पटना: वर्ष 2021 कई मायनों में जहां राष्ट्रीय जनता दल के लिए खास रहा, वहीं आने वाला साल भी पार्टी के लिए महत्वपूर्ण होने वाला है. साल 2022 पार्टी के बड़े बदलाव का वर्ष होगा क्योंकि इस वर्ष पार्टी के संगठन का चुनाव (RJD organizational election) होना है. इसमें नए प्रदेश अध्यक्ष (RJD state president) और राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा. इसे लेकर कई नामों की भी चर्चा जोरों पर है.
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वर्ष 2021 में लंबे इंतजार के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव को नियमित जमानत मिली. वहीं, साल का अंत होते-होते नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव विवाह के बंधन (tejashwi yadav marriage) में बंध गए. अर्थात वर्ष 2021 पार्टी के लिए बेहद खास साबित हुआ.
अब वर्ष 2022 में पार्टी के लिए संगठनात्मक चुनाव की बारी है. राजद के राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव ने ईटीवी भारत को बताया कि इस वर्ष राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक 20 फरवरी को तय है. इसमें वर्ष 2022-25 की अवधि के लिए सदस्यता अभियान और पार्टी के प्राथमिक स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक के निर्वाचन के कार्यक्रमों की घोषणा होगी. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने बताया कि लोकतांत्रिक तरीके से पार्टी में निर्वाचन की प्रक्रिया होती है.
निर्वाचित सदस्य ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करते हैं. उन्होंने कहा कि 20 फरवरी को राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में पार्टी अपने आगे का कार्यक्रम तय करेगी और विभिन्न मुद्दों को लेकर आगे बढ़ने की रणनीति भी बनेगी.
दरअसल, पार्टी को एक नया स्वरूप देने वाले प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह का कार्यकाल वर्ष 2022 में खत्म हो रहा है. जगदानंद सिंह ने पार्टी को संगठनात्मक तौर पर जहां काफी मजबूत स्थिति में लाया और वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में उनकी प्लानिंग का असर भी देखने को मिला. जब लंबे समय के बाद पार्टी बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आई.
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वहीं, उन्हें लेकर कई विवाद भी हुए. दिवंगत रघुवंश प्रसाद सिंह ने पार्टी दफ्तर में उनके अनुशासन को लेकर सवाल खड़े किए थे. कुछ ऐसा ही सवाल लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने भी उठाया था. तब नौबत यहां तक पहुंच गई थी कि उन्होंने जगदानंद सिंह को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने की मांग कर दी थी. अब तक यह विवाद सुलझा नहीं है. तेज प्रताप यादव ने ना सिर्फ छात्र राजद से नाता तोड़ लिया बल्कि पार्टी दफ्तर में भी जाना छोड़ दिया.
सूत्रों के मुताबिक जगदानंद सिंह को विशेष परिस्थिति में पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष बनाया था. अब वह खुद इस जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते हैं और यही वजह है कि वर्ष 2022 में होने वाले प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर कई नए नाम चर्चा में हैं.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक पूर्व सांसद तनवीर हसन, पूर्व मंत्री आलोक कुमार मेहता और पार्टी के कोषाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह का नाम भी नए प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर चर्चा में है. हालांकि एक बात तय है कि पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष की बागडोर वही संभालेगा जिसे तेजस्वी यादव का समर्थन हासिल होगा. सूत्रों के मुताबिक नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए कोई चौंकाने वाला नाम भी सामने आ सकता है.
हालांकि इसमें अभी काफी समय है और संगठन के विभिन्न स्तर पर होने वाले चुनावों के बाद नाम तय करने की बारी आएगी. पार्टी में फिर से शामिल हुए कई पुराने दिग्गज भी प्रदेश अध्यक्ष की रेस में हैं. इनमें उदय नारायण चौधरी, वृषण पटेल और श्याम रजक का नाम भी शामिल है.
बात सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष की ही नहीं है बल्कि पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव भी इसी वर्ष होगा. फिलहाल लालू यादव राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और उनके स्वास्थ्य को लेकर कई बार इस तरह के सवाल खड़े हुए हैं कि क्या वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की बागडोर तेजस्वी यादव को सौंपने वाले हैं. हालांकि पार्टी के नेता इस बारे में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. श्याम रजक ने बताया कि लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित सदस्य हैं, वे राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करेंगे.
इधर, भाजपा नेता संजय सिंह टाइगर ने कहा कि वंशवादी पार्टियों में चुनाव तो महज ढोंग होता है. यह सबको पता है कि परिवार का कोई सदस्य ही प्रमुख पदों पर चुना जाएगा. इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय कहते हैं कि पार्टी के लिए निश्चित तौर पर वर्ष 2022 महत्वपूर्ण होगा क्योंकि पिछले 3 साल में जगदानंद सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर पार्टी को नई ऊंचाई पर पहुंचाया है.
उनका रिप्लेसमेंट खोजना पार्टी के लिए आसान नहीं होगा. हालांकि लालू यादव को लेकर वे कहते हैं कि फिलहाल उनके रहते कोई और पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाएगा, ऐसा नहीं लगता. हां उनकी तबीयत को देखते हुए राबड़ी देवी को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है, ऐसी संभावना है.
सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर फिलहाल लालू यादव का निर्विरोध निर्वाचन तय है. हालांकि सितंबर अक्टूबर में संभावित प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम को लेकर फिलहाल कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.
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