जमुई: पार्टी में फूट के बाद चिराग पासवान (Chirag Paswan) के समर्थन में कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और पशुपति पारस (Pashupati Paras) का पुतला फूंका. जमुई, सिकंदरा, गिद्धौर, लक्ष्मीपुर, झाझा, सोनो, चकाई और खैरा के साथ-साथ पड़ोसी जिले मुंगेर, लखीसराय और नवादा के साथ-साथ गया में लगातार चिराग पासवान समर्थक अपने नेता के समर्थन कार्यकर्ता सड़कों पर उतर रहे हैं.
नीतीश पर 'बरसे' लोजपा प्रवक्ता
एक तरफ लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) गुट के प्रवक्ता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर लगातार हमला कर रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ जिले के विभिन्न इलाके में चिराग समर्थक पशुपति पारस (Pashupati Paras) का पुतला फूंक कर विरोध कर रहे हैं. लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेश भट्ट (Rajesh Bhatt) ने एक बयान जारी कर कहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कथनी और करनी में बड़ा अंतर है. वे कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं.
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना
मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब दिल्ली पहुंचे तो उन्होंने कहा कि यह मेरी निजी यात्रा है और हम यहां आंख दिखाने आए हैं. जिसे यह कतई नहीं समझा जाना चाहिए कि वे अपनी आंख का इलाज कराने गए हैं. बल्कि वह किसी को 'आंख' दिखाने गए हैं जो आने वाले दिनों में स्पष्ट हो जाएगा.लोजपा प्रवक्ता ने कहा कि बिहार वासियों की तरफ से लोजपा यह जानना चाहती है कि अगर वे दिल्ली में सिर्फ आंख का इलाज कराने गए हैं तो क्या बिहार के अस्पतालों में उनके आंख की इलाज की भी समुचित व्यवस्था उपलब्ध नहीं है या उन्हें प्रदेश के अस्पतालों और डॉक्टरों पर भरोसा नहीं है. ऐसे में लोजपा (Lok Janshakti Party) यह जानना चाहती है कि आखिर बिहार की जनता अब अपना इलाज कराने कहां जाएगी, यह एक बड़ा सवाल है.
पार्टियों को तोड़ने में विश्वास रखते हैं मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार के बयान पर राजेश भट्ट ने पूछा कि आखिरकार उनके पार्टी के मंत्री और नेता महेश्वर हजारी, लल्लन सिंह और संजय सिंह दिल्ली में बागी गुट की बैठक में किस हक से मौजूद थे. राजेश भट्ट ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि लोजपा टूट में सीधा हाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी का रहा है. जिससे वे कतई इंकार नहीं कर सकते हैं. पहले भी इसी तरह अन्य पार्टियों को तोड़ने- फोड़ने में उनकी सहभागिता रही है और वे पार्टियों को तोड़ने में विश्वास रखते हैं. बिहार की जनता उन्हें कतई माफ नहीं करेगी और आने वाले दिनों में उन्हें मुंहतोड़ जवाब देने का काम करेगी.
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दो खेमों में बंटी लोजपा
बता दें कि टूट के बाद से लोजपा दो खेमों में बंट गयी है. एक खेमा चिराग पासवान के साथ है तो दूसरा खेमा पशुपति कुमार पारस का समर्थन किया है. कुछ दिन पहले ही छह में से पांच सांसद बागी हो गए हैं. वहीं, 20 तारीख को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई. चिराग पासवान की तरफ से बुलाई गई कार्यकारिणी बैठक में कुल 63 सदस्य शामिल हुए. जिसमें 43 सदस्य बैठक में मौजूद रहे, जबकि 23 सदस्य वर्चुअल माध्यम से बैठक से जुड़े. राष्ट्रीय प्रधान महासचिव के अलावे एक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, चार राष्ट्रीय महासचिव, 9 राष्ट्रीय महासचिव समेत अन्य दिग्जजों ने बैठक में हिस्सा लिया.
दिल्ली में कार्यकारिणी की हुई थी बैठक
चिराग पासवान दिल्ली में कार्यकारिणी की बैठक कर रहे थे तो दूसरी तरफ पटना में पशुपति पारस गुट के नेता बैठक के असंवैधानिक बता रहे थे. प्रवक्ता ललन चंद्रवंशी ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि इस बैठक का कोई मतलब नहीं है. क्योंकि पार्टी के अध्यक्ष पशपति पारस ने 17 जून को ही कार्यकारिणी को भंग कर दिया था.