मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिले में भू-माफियायों का सिंडिकेट प्रशासनिक संरक्षण में फल फूल रहा है. लिहाजा,भू-माफिया अब नदियों का अतिक्रमण कर उसे बेच रहे हैं. मोतिहारी की जीवन दायिनी रही धनौती नदी अतिक्रमण के कारण सिकुड़कर नाले के रुप में आ गयी है.
पश्चिमी चंपारण से होते हुए मोतिहारी और आस-पास के क्षेत्र के किसान अपनी फसलों के पनवट के लिए सदानीरा धनौती नदी पर आश्रित थे. धनौती नदी के कारण किसानों को अपने खेतों के फसल की सिचाई के लिए कभी भी चिंता नहीं हुई. पहले किसान खुशहाल थे.
भू-माफियाओं की गंदी नजर
वहीं, भू-माफियाओं की नजर धनौती नदी पर भी पड़ गई. इसके बाद अंचल और रजिस्ट्री ऑफिस के बाबूओं के मिली भगत से धनौती नदी का पहले अतिक्रमण किया गया. फिर फर्जी दस्तावेज बनाकर उसकी बिक्री कर दी. जिस कारण धनौती नदी का मुहाना सिकुड़ते हुए लगभग बंद हो गया है.
सुनने वाला कोई नहीं
यही नहीं धनौती नदी के जल ग्रहण क्षेत्र को भी भू-माफियाओं ने नहीं छोड़ा. परिणाम यह हुआ कि नदी नाले के रुप में तब्दील हो गई और उसका पानी भी प्रदूषित हो गया. किसानों के फसलों के सिंचाई के लायक भी इसका पानी नहीं रहा. इस कारण वो परेशान हैं. लेकिन सुनने वाला कोई नहीं.
होगी जांच और कार्रवाई
वहीं, इस पूरे मामले के बारे में जब जिलाधिकारी रमण कुमार से बात की गई, तो उन्होंने जांच कर कार्रवाई के करने की बात कही है. बरहाल, मामले में उन नौकरशाहों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए, जिन्होंने पूरी करतूत में बराबरी का साथ देते हुए भू-माफियाओं के हौसलों को बुंलद किया.