बगहा: बिहार के बगहा शहर और उसके आसपास के इलाकों में अवैध नर्सिंग होम की भरमार है. गांव-गांव तक इसका मकड़जाल फैला हुआ है और कई अस्पतालों में साधारण इलाज के नाम पर चोरी छुपे सर्जरी करा मरीजों के जान से खिलवाड़ किया जा रहा है. इसी क्रम में बगहा के अंसारी टोला में वर्षों से संचालित एक अवैध अस्पताल उस वक्त चर्चा का विषय बन गया जब वह नर्सिंग होम रातों रात गायब हो गया.
अवैध नर्सिंग होम ने ली महिला की जान: दरअसल अनुमंडल अस्पताल और नगर थाना से महज 100 मीटर की दूरी पर सूरज हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर संचालित हो रहा था. विगत 11 मार्च को एक प्रसूता को आशा के माध्यम से भर्ती कराया गया था. इस अवैध नर्सिंग होम के डॉक्टरों ने महिला का ऑपरेशन कर बच्चे की डिलीवरी करवाई और जब प्रसूता महिला की हालत गंभीर बन गई और हालत काबू से बाहर हो गया तो उसे रेफर कर दिया गया.
'गलत तरीके से सर्जरी की गई': परिजनों का कहना है कि सर्जरी के बाद प्रसूता को ज्यादा ब्लीडिंग होने लगी तो हमलोग बेतिया और मोतिहारी लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने बताया की गलत तरीके से सर्जरी की गई है और मरीज को बचाना मुश्किल होगा.
"यहां अस्पताल के डॉक्टरों ने सिजेरियन बच्चा पैदाइशी की बात कही. तब हमलोग दूसरे अस्पताल में जाने की बात करने लगे, लेकिन अस्पताल संचालक ने मरीज के रास्ते में मर जाने का भय दिखाकर मजबूर किया और पेट चीरकर बच्चा की पैदाइश कराई."- मृतक महिला के परिजन
रातों रात अस्पताल गायब: परिजन आनन फानन में पीड़िता को लेकर बेतिया गए वहां भी चिकित्सकों ने खराब हालत बताकर रेफर कर दिया. उसके बाद परिजन प्रसूता महिला को मोतिहारी के रहमानिया अस्पताल ले गए, जहां उसकी मौत हो गई. इधर जैसे ही सूरज हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर के संचालक प्रवीण तिवारी और मनोज यादव को इसकी जानकारी मिली वैसे ही रातों रात अस्पताल का उपकरण समेत अन्य सामान लेकर गायब हो गए.
"अस्पताल संचालक कब यहां से सामान लेकर गायब हो गए हमें जानकारी नहीं है. सुबह में आसपास के लोगों ने बताया कि अस्पताल और कर्मी गायब हैं."- बिल्डिंग के मालिक
आशाकर्मी के खिलाफ लिया जा सकता है एक्शन: सुबह सुबह जब स्थानीय लोगों ने देखा तो अस्पताल गायब था. बताया जा रहा है कि प्रसूता महिला को पहले परिजनों ने अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया था, लेकिन गंभीर मामला देख वहां से उसे रेफर कर दिया गया था. जिसके बाद अस्पताल के एक आशाकर्मी ने परिजनों को इस अवैध सूरज हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर के बारे में बताया और वहां भर्ती करवाया.
उपाधीक्षक का बयान: अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर के बी एन सिंह ने बताया कि "मीडिया के द्वारा ही उन्हें जानकारी मिली है कि ऐसी घटना घटी है. यदि अस्पताल के आशाकर्मी की मिलीभगत उजागर होती है तो जांचकर कार्रवाई की जाएगी." फिलहाल मरीज के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है.
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