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खगड़िया: बिहार के पूर्व सीएम सतीश प्रसाद सिंह का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन - खगड़िया

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह बुधवार की शाम पंचतत्व में विलीन हो गए. पटना से शाम में लगभग साढ़े चार बजे उनका पार्थिव शरीर परबत्ता प्रखंड अन्तर्गत सतीशनगर गांव पहुंचते ही अंतिम दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी.

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Published : Nov 5, 2020, 5:10 AM IST

Updated : Nov 5, 2020, 10:35 PM IST

खगड़िया: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह बुधवार की शाम पंचतत्व में विलीन हो गए. पटना से शाम में लगभग साढ़े चार बजे उनका पार्थिव शरीर परबत्ता प्रखंड अन्तर्गत सतीशनगर गांव पहुंचते ही अंतिम दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. डीएम आलोक रंजन घोष और एसपी अमितेश कुमार ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पगुच्छ अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.

राज्य सरकार ने उनके निधन पर तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है. उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ संपन्न हुआ. गांव के पास स्थित एक तालाब के निकट उनका अंतिम संस्कार किया गया. बड़े पुत्र सुशील कुमार ने उन्हें मुखाग्नि दी. अंतिम संस्कार के मौके पर परिवारजनों के अलावा बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे. अंतिम संस्कार के मौके पर हर किसी की आंखें नम थी. सभी लोगों के चेहरे पर अपने प्रिय नेता के खोने का गम साफ दिख रहा था.

पार्थिव शरीर को देखने लोगों की उमड़ी भीड़
पार्थिव शरीर को देखने लोगों की उमड़ी भीड़
लोगों ने जगह जगह दी श्रद्धांजलिबता दें कि दो नवंबर को पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह का निधन दिल्ली में इलाज के दौरान हो गया था. वे 84 वर्ष के थे. उनका पार्थिव शरीर तीन नवंबर की शाम पटना लाया गया. इसके बाद पटना से बुधवार की शाम उनके पार्थिव शरीर को अपने गांव सतीशनगर लाया गया. पटना से आने के क्रम में जगह-जगह लोगों ने उनके पार्थिव शरीर पर फूल माला अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.
देखें रिपोर्ट

सबसे कम दिन मुख्यमंत्री रहने का बनाया था रिकॉर्ड
सतीश प्रसाद सिंह वर्ष 1967 में परबत्ता विधानसभा से सोशलिस्ट पार्टी की टिकट पर चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने. इसके बाद वर्ष 1968 में मात्र पांच दिनों के लिए राज्य के मुख्यमंत्री बने. बिहार के सबसे कम दिन मुख्यमंत्री रहने का नाम रिकॉर्ड उनके नाम है. वे महज 32 वर्ष की उम्र में मुख्यमंत्री बने थे. वर्ष 1980 में वे खगड़िया से कांगेस के टिकट पर लोकसभा के सदस्य चुने गए.

खगड़िया: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह बुधवार की शाम पंचतत्व में विलीन हो गए. पटना से शाम में लगभग साढ़े चार बजे उनका पार्थिव शरीर परबत्ता प्रखंड अन्तर्गत सतीशनगर गांव पहुंचते ही अंतिम दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. डीएम आलोक रंजन घोष और एसपी अमितेश कुमार ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पगुच्छ अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.

राज्य सरकार ने उनके निधन पर तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है. उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ संपन्न हुआ. गांव के पास स्थित एक तालाब के निकट उनका अंतिम संस्कार किया गया. बड़े पुत्र सुशील कुमार ने उन्हें मुखाग्नि दी. अंतिम संस्कार के मौके पर परिवारजनों के अलावा बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे. अंतिम संस्कार के मौके पर हर किसी की आंखें नम थी. सभी लोगों के चेहरे पर अपने प्रिय नेता के खोने का गम साफ दिख रहा था.

पार्थिव शरीर को देखने लोगों की उमड़ी भीड़
पार्थिव शरीर को देखने लोगों की उमड़ी भीड़
लोगों ने जगह जगह दी श्रद्धांजलिबता दें कि दो नवंबर को पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह का निधन दिल्ली में इलाज के दौरान हो गया था. वे 84 वर्ष के थे. उनका पार्थिव शरीर तीन नवंबर की शाम पटना लाया गया. इसके बाद पटना से बुधवार की शाम उनके पार्थिव शरीर को अपने गांव सतीशनगर लाया गया. पटना से आने के क्रम में जगह-जगह लोगों ने उनके पार्थिव शरीर पर फूल माला अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.
देखें रिपोर्ट

सबसे कम दिन मुख्यमंत्री रहने का बनाया था रिकॉर्ड
सतीश प्रसाद सिंह वर्ष 1967 में परबत्ता विधानसभा से सोशलिस्ट पार्टी की टिकट पर चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने. इसके बाद वर्ष 1968 में मात्र पांच दिनों के लिए राज्य के मुख्यमंत्री बने. बिहार के सबसे कम दिन मुख्यमंत्री रहने का नाम रिकॉर्ड उनके नाम है. वे महज 32 वर्ष की उम्र में मुख्यमंत्री बने थे. वर्ष 1980 में वे खगड़िया से कांगेस के टिकट पर लोकसभा के सदस्य चुने गए.

Last Updated : Nov 5, 2020, 10:35 PM IST
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