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पटना से 15 नई नाव पहुंची अररिया, 12 घंटे से समाहरणालय परिसर में खड़ी आदेश का कर रही इंतजार - boat

अररिया जिले का नौ प्रखंड बाढ़ के पानी से बुरी तरह प्रभावित हुआ था. इस त्रासदी में जिले के दर्जन भर लोग अपनी जान गंवा बैठे थे. नाव की कमी के कारण लोगों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा था. लेकिन अब जलस्तर कम होता जा रहा है.

ग्रामीण
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Published : Jul 19, 2019, 5:06 PM IST

अररिया: बिहार में बाढ़ का कहर लगातार जारी है. सभी प्रभावित जिलों में सरकार राहत और बचाव का काम कर रही है. इसी क्रम में पटना से 15 नये नावों को अररिया भेजी गया है. अब यह नाव बाढ़ प्रभावित इलाकों में भेजे जाएंगे. नाव के साथ पहुंचे ट्रैक्टर ड्राइवरों ने बताया कि हमें वापस पटना भी जाना है. देर रात से हमारी नाव लदी ट्रैक्टर अररिया समाहरणालय में खड़ी है.

देर रात अररिया पहुंचा नाव
बता दें अररिया जिले का नौ प्रखंड बाढ़ के पानी से बुरी तरह प्रभावित हुआ था. इस त्रासदी में जिले के दर्जन भर लोग अपनी जान गंवा बैठे थे. नाव की कमी के कारण लोगों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा था. लेकिन अब जलस्तर कम होता जा रहा है. नदियों में खतरे के निशान तक जल पहुंच चुका है. अब जहां जल जमाव है सिर्फ उन्हीं जगहों पर यातायात के लिए नाव की व्यवस्था होनी है. लेकिन यहां आश्चर्य कि बात यह है कि जिस वक्त नाव की सबसे ज्यादा जरूरत जिले को थी. उस वक्त नाव के संकट से यह जिला जूझ रहा था. अब 15 नाव पटना से खरीद की गई है जो देर रात अररिया पहुंचा है और समाहरणालय परिसर में 12 घंटे बीत जाने के बाद भी वहीं खड़ा है.

पटना से 15 नया नाव पहुंचा अररिया

नाव को उतारने के बारे में नहीं दी गई जानकारी
इस पर हमारे संवाददाता ने ट्रैक्टर के साथ आए ड्राइवरों से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि अब हमें भी वापस घर जाना है. वापस जाने में काफी वक्त लगेगा, क्योंकि 2 दिन पहले हम लोग पटना से चले थे लेकिन अभी तक हम लोगों को नाव कहां उतारना है इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है.

अररिया: बिहार में बाढ़ का कहर लगातार जारी है. सभी प्रभावित जिलों में सरकार राहत और बचाव का काम कर रही है. इसी क्रम में पटना से 15 नये नावों को अररिया भेजी गया है. अब यह नाव बाढ़ प्रभावित इलाकों में भेजे जाएंगे. नाव के साथ पहुंचे ट्रैक्टर ड्राइवरों ने बताया कि हमें वापस पटना भी जाना है. देर रात से हमारी नाव लदी ट्रैक्टर अररिया समाहरणालय में खड़ी है.

देर रात अररिया पहुंचा नाव
बता दें अररिया जिले का नौ प्रखंड बाढ़ के पानी से बुरी तरह प्रभावित हुआ था. इस त्रासदी में जिले के दर्जन भर लोग अपनी जान गंवा बैठे थे. नाव की कमी के कारण लोगों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा था. लेकिन अब जलस्तर कम होता जा रहा है. नदियों में खतरे के निशान तक जल पहुंच चुका है. अब जहां जल जमाव है सिर्फ उन्हीं जगहों पर यातायात के लिए नाव की व्यवस्था होनी है. लेकिन यहां आश्चर्य कि बात यह है कि जिस वक्त नाव की सबसे ज्यादा जरूरत जिले को थी. उस वक्त नाव के संकट से यह जिला जूझ रहा था. अब 15 नाव पटना से खरीद की गई है जो देर रात अररिया पहुंचा है और समाहरणालय परिसर में 12 घंटे बीत जाने के बाद भी वहीं खड़ा है.

पटना से 15 नया नाव पहुंचा अररिया

नाव को उतारने के बारे में नहीं दी गई जानकारी
इस पर हमारे संवाददाता ने ट्रैक्टर के साथ आए ड्राइवरों से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि अब हमें भी वापस घर जाना है. वापस जाने में काफी वक्त लगेगा, क्योंकि 2 दिन पहले हम लोग पटना से चले थे लेकिन अभी तक हम लोगों को नाव कहां उतारना है इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है.

Intro: पटना से 15 नया नाव अररिया पहुंचा । अब यह नाव बाढ़ प्रभावित इलाकों में भेजा जाएगा । नाव के साथ पहुंचे ट्रैक्टर ड्राइवरों ने बताया कि हमें वापस पटना भी जाना है देर रात से हमारी नाव लदी ट्रैक्टर अररिया समाहरणालय में खड़ी है ।
वाक थ्रू


Body: अररिया जिले का नौ प्रखंड बाढ़ के पानी से बुरी तरह प्रभावित हुआ था । इस त्रासदी में जिले के दर्जन भर लोग अपनी जान गवा बैठे थे । नाव के कमी के कारण लोगों को काफी मुसीबत का सामना करना पड़ा था । लेकिन अब जलस्तर कम होता जा रहा है नदियों में खतरे के निशान तक जल पहुंच चुका है । अब जहां जल जमाव है सिर्फ उन्हीं जगहों पर यातायात के लिए नाव की व्यवस्था होनी है जिस वक्त नाव की सबसे ज्यादा जरूरत जिले को थी उस वक्त नाव के संकट से यह जिला जूझ रहा था । अब 15 नाव पटना से खरीद की गई है जो देर रात अररिया पहुंचा है और समाहरणालय परिसर में 12 घंटे बीत जाने के बाद भी वहीं खड़ा है । इस पर हमारे संवाददाता मुर्शिद रज़ा ने ट्रैक्टर के साथ आए ड्राइवरों से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि अब हमें भी वापस घर जाना है । वापस जाने में काफी वक्त लगेगा क्योंकि 2 दिन पहले हम लोग पटना से चले थे लेकिन अभी तक हम लोगों को नाव कहां उतारना है इसके लिए नहीं बताया गया है ।
(वाक थ्रू मुर्शिद रज़ा, अररिया )


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