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छात्र और अभिभावकों तक पहुंची स्वच्छता की मुहीम, होम कंपोस्टिंग और सेग्रीगेशन के दिए जा रहे टास्क - Cleanness campaign reached schools

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 19, 2024, 3:34 PM IST

Updated : May 19, 2024, 4:23 PM IST

स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में अपनी रैंक सुधारने के लिए निगम की टीम स्कूल और शिक्षण संस्थानों तक पहुंच रही है. यहां छात्रों को गीला और सूखा कचरा अलग-अलग रखने का संदेश दिया जा रहा है.

Cleanness campaign reached schools
स्टूडेंट्स को दिलाई स्वच्छता की शपथ (ETV Bharat Jaipur)
छात्रों को दिया गीला और सूखा कचरा अलग-अलग रखने का संदेश (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. शहर में स्वच्छता की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए अब स्कूलों के छात्रों और उनके अभिभावकों तक पहुंचा जा रहा है. हालांकि अभी ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू हो गए हैं. लेकिन जिन स्कूलों में वार्षिकोत्सव या समर कैंप आयोजित किया जा रहे हैं, वहां निगम प्रशासन की टीम पहुंचकर छात्रों को विभिन्न आईईसी एक्टिविटी कराते हुए स्वच्छता के प्रति जागरुक कर रही है. इसके साथ ही छात्रों को परिजनों के साथ होम कंपोस्टिंग और गीला-सूखा कचरा अलग-अलग करने जैसी एक्टिविटी के टास्क भी दे रही है.

स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में अपनी रैंक सुधारने में जुटी निगम की टीम स्कूल और शिक्षण संस्थानों तक पहुंच रही है. जहां छात्रों को यही संदेश दिया जा रहा है कि छात्र अपने पेरेंट्स को घर में गीला और सूखा कचरा अलग-अलग रखने का संदेश दें और सहयोग करें. इस संबंध में हेरिटेज नगर निगम के आयुक्त अभिषेक सुराणा ने बताया कि निगम का सेग्रीगेशन और कचरे को डोर-टू-डोर पहुंचने वाले हूपर में ही डाले जाने पर जोर है. ताकि जयपुर को स्वच्छ, सुंदर और जगमग जयपुर के रूप में देख सके.

पढ़ें: जयपुर में स्कूली छात्रों को दिया गया 'स्वच्छता' का होमवर्क, बनाएंगे 'वेस्ट टू वंडर' - Cleanliness Campaign

उन्होंने बताया कि स्कूलों तक पहुंच बनाकर छात्रों से वेस्ट के जरिए अलग-अलग क्रिएटिव आर्ट करवाई जा रही है. बच्चों को स्वच्छता का होमवर्क कराया जा रहा है. स्कूल में अलग-अलग तरह की कविता, राइटिंग, पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता भी कराई जा रही है. ताकि छात्रों में अवेयरनेस आए. हालांकि अब समर वेकेशन आ गए हैं. इसलिए बच्चों को अभिभावकों का सहयोग लेकर होम कंपोस्टिंग कराने और गीला-सूखा कचरा अलग-अलग करने जैसी एक्टिविटी के टास्क दिए गए हैं. ताकि पूरा परिवार इससे जुड़ सके. साथ ही उन्हें स्वच्छता की शपथ भी दिलाई जा रही है.

पढ़ें: स्कूल में बच्चे सीखेंगे स्वच्छता का पाठ! मेयर सौम्या गुर्जर ने शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र

वहीं एक स्कूल ग्रुप की निदेशक डॉ मीनाक्षी मिश्रा ने बताया कि ओपन कचरा डिपो और कचरे का सेग्रीगेशन नहीं करना ये शहर की नहीं पूरे देश की समस्या है. इसके लिए सरकार, प्रशासन प्रयास कर रहे हैं. लेकिन जिस हद तक सफलता मिलना चाहिए, उससे अभी दूर है. इसलिए अब छात्रों और पेरेंट्स को मोटिवेट किया जाएगा ताकि घरों से ही सेग्रीगेट कचरा निकले. उन्होंने कहा कि स्कूल बच्चों को शिक्षा देने का काम करता है, तो उन्हें इस ओर जागरूक करना भी नैतिक दायित्व बनता है. ऐसे में अब स्कूल में सप्ताह में एक कालांश स्वच्छता के नाम किया जाएगा. जिसमें छात्रों को थियोरेटिकल नहीं बल्कि प्रैक्टिकल वर्क कराया जाएगा.

