पटनाः भोजपुरी संगीत में मो. रफी के नाम से प्रख्यात भरत शर्मा व्यास पिछले 54 सालों से भोजपुरी गीत गा रहे है. बिहार के बक्सर के रहने भरत शर्मा व्यास 1971 से लेकर आज तक अनवरत गीत गा रहे हैं. आज के नए भोजपुरी गीत को लेकर भरत शर्मा व्यास ने दुख जताते हुए कहा कि जो नए लोग आए हैं वो गायक नहीं बल्कि नचनिया हैं. ये लोग भोजपुरी को गर्त में मिला दिए हैं. इस दौरान उन्होंने अपने राजनीतिक सफर को लेकर भी खुलासा किए. पेश हैं भोजपुरी गायक भरत व्यास शर्मा से बातचीत के प्रमुख अंश..
पहले के दौर में और अभी के दौर में भोजपुरी गाना में क्या अंतर आया है?
''आज के दौर और पहले के दौर में जमीन आसमान का अंतर है. आज के गायक कहते हैं कि हम व्यास हैं. व्यास के नाम पर एक दूसरे पर छिंटाकशी करते हैं. एक दूसरे की बहन का इज्जत उछालते हैं. मैंने एक गायक से पूछा कि आप लोग गंदा गीत क्यों गा रहे हैं? तो उस गायक ने कहा कि आप तो शीर्ष पर पहुंच गए हम लोग यही गाते हैं तो दो पैसा मिलता हैय नहीं गाएंगे तो हमारे बाल बच्चे भूखे मर जाएंगे. आज भोजपुरी के मर्यादा को लोग ताख पर रख दिए हैं. दूसरे प्रांत के लोग भोजपुरी को हीन भावना से देखते हैं.''
भरत शर्मा व्यास बैठकर गाते थे, कभी खड़ा होकर नहीं गाए, क्या अब ऐसा है?
''मैं बैठकर ही गाना गाता हूं. आज के लोग गायक नहीं है. नीचे से ऊपर तक सब नचनिया हैं. लौंडा भी नाचता और गाता है. दो-चार गायक को छोड़कर सब नचनिया है. सभ्यता, संस्कृति, भोजपुरी की मर्यादा से कोई लेना-देना नहीं है. इन्हें सिर्फ रातों-रात हिट हो जाना है ताकि लोग स्टार कहे. पता नहीं कौन स्टार देता है. अपने नाम के पहले स्टार लिखता है. कितनी शर्म की बात है.''
हिंदी में मोहम्मद रफी थे तो भोजपुरी में भारत शर्मा व्यास का नाम आता है.
''भोजपुरी से बड़ी भाषा कोई नहीं है. हमलोग भोजपुरी 25 करोड़ लोग बोलते हैं. यहां से लेकर विदेश तक 25 करोड़ लोग हैं. इतने लोग कोई अन्य भाषा को बोलने वाले लोग नहीं है. दुख की बात है कि भोजपुरी सिर्फ बोली बनकर रह गई है. भाषा की दर्जा के लिए हमलोग संविधान की आठवीं अनुसूची में दर्ज करने के लिए धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन आज तक नहीं मिला.''
भोजपुरी को भाषा का दर्जा कब मिलेगा?
''कैसे मिलेगा? कुछ लोग भोजपुरी के साथ द्रोपदी का चीर हरण कर रहे हैं. भोजपुरी का छीछालेदर किया जा रहा है. कोई लाज हया नहीं है. सबको व्यूज चाहिए, मिलियन में व्यू चाहिए. कैसेट पर यह भी लिख देते हैं कि इतना मिलियन. भरत शर्मा का व्यूज नहीं है. मेरा यूट्यूब देखेगा तो 4-5 हाजार है. 54-55 साल से मैं गा रहा हूं. इतना गीत कौन गाया है?''
भरत शर्मा कितने गीत गाए?
''4500 या 5000 हमारे रिकॉर्ड गीत हैं. हमने गिनती नहीं की है. 250 एल्बम टी-सीरीज में है. पहले कैसेट पर एल्बम निकलता था. कैसेट और सीडी पर मेरा 250 एल्बम है. अब तो सब भोजपुरी का दुकान खोल कर बैठा हुआ है. सिर्फ अपनी रोटी सेंक रहे हैं. लोगों को भोजपुरी से कोई लेना-देना नहीं हैं. यह लोग इसलिए कर रहा है क्योंकि इन लोगों को टिकट मिल जाता है. पॉलीटिकल पार्टी में एंट्री हो जाती है. विधायक बन जाएंगे, सांसद बन जाएंगे.''
आपका पहला गाना याद है, कौन था?
