गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज में पतहरा छरकी की निगरानी (Patahra Chharki Dam in Gopalganj) के लिए 21 वॉलेंटियर को तैनात किया गया है. सारे वॉलेंटियर एक साथ मिलकर तीन शिफ्ट में बांटकर पूरे 24 घंटे तक छरकी की निगरानी करते हैं. जिले में बाढ़ से सुरक्षा के लिए बांध की सुरक्षा और निगरानी कर वॉलेंटियर किसी भी तरह की परेशानी होने पर तत्काल इसकी सूचना विभाग के जेई को देते हैं. बांध की मरम्मत कर बांध को मजबूत बनाते हैं. जिसे बांध की सुरक्षा बनी रहे.
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बांध टूटने से काफी नुकसान: दरअसल, जिले को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र (Gopalganj flood affected area) माना जाता है. जिले में गंडक नदी जब उफान पर होती है. जिसके बाद कई एकड़ खेती वाले जमीन पर लगे फसल और खेत को अपने आगोश में ले लेती है. इसके साथ ही निचले इलाके के लोगों के बीच ज्यादा समस्याएं उत्पन्न कर देती है. साथ ही अत्यधिक दबाव को अगर बांध झेल नहीं पाता है तो फिर टूटते ही कई इलाकों में पानी भर जाता है. जिससे जान-माल का काफी नुकसान होता है.
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बांध की सुरक्षा का इंतजाम: इसी कारण जिले में बाढ़ नियंत्रण और जल संसाधन विभाग द्वारा बांध की मजबूती के लिए कारगर उपाय किए जा रहे हैं. बाढ़ को देखते हुए जल संसाधन विभाग के जेई ऋषभ राज ने बताया कि बांध की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है. बांध में किसी तरह की कोई समस्या उत्पन्न होने पर उसकी तत्काल मरम्मत किया जाता है जिससे उस बांध की मजबूती बनी रहे और लोगों को कोई नुकसान न हो. इसी कारण इस बांध की देखरेख के लिए कुल इक्कीस वॉलेंटियरों को तैनात किया गया है, जो पूरे दिन और रात को इस बांध की सुरक्षा में लगे हुए हैं.
'बांध की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है.बांध में किसी तरह की कोई समस्या उत्पन्न होने पर उसकी तत्काल मरम्मत कर उसे मजबूत किया जाता है. इसके लिए प्रत्येक 1 किलोमीटर पर 21 वोलेंटियर को तैनात किया गया है. जो 24 घंटे को तीन शिफ्ट में मौजूद रहकर बांध की निगरानी करते है'.- ऋषभ राज, जेई, जल संसाधन विभाग