भी है,और इन्हे यही से वोट नही मिले है जिसके कारन हम 40000 वोटो के अन्तर से हार गए।

निर्दलीय उम्मीदवारो को भी बताया हार की वजह:-विधायक ने कहा की हमने चुनाव के वक्त इन निर्दलिय उम्मीदवारो को नज़रअंदाज जो हमारे लिए महँगे साबित हो गए।कहा की हम हरे है 34000वोटो से और इन हिन्दू निर्दलिय उम्मीदवारो ने 38000 वोट लाया है जो की एनडीए का था,और हमसे येह चूक हुई है क हमने उन्हे समझाया नही और उनसे मदद नही मांगी।
डॉक्टर जावेद आजाद के सांसद बन जाने के बाद किशनगंज विधानसभा सीट खाली हो गई है जिसके लिए सभी पार्टी चुनाव लड़ने की त्यारि मे लग जाएगी।
किशनगंजविधानसभा उप चुनाव के सवाल पर विधायक ने बोला की ये तय करना पार्टी के आला कमान का है,वोह फैसला करेंगे की यहा से चुनाव जदयू लड़ेगी या बीजेपी।



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