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कैमूर: तबेले में तब्दील हुआ स्वास्थ्य उपकेन्द्र, यहां मरीजों की जगह बंधी रहती हैं गाय-भैंस - सिविल सर्जन

पूर्व स्वास्थ्य मंत्री लालमुनी चौबे के समय बनाए गए इस स्वास्थ्य उपकेन्द्र में मरीजों के जगह गाय भैंस बंधी होती है. लोग इस खंडहर भवन का उपयोग अब उपले को सुखाने के लिए करते हैं.

बीमार अस्पताल
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Published : Jul 7, 2019, 10:43 PM IST

Updated : Jul 10, 2019, 1:34 PM IST

कैमूर: बिहार सरकार राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लाख दावे कर ले, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है. इसका सटीक उदाहरण जिले के चैनपुर प्रखंड के कर्जी में स्थित सरकारी स्वास्थ्य उपकेन्द्र है. इसका निर्माण 30 साल पहले लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिया कराया गया था. लेकिन आज ये खुद किसी तबेले से कम नहीं है.

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पूर्व स्वास्थ्य मंत्री लालमुनी चौबे के समय हुआ था निर्माण

तबेले में तब्दील हुआ स्वास्थ्य उपकेन्द्र
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री लालमुनी चौबे के समय बनाए गए इस स्वास्थ्य उपकेन्द्र में मरीजों की जगह गाय, भैंस बंधी होती है. लोग इस खंडहर भवन का उपयोग अब उपले को सुखाने के लिए करते हैं.

समुदाय भवन में होता है लोगों का इलाज
इसकी जगह 20 सालों से गांव के समुदाय भवन में एक अलग अस्पताल चलाया जाता है. जो महज दो एएनएम और एक आशा कार्यकर्ता के भरोसे टिका है. लोगों ने बताया कि ज्यादातर समय यह केंद्र बंद ही रहता है. यहां सिर्फ टिकाकरण का काम ही होता है. अगर किसी मरीज की स्थिति गंभीर होती है तो उसे तत्काल भभुआ ले जाना पड़ता है.

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जर्जर भवन में बांधे जाते हैं भैंस

सुविधा के अभाव में होती है लोगों को परेशानी
ग्रामीणों के अनुसार 30 साल पहले जब इस केंद्र का निर्माण कराया गया था तब कुछ दिनों तक लोगों को बेहतर सुविधाएं मिली थी. लेकिन उसके बाद विभाग की लापरपाही के कारण इसकी हालत बद से बदतर हो गई. लोगों को बेहतर इलाज के लिए जिला मुख्यालय भभुआ आना पड़ता है.

दवाईयों का भी है अभाव
ग्रामीणों के मुताबिक जब केंन्द्र का संचालन होता था तब आसपास के दर्जनों गांव के लोगों का इसका लाभ मिलता था. लेकिन अब स्थिति बद से बदतर हो चुकी है. अब तो यहां दवाई भी मिलना मुश्किल है.

नहीं सुनी किसी ने गुहार
इसके निर्माण के लिए वर्तमान खनन मंत्री ब्रृज किशोर से लेकर जिले के कई नेताओं से ग्रामीण गुहार लगा चुके हैं. लेकिन आज तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई.

पेश है रिपोर्ट

जमीन की तलाश में विभाग
इस बारे में सिविल सर्जन अरुण कुमार तिवारी ने बताया कि उपकेन्द्र का निर्माण 30 साल पहले हुआ था. जब से इसकी बिल्डिंग ध्वस्त हुई है, इसका संचालन समुदाय भवन में ही होता है. विभाग की तरफ से इसके लिए जमीन देखी जा रही है, जैसे ही नई जमीन मिल जाएगी इसका निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

कैमूर: बिहार सरकार राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लाख दावे कर ले, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है. इसका सटीक उदाहरण जिले के चैनपुर प्रखंड के कर्जी में स्थित सरकारी स्वास्थ्य उपकेन्द्र है. इसका निर्माण 30 साल पहले लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिया कराया गया था. लेकिन आज ये खुद किसी तबेले से कम नहीं है.

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पूर्व स्वास्थ्य मंत्री लालमुनी चौबे के समय हुआ था निर्माण

तबेले में तब्दील हुआ स्वास्थ्य उपकेन्द्र
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री लालमुनी चौबे के समय बनाए गए इस स्वास्थ्य उपकेन्द्र में मरीजों की जगह गाय, भैंस बंधी होती है. लोग इस खंडहर भवन का उपयोग अब उपले को सुखाने के लिए करते हैं.

समुदाय भवन में होता है लोगों का इलाज
इसकी जगह 20 सालों से गांव के समुदाय भवन में एक अलग अस्पताल चलाया जाता है. जो महज दो एएनएम और एक आशा कार्यकर्ता के भरोसे टिका है. लोगों ने बताया कि ज्यादातर समय यह केंद्र बंद ही रहता है. यहां सिर्फ टिकाकरण का काम ही होता है. अगर किसी मरीज की स्थिति गंभीर होती है तो उसे तत्काल भभुआ ले जाना पड़ता है.

