नई दिल्ली/नोएडा: एक्सप्रेसवे थाना पुलिस ने साइबर अपराधियों को ठगी के लिए बैंक अकाउंट और सिम कार्ड उपलब्ध कराने के मामले में गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया. पकड़े गए आरोपियों में एक चीनी और दो तिब्बत के नागरिक शामिल है. फिलहाल, पुलिस गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है.
डीसीपी नोएडा विद्यासागर मिश्रा ने बताया कि एक्सप्रेसवे थाने की टीम को सूचना मिली कि क्षेत्र में एक ऐसा गिरोह सक्रिय है, जो भोले-भाले लोगों से बात करके उनको टेलीग्राम और व्हाट्सएप सहित सोशल मीडिया के अन्य ग्रुप में जोड़कर ठगी करता है. इसके बाद एसीपी शैव्या गोयल की अगुवाई में आरोपियों को पकड़ने के लिए एक टीम गठित की गई. टीम ने मामले में कार्रवाई करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
आरोपियों की पहचान चीन के सांग कांग सिटी निवासी झू जुनकाई, कर्नाटक के मैसूर निवासी टेनजिंग कलसेंग और हिमाचल प्रदेश निवासी त्सेरिंग धोन्दुप, लखनऊ निवासी कृष्ण मुरारी और शोभित तिवारी के रूप में हुई है. टेनजिंग कलसेंग और त्सेरिंग धोन्दुप मूलरूप से तिब्बत के रहने वाले हैं. पांचों साइबर ठगी करने वाले गिरोह को बैंक खाते और सिम उपलब्ध कराते हैं.
पुलिस ने टेनजिंग और त्सेरिंग के पास से 223 सिम बरामद की. इसके बाद पुलिस ने अन्य आरोपियों के पास से 21 मोबाइल, दो लैपटॉप, सात आधार कार्ड, चार पेन कार्ड, नौ डेबिट कार्ड, दो पासबुक, पांच चेकबुक, एक ड्राइविंग लाइसेंस, सात कंपनी आईडी, दो पासपोर्ट और वीजा, 15 नोट विदेशी मुद्रा, दो अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस, चाइनीज पासपोर्ट और 23 हजार 110 रुपये बरामद किए हैं.
ऐसे बंटा था काम: लखनऊ के कृष्ण मुरारी और शोभित तिवारी लोगों से संपर्क कर उनके बैंक खाते और सिम सहित अन्य दस्तावेज ले लेते थे. सेविंग अकाउंट के एवज में गरीबों को तीन हजार और कॉरपोरेट अकाउंट के लिए 20 हजार रुपये दिए जाते थे. गरीबों के दस्तावेज का इस्तेमाल कर सिम निकलवाए जाते थे, जो साइबर ठगी में इस्तेमाल होते थे. टेनजिंग कलसेंग और त्सेरिंग सिम को कृष्ण मुरारी और शोभित तिवारी से रिसीव करते थे. टेलीग्राम पर जैसे ही ठगों द्वारा ऑर्डर मिलता था, उन्हें रकम लेने के बाद खाते और सिम मुहैया करा दी जाती थी. चीनी नागरिक झू जुनकाई का काम इन चारों का ठगी करने वाले जालसाजों से संपर्क कराने का था. वह अफ्रीका और दुबई सहित अन्य जगहों पर भी रह रहा है. ऐसे में उसका नाइजीरियन सहित अन्य कुख्यात गिरोह से सीधा संपर्क है. वह विदेश में बैठे ठगों को खाते उपलब्ध कराता है.
बिजनेस वीजा पर आया है चीनी नागरिक: पुलिस ने जब चीनी नागरिक के वीजा और पासपोर्ट की जांच की तो वह सही मिले. उसका वीजा अगस्त 2024 तक भारत में वैध है. चीनी नागरिक का अन्य चारों से सीधा संपर्क हैं. वह बिजनेस वीजा पर भारत आया है. पूछताछ में आरोपियों ने 20 ऐसे खातों की जानकारी दी है, जिसमें ठगी की रकम आई है. पुलिस इन खातों की जांच कर रही है. एक खाते में 51 लाख रुपये की रकम मिली है.
ये भी पढ़ें: