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कोटपूतली में दुष्कर्म पीड़िता पर हमला : चिकित्सा मंत्री बोले- जरूरत पड़ी तो दिल्ली एम्स किया जाएगा शिफ्ट

कोटपूतली में जानलेवा हमले का शिकार हुई दुष्कर्म पीड़िता का इलाज जयपुर के एसएमएस अस्पताल में चल रहा है. सोमवार को चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर अस्पताल पहुंचे. यहां उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो पीड़िता को दिल्ली एम्स शिफ्ट किया जाएगा.

Gajendra Singh Khimsar
Gajendra Singh Khimsar
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 26, 2024, 8:23 PM IST

कोटपूतली में दुष्कर्म पीड़िता पर हमला.

जयपुर. कोटपूतली में आरोपियों के जानलेवा हमले में घायल दुष्कर्म पीड़िता को दिल्ली एम्स शिफ्ट किया जा सकता है. फिलहाल उसका इलाज एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में चल रहा है. यहां पीड़िता के रीढ़ की हड्डी से गोली निकाल ली गई है, लेकिन उसका पेनक्रियाज (अग्न्याशय) काफी डैमेज हुआ है. इसकी वजह से उसकी हालत में कोई विशेष सुधार नहीं आया है. ऐसे में अब चिकित्सा मंत्री ने स्पष्ट किया है कि पीड़िता के इलाज में जुटे मेडिकल बोर्ड को यदि जरूरत लगती है तो पीड़ित को एम्स शिफ्ट किया जाएगा. इस संबंध में मुख्यमंत्री को अवगत करा दिया जाएगा और फिर ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एम्स भेजा जाएगा.

जरूरत पड़ी तो एम्स शिफ्ट किया जाएगा : सोमवार को पीड़िता का हालचाल लेने के लिए चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ट्रॉमा सेंटर पहुंचे. यहां मेडिकल बोर्ड से बातचीत के बाद उन्होंने बताया कि पीड़िता को यदि और बेहतर मेडिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता पड़ती है तो दिल्ली एम्स भी भेजा जाएगा. यदि पीड़िता आउट ऑफ डेंजर है, तो कोई आवश्यकता नहीं है. यदि डेंजर जोन में है तभी एम्स में शिफ्ट किया जाएगा. हालांकि, इसका फैसला मेडिकल बोर्ड करेगा. उन्होंने बताया कि पहले जब पीड़ित को अस्पताल में भर्ती कराया गया था तब उसकी स्थिति गंभीर थी, अब स्टेबल है. आवश्यकता पड़ने पर ग्रीन कॉरिडोर बनाते हुए एम्स ले जाया जाएगा.

पढ़ें. कोटपूतली में दुष्कर्म पीड़िता पर हमला : पूर्व सीएम गहलोत पहुंचे अस्पताल, कहा- बेटी के साथ बर्बरता अक्षम्य है

पीड़िता की स्थिति पर डिस्कशन : उन्होंने स्पष्ट किया कि पूरे थाने को सस्पेंड करने की जहां तक बात है तो वो गृह विभाग का विषय है. अभी इसकी जांच की जाएगी. क्या घटनाक्रम हुआ उसकी जानकारी में गृह विभाग लगा हुआ है. हालांकि ये एक जघन्य अपराध है. जिसने ये क्राइम किया उसने भी आत्महत्या करने की कोशिश की, तो उसके मन में तो गिल्ट है. विपक्ष के आरोप पर गजेंद्र सिंह ने कहा कि पीड़िता का ट्रीटमेंट शनिवार से हो रहा है. रविवार को वो खुद भी यहां मौजूद थे और 1 घंटे बैठकर पीड़िता की स्थिति पर भी डिस्कशन किया गया था. अब इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भी देंगे. आगामी ट्रीटमेंट को लेकर मेडिकल बोर्ड से बात करेंगे.

पढ़ें. दुष्कर्म पीड़िता को गोली मारी और फिर धारदार हथियार से किया हमला, खुद भी ट्रेन की चपेट में आया आरोपी

इस दौरान उनके साथ खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भी मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि ये राजस्थान की बेटी है और राजस्थान की बेटियों के साथ कोई भी जघन्य अपराध स्वीकार नहीं है. बीजेपी की सरकार महिला सुरक्षा के लिए बिल्कुल सचेत है. जो ऐसा अपराध करेगा या अपराध में शामिल भी होगा फिर चाहे वो वर्दी ही क्यों न पहनता हो, उस पर कड़ी कार्रवाई करते हुए एक उदाहरण पेश किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जहां तक पीड़िता का सवाल है, प्राथमिकता उसकी जान बचाने की है. एसएमएस अस्पताल में सबसे बेहतरीन मेडिकल सुविधा दी जा रही है. इस संबंध में डॉक्टर्स के साथ विस्तृत चर्चा भी हुई. मेडिकल बोर्ड को खुली छूट दी गई है कि मेडिकल एडवाइस लें और आवश्यकता पड़े तो एम्स शिफ्ट करें.