शहरी एवं आवासन मंत्रालय भारत सरकार की गाइडलाइन और स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के लिए सभी विद्यालयों के लिए अपेक्षित मानदंड:

  1. प्रत्येक विद्यालय में बालक-बालिकाओं और दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग शौचालय उपलब्ध हों. प्रत्येक शौचालय में हवा और प्रकाश के लिए रोशनदान हो. दरवाजा ठीक से बंद होता हो. सभी शौचालय क्रियाशील हों और उससे निकलने वाले ठोस और तरल कचरे, सेप्टिक वेस्ट का सीवर या सेप्टिक टैंक में निस्तारण हो.
  2. विद्यालय परिसर में गीले और सूखे कचरे के लिये सभी कक्ष, किचन, कैंटीन के लिए हरे और नीले कचरा पात्र लगे हो. सेनिटरी वेस्ट निस्तारण के लिए पीले रंग का अलग कचरापात्र हो.
  3. विद्यालय परिसर में गीले और सूखे कचरे का विद्यालय में ही कम्पोस्टिंग कर निस्तारण किया जाए. ठोस सूखे कचरे और सेनिटरी वेस्ट को अलग-अलग कचरे की थैली बना या फिर निगम के कचरा संग्रहण हूपर के निर्धारित चैम्बर में डाला जाए.
  4. विद्यालय परिसर में बच्चों से स्वच्छता से संबंधित दीवार लेखन, नारा लेखन, कलाकृति निर्माण कराया जाए.
  5. विद्यालय में अध्ययनरत बालक-बालिकाओं को Recycle योग्य कचरे की पहचान, पूनर्नवीनीकरण के महत्व और भावी पीढ़ी की भूमिका के विषय में चित्रकला, निबंध लेखन, वेस्ट-टू-आर्ट कलाकृति निर्माण का आयोजन कराया जाए.
  6. डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के लिए यदि हूपर समय पर नहीं आएं या देर से आएं, तो कॉल सेंटर के नम्बर पर उसकी सूचना दें. या व्हाट्सएप नंबर पर जानकारी दें.

छात्रों को दिया गीला और सूखा कचरा अलग-अलग रखने का संदेश (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. शहर में स्वच्छता की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए अब स्कूलों के छात्रों और उनके अभिभावकों तक पहुंचा जा रहा है. हालांकि अभी ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू हो गए हैं. लेकिन जिन स्कूलों में वार्षिकोत्सव या समर कैंप आयोजित किया जा रहे हैं, वहां निगम प्रशासन की टीम पहुंचकर छात्रों को विभिन्न आईईसी एक्टिविटी कराते हुए स्वच्छता के प्रति जागरुक कर रही है. इसके साथ ही छात्रों को परिजनों के साथ होम कंपोस्टिंग और गीला-सूखा कचरा अलग-अलग करने जैसी एक्टिविटी के टास्क भी दे रही है.

स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में अपनी रैंक सुधारने में जुटी निगम की टीम स्कूल और शिक्षण संस्थानों तक पहुंच रही है. जहां छात्रों को यही संदेश दिया जा रहा है कि छात्र अपने पेरेंट्स को घर में गीला और सूखा कचरा अलग-अलग रखने का संदेश दें और सहयोग करें. इस संबंध में हेरिटेज नगर निगम के आयुक्त अभिषेक सुराणा ने बताया कि निगम का सेग्रीगेशन और कचरे को डोर-टू-डोर पहुंचने वाले हूपर में ही डाले जाने पर जोर है. ताकि जयपुर को स्वच्छ, सुंदर और जगमग जयपुर के रूप में देख सके.