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जर्जर भवन में बांधे जाते हैं भैंस

सुविधा के अभाव में होती है लोगों को परेशानी
ग्रामीणों के अनुसार 30 साल पहले जब इस केंद्र का निर्माण कराया गया था तब कुछ दिनों तक लोगों को बेहतर सुविधाएं मिली थी. लेकिन उसके बाद विभाग की लापरपाही के कारण इसकी हालत बद से बदतर हो गई. लोगों को बेहतर इलाज के लिए जिला मुख्यालय भभुआ आना पड़ता है.

दवाईयों का भी है अभाव
ग्रामीणों के मुताबिक जब केंन्द्र का संचालन होता था तब आसपास के दर्जनों गांव के लोगों का इसका लाभ मिलता था. लेकिन अब स्थिति बद से बदतर हो चुकी है. अब तो यहां दवाई भी मिलना मुश्किल है.

नहीं सुनी किसी ने गुहार
इसके निर्माण के लिए वर्तमान खनन मंत्री ब्रृज किशोर से लेकर जिले के कई नेताओं से ग्रामीण गुहार लगा चुके हैं. लेकिन आज तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई.

पेश है रिपोर्ट

जमीन की तलाश में विभाग
इस बारे में सिविल सर्जन अरुण कुमार तिवारी ने बताया कि उपकेन्द्र का निर्माण 30 साल पहले हुआ था. जब से इसकी बिल्डिंग ध्वस्त हुई है, इसका संचालन समुदाय भवन में ही होता है. विभाग की तरफ से इसके लिए जमीन देखी जा रही है, जैसे ही नई जमीन मिल जाएगी इसका निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

Intro:कैमूर।

बिहार सरकार स्वास्थ्य के प्रति कितना जागरूक है इसका अंदाजा महज इसी से लगाया जा सकता हैं कि पिछले 20 वर्षों से ध्वस्त स्वास्थ्य उपकेन्द्र मरम्मत के आभाव में तबेला बन जाता हैं और स्वास्थ्य उपकेन्द्र को समुदाय भवन में 2 एएनएम और 1 आशा के भरोशे छोड़ दिया जाता हैं।


Body:जी है यह स्तिथि है जिले के चैनपुर प्रखंड के कर्ज़ी में स्तिथ सरकारी स्वास्थ्य उपकेन्द्र का जिसे बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री लालमुनी चौबे ने अपने पैतृक गांव के समीप बनवाया था।

30 वर्ष पहले हुआ था निर्माण
तत्कालीन मंत्रीजी के प्रयासों के बाद आज से करीब 30 वर्ष पहले इस केंद्र का निर्माण किया गया जिसके बाद ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल रही थी लेकिन इसे ग्रामीणों की बदकिस्मती या विभाग की लापरवाही कहिए की यह उपकेंद्र लगभाग पिछले 20 सालों गांव के समुदाय भवन में चलाया जा रहा हैं जहाँ ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा के नाम कुछ भी नही मिल पाता है और उन्हें मजबुरन ईलाज के लिए जिला मुख्यालय भभुआ आना पड़ता हैं।

दर्जनों गांव को होता था लाभ

ग्रामीणों का कहना है जब केन्द्र का संचालन होता था तब आसपास के दर्जनों गांव के लोगों का इसका लाभ मिलता था लेकिन अब स्तिथ बाद से बदतर हो चुकी हैं अब तो दवाई भी मिलना मुश्किल होता हैं।





मंत्री विधायक सहित कई नेताओं से ग्रामीणों ने लगाई गुहार

क्षेत्र से भाजपा विधायक सह बिहार सरकार में वर्तमान खनन मंत्री ब्रिज किशोर बिंद सहित जिला के कई नेताओं से ग्रामीणों ने भवन के निर्माण के लिए न जाने कई बार गुहार लगाई लेकिन गांव की गरीब जनता का सुनने वाला कोई नही हैं आखिरकार थक हार ग्रामीण अब शांत बैठ गए हैं।

2 एएनएम और 1 आशा के भरोसे उपकेंद्र
यह सरकारी उपकेन्द्र 2 एएनएम और 1 आशा के हाथों में हैं। वो भी एएनएम ऐसी की अधिकांश यह केंद्र बन्द रहता हैं। यह नही ग्रामीणों ने बताया कि इस केंद्र पर सिर्फ टीकाकरण का कार्य होता हैं।


सिविल सर्जन अरुण कुमार तिवारी ने बताया कि उपकेन्द्र का निर्माण 30 वर्ष पहले हुआ था जबसे इसकी बिल्डिंग ध्वस्त हो गयी है इसका संचालन समुदाय भवन में ही होता हैं। विभाग द्वारा जमीन देखी जा रही हैं जैसे ही नई जमीन मिल जाएगी इसका निर्माण कार्य शुरु कर दिया जाएगा।


Conclusion:अब देखना यह होगा कि आखिरकार कब इस स्वास्थ्य उपकेन्द्र का किस्मत खुलता है और यह ग्रामीणों को कब से बेहतर सुविधा प्रदान की जाती हैं।
Last Updated : Jul 10, 2019, 1:34 PM IST
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