कोटपूतली में दुष्कर्म पीड़िता पर हमला.

जयपुर. कोटपूतली में आरोपियों के जानलेवा हमले में घायल दुष्कर्म पीड़िता को दिल्ली एम्स शिफ्ट किया जा सकता है. फिलहाल उसका इलाज एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में चल रहा है. यहां पीड़िता के रीढ़ की हड्डी से गोली निकाल ली गई है, लेकिन उसका पेनक्रियाज (अग्न्याशय) काफी डैमेज हुआ है. इसकी वजह से उसकी हालत में कोई विशेष सुधार नहीं आया है. ऐसे में अब चिकित्सा मंत्री ने स्पष्ट किया है कि पीड़िता के इलाज में जुटे मेडिकल बोर्ड को यदि जरूरत लगती है तो पीड़ित को एम्स शिफ्ट किया जाएगा. इस संबंध में मुख्यमंत्री को अवगत करा दिया जाएगा और फिर ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एम्स भेजा जाएगा.

जरूरत पड़ी तो एम्स शिफ्ट किया जाएगा : सोमवार को पीड़िता का हालचाल लेने के लिए चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ट्रॉमा सेंटर पहुंचे. यहां मेडिकल बोर्ड से बातचीत के बाद उन्होंने बताया कि पीड़िता को यदि और बेहतर मेडिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता पड़ती है तो दिल्ली एम्स भी भेजा जाएगा. यदि पीड़िता आउट ऑफ डेंजर है, तो कोई आवश्यकता नहीं है. यदि डेंजर जोन में है तभी एम्स में शिफ्ट किया जाएगा. हालांकि, इसका फैसला मेडिकल बोर्ड करेगा. उन्होंने बताया कि पहले जब पीड़ित को अस्पताल में भर्ती कराया गया था तब उसकी स्थिति गंभीर थी, अब स्टेबल है. आवश्यकता पड़ने पर ग्रीन कॉरिडोर बनाते हुए एम्स ले जाया जाएगा.

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पीड़िता की स्थिति पर डिस्कशन : उन्होंने स्पष्ट किया कि पूरे थाने को सस्पेंड करने की जहां तक बात है तो वो गृह विभाग का विषय है. अभी इसकी जांच की जाएगी. क्या घटनाक्रम हुआ उसकी जानकारी में गृह विभाग लगा हुआ है. हालांकि ये एक जघन्य अपराध है. जिसने ये क्राइम किया उसने भी आत्महत्या करने की कोशिश की, तो उसके मन में तो गिल्ट है. विपक्ष के आरोप पर गजेंद्र सिंह ने कहा कि पीड़िता का ट्रीटमेंट शनिवार से हो रहा है. रविवार को वो खुद भी यहां मौजूद थे और 1 घंटे बैठकर पीड़िता की स्थिति पर भी डिस्कशन किया गया था. अब इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भी देंगे. आगामी ट्रीटमेंट को लेकर मेडिकल बोर्ड से बात करेंगे.

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इस दौरान उनके साथ खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भी मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि ये राजस्थान की बेटी है और राजस्थान की बेटियों के साथ कोई भी जघन्य अपराध स्वीकार नहीं है. बीजेपी की सरकार महिला सुरक्षा के लिए बिल्कुल सचेत है. जो ऐसा अपराध करेगा या अपराध में शामिल भी होगा फिर चाहे वो वर्दी ही क्यों न पहनता हो, उस पर कड़ी कार्रवाई करते हुए एक उदाहरण पेश किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जहां तक पीड़िता का सवाल है, प्राथमिकता उसकी जान बचाने की है. एसएमएस अस्पताल में सबसे बेहतरीन मेडिकल सुविधा दी जा रही है. इस संबंध में डॉक्टर्स के साथ विस्तृत चर्चा भी हुई. मेडिकल बोर्ड को खुली छूट दी गई है कि मेडिकल एडवाइस लें और आवश्यकता पड़े तो एम्स शिफ्ट करें.

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