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धनौती नदी पर भू-मफियाओं का कब्जा, किसानों को हो रही सिंचाई में समस्या

भू-माफियाओं ने मोतिहारी की जीवनदायिनी नदी धनौती को भी नहीं छोड़ा है. प्रशासनिक मिली-भगत से नदी पर अतिक्रमण कर जमीन के खरीद-फरोख्त का व्यापार फल-फूल रहा है.

धनौती नदी
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Published : Mar 16, 2019, 12:08 AM IST

मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिले में भू-माफियायों का सिंडिकेट प्रशासनिक संरक्षण में फल फूल रहा है. लिहाजा,भू-माफिया अब नदियों का अतिक्रमण कर उसे बेच रहे हैं. मोतिहारी की जीवन दायिनी रही धनौती नदी अतिक्रमण के कारण सिकुड़कर नाले के रुप में आ गयी है.

पश्चिमी चंपारण से होते हुए मोतिहारी और आस-पास के क्षेत्र के किसान अपनी फसलों के पनवट के लिए सदानीरा धनौती नदी पर आश्रित थे. धनौती नदी के कारण किसानों को अपने खेतों के फसल की सिचाई के लिए कभी भी चिंता नहीं हुई. पहले किसान खुशहाल थे.

समस्या बताते किसान

भू-माफियाओं की गंदी नजर
वहीं, भू-माफियाओं की नजर धनौती नदी पर भी पड़ गई. इसके बाद अंचल और रजिस्ट्री ऑफिस के बाबूओं के मिली भगत से धनौती नदी का पहले अतिक्रमण किया गया. फिर फर्जी दस्तावेज बनाकर उसकी बिक्री कर दी. जिस कारण धनौती नदी का मुहाना सिकुड़ते हुए लगभग बंद हो गया है.

सुनने वाला कोई नहीं
यही नहीं धनौती नदी के जल ग्रहण क्षेत्र को भी भू-माफियाओं ने नहीं छोड़ा. परिणाम यह हुआ कि नदी नाले के रुप में तब्दील हो गई और उसका पानी भी प्रदूषित हो गया. किसानों के फसलों के सिंचाई के लायक भी इसका पानी नहीं रहा. इस कारण वो परेशान हैं. लेकिन सुनने वाला कोई नहीं.

होगी जांच और कार्रवाई
वहीं, इस पूरे मामले के बारे में जब जिलाधिकारी रमण कुमार से बात की गई, तो उन्होंने जांच कर कार्रवाई के करने की बात कही है. बरहाल, मामले में उन नौकरशाहों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए, जिन्होंने पूरी करतूत में बराबरी का साथ देते हुए भू-माफियाओं के हौसलों को बुंलद किया.

मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिले में भू-माफियायों का सिंडिकेट प्रशासनिक संरक्षण में फल फूल रहा है. लिहाजा,भू-माफिया अब नदियों का अतिक्रमण कर उसे बेच रहे हैं. मोतिहारी की जीवन दायिनी रही धनौती नदी अतिक्रमण के कारण सिकुड़कर नाले के रुप में आ गयी है.

पश्चिमी चंपारण से होते हुए मोतिहारी और आस-पास के क्षेत्र के किसान अपनी फसलों के पनवट के लिए सदानीरा धनौती नदी पर आश्रित थे. धनौती नदी के कारण किसानों को अपने खेतों के फसल की सिचाई के लिए कभी भी चिंता नहीं हुई. पहले किसान खुशहाल थे.

समस्या बताते किसान

भू-माफियाओं की गंदी नजर
वहीं, भू-माफियाओं की नजर धनौती नदी पर भी पड़ गई. इसके बाद अंचल और रजिस्ट्री ऑफिस के बाबूओं के मिली भगत से धनौती नदी का पहले अतिक्रमण किया गया. फिर फर्जी दस्तावेज बनाकर उसकी बिक्री कर दी. जिस कारण धनौती नदी का मुहाना सिकुड़ते हुए लगभग बंद हो गया है.

