जबलपुर। ऐसा नहीं है कि खेती हर बार ही दगा दे जाए, कई बार किसान मौसम की मार से परेशान होते हैं लेकिन कई बार लखपति भी बन जाते हैं. सिवनी के एक रहने वाले एक किसान ने थोक में आधे से भी कम कीमत में अपनी फसल बेची इसके बाद भी उसने लाखों रुपये कमा लिए. मात्र 70 दिनों की खेती में इस किसान ने एक एकड़ की फसल से लगभग डेढ़ लाख रुपये कमाए.
खरबूजा ने किसान को किया मालामाल
सिवनी के आकाश साहू ने महज 11वीं क्लास तक ही पढ़ें हैं. पास ही के एक गांव में रहते हैं और खेती किसानी करते हैं. आकाश की उम्र अभी मात्र 28 साल है और वह लगभग 50 एकड़ के कृषि फार्म को संभालते हैं. इसमें वह कम समय में पैदा होने वाली फसलें खासतौर पर सब्जियों की खेती करते हैं. पहले आलू से लाखों रुपये कमाए अब खरबूजा ने उन्हें मालामाल किया तो कुछ दिनों बाद टमाटर की खेती से उन्हें मोटा फायदा होगा.
15 से 20 रुपये किलो बिका खरबूजा
आकाश खरबूजा की फसल लेकर सिवनी से जबलपुर की कृषि उपज मंडी में बेचने पहुंचे. आकाश साहू के लगभग 20 क्विंटल तरबूज ₹15 से 20 प्रति किलो के दाम में बिके हैं. हालांकि बाजार में यही तरबूज 40 से ₹50 किलो बिक रहा है इसके बाद भी आकाश का कहना है कि इतने दामों में भी उन्हें पर्याप्त मुनाफा हो गया. आकाश ने बताया कि " खरबूज की फसल मात्र 70 दिनों में तैयार हो जाती है, इसकी रोपाई जनवरी के महीने में की जाती है और अप्रैल के पहले सप्ताह में यह बाजार में आना शुरू हो जाती है. सामान्य फसल एक एकड़ में लगभग 70 से 80 क्विंटल तक उत्पादन देती है और मात्र 70 दिनों में एक एकड़ खेती से एक से डेढ़ लाख रुपए तक की फसल निकल आती है".
अब टमाटर की खेती की तैयारी
आकाश का कहना है कि खरबूजे खत्म हो जाने के बाद वह टमाटर की खेती शुरू करेंगे. जिसका उत्पादन दो माह बाद आना शुरू होगा और पूरी बरसात टमाटर उन्हें उत्पादन देगा. आकाश साहू का कहना है कि "वह और उनके जैसे ही दूसरे युवा एक साथ मिलाकर लगभग 50 एकड़ की खेती कर रहे हैं और इस खेती में उन्हें लाखों रुपए का मुनाफा होता है. वे आधुनिक खेती कर रहे हैं इसके लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने अपनी खेती को उन्नत रखने के लिए लिक्विड फर्टिलाइजर का इस्तेमाल किया है और वह पूरे 50 एकड़ में ड्रिप इरीगेशन के माध्यम से पानी की सिंचाई करते हैं".
आलू की कांट्रैक्ट फार्मिंग
आकाश साहू ने बताया कि खरबूजे के पहले उन्होंने अपने खेत में आलू की कांट्रैक्ट फार्मिंग की थी. इसके लिए पेप्सी को नाम की एक कंपनी ने उनके साथ करार किया था. जिसमें आलू का बीज और दवाएं कंपनी ने ही मुहैया करवाईं थी और जो भी उत्पादन निकला था उसे 15 रुपया प्रति किलो के भाव पर खरीद लिया था. इस साल उनके खेत में प्रति एकड़ 130 क्विंटल आलू निकला था.
खेती ने बनाया मालामाल
आकाश ने मात्र 11वीं तक पढ़ाई की है, यदि इस पढ़ाई के आधार पर भी नौकरी खोजने जाते तो उन्हें किसी ऑफिस में बेहद छोटी नौकरी मिलती लेकिन उन्होंने अत्याधुनिक तरीके से सब्जी की खेती शुरू करके न केवल खुद के लिए रोजगार बनाया है बल्कि अभी 50 से ज्यादा दूसरे मजदूरों को भी नौकरी दे रहे हैं.