पटना : पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान मीडिया से दूरी बनाए रखने वाले सीएम नीतीश कुमार ने चुनाव संपन्न होते ही बयानों के तीर चलाने शुरू कर दिए हैं. सीएम नीतीश कुमार ने एक के बाद एक कई सवाल खड़े किए. लंबी चुनाव अवधि को लेकर भी मुख्यमंत्री ने विरोध दर्ज कराया. कांग्रेस को लेकर सीएम नीतीश कुमार की नरमी से भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
राजनीतिक गलियारे में इस बात को लेकर चर्चा कि के पूरे चुनाव के दौरान चुप रहने वाले नीतीश कुमार ने चुनाव संपन्न होने के साथ ही बयानों के तीर चलाने क्यों शुरू कर दिए? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ संकेत दे दिए हैं कि अगर एनडीए की सरकार बनती है, तो वैसी स्थिति में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम से ही सरकार चलेगी.
नीतीश कुमार ने रखा अपना स्टैंड
नीतीश कुमार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35A हटाने को लेकर भी मुखालफत की. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह किसी भी सूरत में इसके पक्ष में खड़े नहीं होंगे. इससे पहले नीतीश कुमार ने उड़ीसा के साथ-साथ बिहार को भी विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने की कोशिश की.
नीतीश कुमार कभी भी कुछ भी कदम उठा सकते हैं- राजद
नीतीश कुमार के बदले सुर पर विपक्ष ने संदेह जाहिर किया है. राजद के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि नीतीश कुमार कभी भी कुछ भी कदम उठा सकते हैं. नीतीश हमेशा एक राजनीतिक विकल्प साथ में लेकर चलते हैं.
यू टर्न लेंगे नीतीश कुमार- हम
इधर हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा है कि जैसे ही चुनाव के नतीजे महागठबंधन के पक्ष में आते दिखेंगे नीतीश कुमार यू टर्न लेंगे. उसी की पृष्ठभूमि तैयार की जा रही है.
किसी सूरत में महागठबंधन में नहीं जाएंगे- जदयू
विपक्ष के आरोपों पर जदयू ने पलटवार किया है. पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि दूर दूर तक ऐसी कोई संभावना नहीं है. हम किसी भी सूरत में महागठबंधन में जाने वाले नहीं हैं. चुनाव के नतीजे जब आएंगे तो विपक्ष लकवा ग्रस्त हो जाएगा.
'दोनों दलों की अलग राय हो सकती है'
भाजपा के राष्ट्रीय सह प्रभारी संजय मयूख ने कहा है कि नीतीश हमारे गठबंधन के साथ ही हैं. दोनों अलग-अलग दल है, दोनों दलों की अलग-अलग राय किसी मुद्दे पर हो सकती है.