केंद्र सरकार के आम बजट को लेकर बिहार में मिलीजुली प्रतिक्रिया मिल रही है. आर्थिक विशेषज्ञ अरुण मिश्र ने कहा कि यह चुनावी बजट है. किसानों और मजदूरों में काफी आक्रोश था, लिहाजा नरेंद्र मोदी सरकार ने उनकी नाराजगी को दूर करने की कोशिश की है. मगर किसानों की समस्या को नजरअंदाज किया गया है.
अरुण मिश्रा का कहना है कि एक तरफ मध्यमवर्ग को लुभाने के लिए इनकम टैक्स की सीमा 5,00,000 तक की गई है, लेकिन यूथ के लिए बजट में कुछ नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि बेरोजगारी को लेकर भी सरकार ने बजट में कोई ऐसी घोषणा नहीं की है.