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कटिहार: नियोजित शिक्षकों की धमकी- 5 सितंबर को राजधानी में करेंगे विशाल प्रदर्शन - नियोजित शिक्षक

नियोजित शिक्षक अपनी मांगों के समर्थन में धरना प्रदर्शन कर रहें है. आगामी टीचर्स डे के मौके पर पटना के गांधी मैदान में लगभग 45 हजार शिक्षक अपने मुंह पर काली पट्टी बांध सरकार के खिलाफ विशाल प्रदर्शन करने की बात कही है.

सरकार के खिलाफ नियोजित शिक्षक का धरना प्रदर्शन
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Published : Aug 18, 2019, 8:47 AM IST

कटिहार: जिले के समाहरणालय के मेन गेट पर नियोजित शिक्षक अपनी मांगों के समर्थन में धरना प्रदर्शन कर रहें है. झमाझम बारिश और खराब मौसम के बावजूद प्रदर्शनकारी अपनी मांग को लेकर डटे हुए हैं. सरकार से समान काम समान वेतन की मांग कर रहे हैं.

समान काम-समान वेतन की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षक संघ की मांग को निरस्त कर दिया था. इसके बाद अब शिक्षकों का गुस्सा राज्य सरकार के माथे पर फूट रहा हैं. इसी के तहत शिक्षक के पूरे राज्य में चरणबद्ध तरीके से आंदोलन कर रहीं हैं.

katihar
सरकार के खिलाफ नियोजित शिक्षक का धरना प्रदर्शन

सरकार के खिलाफ विशाल प्रदर्शन

आगामी टीचर्स डे के मौके पर पटना के गांधी मैदान में लगभग 45 हजार शिक्षक अपने मुंह पर काली पट्टी बांध सरकार के खिलाफ विशाल प्रदर्शन करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि हमलोग मवेशियों की पशुगणना से लेकर लोकतंत्र के महापर्व में समान रूप से सेवा देते हैं तो फिर वेतनमान में असमानता क्यों की जाती है.

सरकार के खिलाफ नियोजित शिक्षक का धरना प्रदर्शन

काम समान तो वेतन समान क्यों नहीं

शिक्षक संघर्ष समिति के अध्यक्ष दुलाल कांति नंदी ने बताया कि सरकार शिक्षक और शिक्षा विरोधी नीतियों के कारण राज्य भर के शिक्षक आंदोलन करने को मजबूर हैं. सरकारी स्कूलों में नियोजित शिक्षक , नियमित शिक्षक की तरह अपनी सेवा दे रहें हैं. उन्होंने कहा कि जनगणना से लेकर चुनाव के सभी काम में अपनी सेवा देने में कमी नहीं करते और अहम रोल निभाते हैं. तो फिर नियोजित शिक्षक को समान काम के लिए समान वेतन क्यों नहीं दिया जता है. वहीं नीरज नयन आनंद ने बताया कि आगामी शिक्षक दिवस के मौके पर हमलोग राज्य सरकार के खिलाप बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे.

कटिहार: जिले के समाहरणालय के मेन गेट पर नियोजित शिक्षक अपनी मांगों के समर्थन में धरना प्रदर्शन कर रहें है. झमाझम बारिश और खराब मौसम के बावजूद प्रदर्शनकारी अपनी मांग को लेकर डटे हुए हैं. सरकार से समान काम समान वेतन की मांग कर रहे हैं.

समान काम-समान वेतन की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षक संघ की मांग को निरस्त कर दिया था. इसके बाद अब शिक्षकों का गुस्सा राज्य सरकार के माथे पर फूट रहा हैं. इसी के तहत शिक्षक के पूरे राज्य में चरणबद्ध तरीके से आंदोलन कर रहीं हैं.

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सरकार के खिलाफ नियोजित शिक्षक का धरना प्रदर्शन

सरकार के खिलाफ विशाल प्रदर्शन

आगामी टीचर्स डे के मौके पर पटना के गांधी मैदान में लगभग 45 हजार शिक्षक अपने मुंह पर काली पट्टी बांध सरकार के खिलाफ विशाल प्रदर्शन करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि हमलोग मवेशियों की पशुगणना से लेकर लोकतंत्र के महापर्व में समान रूप से सेवा देते हैं तो फिर वेतनमान में असमानता क्यों की जाती है.