"तीन गाना मेरा बहुत ही हिट रहा था. जेकर राम ना बिगड़िहन...पहले मोर सजनवा.. राजा पिया जन गांजा, निमिया के दाढ़ मइया. निमिया के दाढ़ मइया सातो बहिनिया एलबम में गाये थे. यह गाना हर साल नवरात्र में बजता है.''
आपको बॉलीवुड से ऑफर मिला था, आप क्यों नहीं गए?
"सबसे पहले मैं ही बॉलीवुड में गया था. टी-सीरीज के गुलशन कुमार सबसे पहले हमको लेकर गए थे. एक दो गीत भजन गाए भी थे. लेकिन फिर मैं वापस इसलिए आ गया कि मैं वहां चला जाता तो फिर भोजपुरी की सेवा कौन करता. भोजपुरी को बचाने वाला कोई नहीं है. भोजपुरी से बड़ी कोई भाषा नहीं नहीं है. इतनी मीठी बोली, इतनी समृद्ध बोली कहीं नहीं मिलेगी."
आपके शिष्य राजनीति में पहुंच बना ली है. भरत शर्मा व्यास क्यों नहीं?
"दिन हर कृपा पात ना डोले.. बिना प्रभु के इशारे से कुछ नहीं होने वाला है. अभी हम क्या बोलें? आगे क्या होने वाला है. भगवान ही सब कुछ करेंगे. मैं भारतीय जनता पार्टी में हूं. बीजेपी ने कभी ऑफर तो नहीं किया है टिकट के लिए. देखिए, आगे क्या होता है. सब लोग चले गए हैं. मनोज जी गए हैं, निरहुआ जी गए हैं, रवि किशन जी और लोग भी जाना चाह रहे हैं. हम प्रयास में नहीं हैं. आगे क्या होगा हम नहीं कह सकते है. बीजेपी के बड़े नेताओं से कभी बात नहीं हुई है. मांगने से मरना भला.. हमने कभी टिकट नहीं मांगा."
कई बार मैंने लालू यादव के साथ बैठे और गाते सुना है?
"लालू जी से घरेलू संबंध है. 30 साल से मेरा पारिवारिक संबंध है. लालू यादव मेरी बेटी के शादी में 8 मंत्री के साथ गए थे. तीन-तीन बार मैंने लालू यादव को अपने यहां बुलाया. लालू यादव मुझे बेटे की तरह मानते हैं. आज भी लालू यादव के यहां जाते हैं, दिल्ली जाते हैं. यह अलग बात है लेकिन पार्टी पॉलिटिक्स अलग बात है."
लालू जी ने आपको कभी राजनीति में नहीं भेजना चाहे?
''लालू जी को नहीं लगा होगा कि मेरी दरकार है. जातीय समीकरण नहीं आती है. लालू जी के विषय में हम कुछ भी कहेंगे. उनके बारे में कुछ नहीं कह सकते. आगे मुझे कुछ मत कहवाईए. हम स्वाभिमानी आदमी हैं. हम मांगने नहीं जाएंगे. मांगने से मरना बेहतर है.''
लालू यादव आपका सम्मान करते हैं.
''लालू यादव भोजपुरी संगीत के प्रेमी हैं. लालू यादव ने बहुतों को बनाया है. इसमें कोई शक नहीं है. हम लालू यादव के कायल हैं. जब प्रभु की कृपा होगी तो हम जाएंगे. देखिए जो भी होगा वह प्रभु की इच्छा से ही होगा?''
आगे आने वाला कोई प्रोजेक्ट?
''अभी हमलोगों ने देवी गीत गाया है. पाकिस्तान में हिंगला माई का मंदिर है. इस पर यह पूरा एल्बम है. उसको पिछले शुक्रवार को रिलीज किया है. 52 शक्तिपीठ में एक पीठ पाकिस्तान में है. भारत-पाकिस्तान के बंटवारे में वह मंदिर वहां चला गया लेकिन आज भी हिंगला माता की कृपा भारत पर बनी हुई है. इसी पर हमलोगों ने एक गीत बनाया है.''
एक्टिंग करने का मन नहीं करता है?
''मुझे एक्टिंग आती ही नहीं है. गुलशन कुमार लेकर गए थे लेकिन मैं वापस आ गया था. हम भोजपुरी गीत नहीं छोड़ सकते हैं. भोजपुरी छोड़कर हम फिल्मी दुनिया में जाएंगे तो मेरी भोजपुरी का क्या होगा. भोजपुरी का चीर हरण चल रहा है. पहले तो एक था अब लगातार लोग चीर हरण कर रहे हैं. अब तो गैंग बनाकर लोग धमकी देते हैं. जितनी लड़की नहीं नाचती है उतना ये लोग नाचते हैं.''
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