सुनने वाला कोई नहीं
यही नहीं धनौती नदी के जल ग्रहण क्षेत्र को भी भू-माफियाओं ने नहीं छोड़ा. परिणाम यह हुआ कि नदी नाले के रुप में तब्दील हो गई और उसका पानी भी प्रदूषित हो गया. किसानों के फसलों के सिंचाई के लायक भी इसका पानी नहीं रहा. इस कारण वो परेशान हैं. लेकिन सुनने वाला कोई नहीं.

होगी जांच और कार्रवाई
वहीं, इस पूरे मामले के बारे में जब जिलाधिकारी रमण कुमार से बात की गई, तो उन्होंने जांच कर कार्रवाई के करने की बात कही है. बरहाल, मामले में उन नौकरशाहों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए, जिन्होंने पूरी करतूत में बराबरी का साथ देते हुए भू-माफियाओं के हौसलों को बुंलद किया.

Intro:मोतिहारी।पूर्वी चंपारण जिले में भू माफियायों का सिंडिकेट प्रशासनिक संरक्षण में काफी फल फूल रहा है।लिहाजा,भू माफिया अब नदियों का अतिक्रमण कर उसे बेच रहे हैं।मोतिहारी की जीवन दायिनी रही धनौती नदी अतिक्रमण के कारण सिकुड़कर नाले के रुप में आ गयी है।तो उसका पानी इतना प्यदुषित है कि जानवर भी उसमें स्नान नहीं करते हैं।


Body:वीओ..1...पश्चिमी चंपारण से होते हुए मोतिहारी और आस-पास के क्षेत्र के किसान अपनी फसलों के पनवट के लिए सदानीरा धनौती नदी पर आश्रित थे।धनौती नदी के कारण किसानों को अपने खेतों के फसल की सिचाई के लिए कभी भी चिंता नहीं हुई।किसान खुशहाल थे।लेकिन भू माफियाओं की नजर धनौती नदी पर भी पड़ गई।लिहाजा,अंचल और रजिस्ट्री ऑफिस के बाबूओं के मिली भगत से धनौती नदी का पहले अतिक्रमण किया।फिर फर्जी दस्तावेज बनाकर उसकी बिक्री कर दी।जिसकारण धनौती नदी का मुहाना सिकुड़ते हुए लगभग बंद हो गया।यही नहीं धनौती नदी के जल ग्रहण क्षेत्र को भी भूमाफियाओं ने नहीं छोड़ा।परिणाम यह हुआ कि नदी नाले के रुप में तब्दील हो गई और उसका पानी भी प्रदूषित हो गया।किसानों के फसलों के सिंचाई के लायक भी इसका पानी नहीं रहा।जिस कारण किसान परेशान है।लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।
बाइट....संजय चौधरी
बाइट....रंजीत गिरी
बाइट....राजू बैठा


Conclusion:वीओ..2....जब धनौती नदी के अतिक्रमण और उपके प्रदूषित हो चुके पानी की जानकारी जिलाधिकारी को दी गई।तो उन्होने माना कि धनौती नदी के अतिक्रमण के कारण वह नाला के रुप में तब्दील हो गई है।उन्होने कहा कि अतिक्रमणकारियों को चिंहित कर कार्रवाई की जाएगी।साथ हीं उन्होने अंचल के कर्मचारियों को भी चिंहित करने की बात कही।जिनके कारण जलश्रोतों का अतिक्रमण हो रहा है।
बाइट.....रमण कुमार.....डीएम
वीओएफ....बहरहाल,जिले के भूमाफियाओं को जिन पदाधिकारियों से ऑक्सीजन मिल रहा है।जबतक वैसे अधिकारियों और कर्मचारियों को चिंहित कर कार्रवाई नहीं की जाएगी।तब तक ऐसे अतिक्रमणकारियों से निजात नहीं मिल सकेगा और ऐसे हीं जलश्रोतों का अतिक्रमण होता रहेगा।क्योंकि अतिक्रमण करने वाले भूमाफियों के सिंडिकेट में पुलिस से लेकर कई अधिकारी शामिल है।ऐसे में उनके खिलाफ किसी के लिए आवाज उठाने की हिम्मत करना भी मुश्किल है।
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