सरकार के खिलाफ नियोजित शिक्षक का धरना प्रदर्शन

काम समान तो वेतन समान क्यों नहीं

शिक्षक संघर्ष समिति के अध्यक्ष दुलाल कांति नंदी ने बताया कि सरकार शिक्षक और शिक्षा विरोधी नीतियों के कारण राज्य भर के शिक्षक आंदोलन करने को मजबूर हैं. सरकारी स्कूलों में नियोजित शिक्षक , नियमित शिक्षक की तरह अपनी सेवा दे रहें हैं. उन्होंने कहा कि जनगणना से लेकर चुनाव के सभी काम में अपनी सेवा देने में कमी नहीं करते और अहम रोल निभाते हैं. तो फिर नियोजित शिक्षक को समान काम के लिए समान वेतन क्यों नहीं दिया जता है. वहीं नीरज नयन आनंद ने बताया कि आगामी शिक्षक दिवस के मौके पर हमलोग राज्य सरकार के खिलाप बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे.

Intro:.......नियोजित शिक्षकों का एलान - आगामी टीचर्स डे के मौके पर पटना के गाँधी मैदान में सूबे के 45000 शिक्षक करेगें अपने मुँह पर काली पट्टी बाँध सरकार के वादाखिलाफी के विरोध में करो या मरो का विशाल प्रदर्शन.....। नियोजित शिक्षकों को नियमित शिक्षकों की भाँति वेतनमान और अन्य सेवा देने की सरकार से माँग.......। कहा - जब मवेशियों की पशुगणना से लेकर लोकतंत्र के महापर्व में समान रूप से देते हैं सेवा ...तो फिर वेतनमान में असमानता क्यों .......।


Body:यह दृश्य कटिहार समाहरणालय के मुख्य द्वार का हैं जहाँ जिले भर के नियोजित शिक्षक अपनी माँगों के समर्थन में धरना - प्रदर्शन कर रहें हैं .....। झमाझम बारिश और खराब मौसम के बाबजुद प्रदर्शनकारी अपनी माँगों के समर्थन में डटे हैं ....। इस मौके पर शिक्षक संघर्ष समिति के अध्यक्ष दुलाल कांति नंदी ने बताया कि बिहार सरकार के शिक्षक और शिक्षा विरोधी नीतियों के कारण आज राज्य भर में शिक्षक आंदोलित हैं । सरकारी स्कूलों में नियोजित शिक्षक , नियमित शिक्षक की तरह सरकार को अपनी सेवा दे रहें हैं । पशुगणना से लेकर लोकतंत्र के महापर्व आम चुनावों तक मे अपनी सेवा देने में कमी नहीं करते और अहम रोल निभाते हैं तो सरकार नियोजित शिक्षकों को नियमित शिक्षक की तरह वेतनमान क्यों नहीं दे रही हैं ....। इस मौके पर नीरज नयन आनंद ने बताया कि आगामी शिक्षक दिवस के मौके पर पाँच सितम्बर को राज्य सरकार के वादाखिलाफी के विरोध में प्रदर्शन करने का निर्णय लिया हैं .......।


Conclusion:समान काम - समान वेतन की माँग पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षक संघों की माँग नकारने के बाद अब शिक्षकों का ठीकरा राज्य सरकार के माथे पर फुट पड़ा हैं और शिक्षक इसके लिये सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाकर अपने आंदोलन को उग्र रूप देने में जुटे है और इसी के तहत शिक्षको का राज्यव्यापी चरणबद्ध आंदोलन चला रहीं हैं । राज्य सरकार इस माँगों पर कितनी तवज्जों देती हैं , यह तो आने वाला समय ही बतायेगा लेकिन इतना तो तय हैं कि इसका असर राज्य में अगले वर्ष होने वाली बिहार विधानसभा चुनावों पर निश्चित रूप से देखने को मिल सकता हैं .......।
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