पढ़ें: जयपुर में स्कूली छात्रों को दिया गया 'स्वच्छता' का होमवर्क, बनाएंगे 'वेस्ट टू वंडर' - Cleanliness Campaign

उन्होंने बताया कि स्कूलों तक पहुंच बनाकर छात्रों से वेस्ट के जरिए अलग-अलग क्रिएटिव आर्ट करवाई जा रही है. बच्चों को स्वच्छता का होमवर्क कराया जा रहा है. स्कूल में अलग-अलग तरह की कविता, राइटिंग, पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता भी कराई जा रही है. ताकि छात्रों में अवेयरनेस आए. हालांकि अब समर वेकेशन आ गए हैं. इसलिए बच्चों को अभिभावकों का सहयोग लेकर होम कंपोस्टिंग कराने और गीला-सूखा कचरा अलग-अलग करने जैसी एक्टिविटी के टास्क दिए गए हैं. ताकि पूरा परिवार इससे जुड़ सके. साथ ही उन्हें स्वच्छता की शपथ भी दिलाई जा रही है.

पढ़ें: स्कूल में बच्चे सीखेंगे स्वच्छता का पाठ! मेयर सौम्या गुर्जर ने शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र

वहीं एक स्कूल ग्रुप की निदेशक डॉ मीनाक्षी मिश्रा ने बताया कि ओपन कचरा डिपो और कचरे का सेग्रीगेशन नहीं करना ये शहर की नहीं पूरे देश की समस्या है. इसके लिए सरकार, प्रशासन प्रयास कर रहे हैं. लेकिन जिस हद तक सफलता मिलना चाहिए, उससे अभी दूर है. इसलिए अब छात्रों और पेरेंट्स को मोटिवेट किया जाएगा ताकि घरों से ही सेग्रीगेट कचरा निकले. उन्होंने कहा कि स्कूल बच्चों को शिक्षा देने का काम करता है, तो उन्हें इस ओर जागरूक करना भी नैतिक दायित्व बनता है. ऐसे में अब स्कूल में सप्ताह में एक कालांश स्वच्छता के नाम किया जाएगा. जिसमें छात्रों को थियोरेटिकल नहीं बल्कि प्रैक्टिकल वर्क कराया जाएगा.

शहरी एवं आवासन मंत्रालय भारत सरकार की गाइडलाइन और स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के लिए सभी विद्यालयों के लिए अपेक्षित मानदंड:

  1. प्रत्येक विद्यालय में बालक-बालिकाओं और दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग शौचालय उपलब्ध हों. प्रत्येक शौचालय में हवा और प्रकाश के लिए रोशनदान हो. दरवाजा ठीक से बंद होता हो. सभी शौचालय क्रियाशील हों और उससे निकलने वाले ठोस और तरल कचरे, सेप्टिक वेस्ट का सीवर या सेप्टिक टैंक में निस्तारण हो.
  2. विद्यालय परिसर में गीले और सूखे कचरे के लिये सभी कक्ष, किचन, कैंटीन के लिए हरे और नीले कचरा पात्र लगे हो. सेनिटरी वेस्ट निस्तारण के लिए पीले रंग का अलग कचरापात्र हो.
  3. विद्यालय परिसर में गीले और सूखे कचरे का विद्यालय में ही कम्पोस्टिंग कर निस्तारण किया जाए. ठोस सूखे कचरे और सेनिटरी वेस्ट को अलग-अलग कचरे की थैली बना या फिर निगम के कचरा संग्रहण हूपर के निर्धारित चैम्बर में डाला जाए.
  4. विद्यालय परिसर में बच्चों से स्वच्छता से संबंधित दीवार लेखन, नारा लेखन, कलाकृति निर्माण कराया जाए.
  5. विद्यालय में अध्ययनरत बालक-बालिकाओं को Recycle योग्य कचरे की पहचान, पूनर्नवीनीकरण के महत्व और भावी पीढ़ी की भूमिका के विषय में चित्रकला, निबंध लेखन, वेस्ट-टू-आर्ट कलाकृति निर्माण का आयोजन कराया जाए.
  6. डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के लिए यदि हूपर समय पर नहीं आएं या देर से आएं, तो कॉल सेंटर के नम्बर पर उसकी सूचना दें. या व्हाट्सएप नंबर पर जानकारी दें.
Last Updated : May 19, 2024, 4:23 PM IST
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