गंगा सागर: पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के सागर द्वीप में 10 से 17 जनवरी तक होने वाली गंगासागर तीर्थयात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं. प्रशासन के सूत्रों के अनुसार मेले में सुरक्षा के लिए 13 हजार पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे. भारत-बांग्लादेश सीमा पर आतंकवादियों, घुसपैठियों और तस्करी की गतिविधियों की चिंताओं को देखते हुए इस बार अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है.
जमीन और पानी दोनों पर अतिरिक्त निगरानी होगी. मेले में तटरक्षक बल और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की टीमें तैनात की जाएंगी. अधिकारियों ने बताया कि ड्रोन के जरिए समग्र निगरानी की जाएगी और मुरीगंगा नदी के किनारे गश्त की जाएगी.
गंगासागर तीर्थयात्रा के दौरान फंसे हुए तीर्थयात्रियों तक भोजन, पानी और जरूरी सामान पहुंचाने के लिए विशेष ड्रोन तैनात किए जाएंगे. अधिकारियों ने बताया कि, श्रद्धालुओं की मदद के लिए कई ड्रोन संचालित किए जाएंगे.
काकद्वीप और सागर द्वीप को जोड़ने वाली मुरीगंगा नदी को पार करना तीर्थयात्रियों के लिए लंबे समय से चिंता का विषय रहा है. वह इसलिए क्योंकि कम ज्वार के दौरान वे घंटों फंस जाते हैं. ऐसे समय में प्रशासन को फंसे हुए तीर्थयात्रियों तक पानी, भोजन और आपातकालीन सेवाएं पहुंचाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है. अब गंगासागर प्रशासन ऐसी स्थितियों में भोजन के पैकेट और अन्य जरूरी सामान गिराने के लिए विशेष ड्रोन तैनात करेगा.
गंगासागर मेले में निगरानी के लिए लंबे समय से ड्रोन का इस्तेमाल किया जाता रहा है और हर साल करीब 20 ड्रोन तैनात किए जाते हैं. इस विषय पर जिलाधिकारी सुमित गुप्ता ने बताया, "इस बार प्रशासन कुल 25 ड्रोन तैनात करने की योजना बना रहा है और फंसे हुए तीर्थयात्रियों की मदद के लिए विशेष ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके अलावा ड्रोन का इस्तेमाल कई अन्य उद्देश्यों के लिए भी किया जाएगा."
डीएम ने कहा कि, इस साल तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए 18 से 20 घंटे तक जहाज सेवाएं चालू रहेंगी. कोहरे के कारण जहाजों को अक्सर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस बार इस समस्या के समाधान के लिए 'एंटी-फॉग लाइट' लगाई जाएंगी. इसके अलावा तीर्थयात्रियों तक जरूरी सामान पहुंचाने के लिए विशेष ड्रोन होंगे." उन्होंने आगे बताया कि बाबूघाट से कचुबेरिया तक 'बफर जोन' बनाया गया है, जो तीर्थयात्रियों को पेयजल और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराएगा.
#WATCH | Gangasagar, South 24 Parganas: West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee says, " people have to come to gangasagar by water. for this, the central government had to build a bridge but they could not do so. now the state government has invited tenders for building the… pic.twitter.com/NcJMtvG4Ua
— ANI (@ANI) January 6, 2025
तीर्थयात्रियों और विजिटर्स की सुविधा के लिए 21 जेटी, 9 अत्याधुनिक बजरे और 35 जहाज होंगे. पिछले कुछ सालों में गंगासागर मेले में औसतन 60 से 70 लाख तीर्थयात्री जुटे हैं. पिछले साल तीर्थयात्रियों की संख्या करीब एक करोड़ थी. अधिकारियों ने बताया कि, इस बार प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, इसलिए गंगासागर मेले में आने वाले लोगों की संख्या का अनुमान लगाना मुश्किल है.
#WATCH | Gangasagar, South 24 Parganas: West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee says, " the central government supports kumbh mela by giving thousands of crores of rupees but they do not even look at gangasagar. on one side of gangasagar is sundarban, on one side is forest, on… pic.twitter.com/2v1G8lNE9S
— ANI (@ANI) January 6, 2025
क्या बोलीं सीएम ममता बनर्जी?
गंगासागर मेले को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा,
"केंद्र सरकार हजारों करोड़ रुपये देकर कुंभ मेले का समर्थन करती है, लेकिन वे गंगासागर की ओर देखते तक नहीं हैं. गंगासागर के एक तरफ सुंदरवन है, एक तरफ जंगल है, एक तरफ समुद्र है, मंदिर और भक्त हैं, यह बहुत अद्भुत है..."
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा,
"लोगों को पानी के रास्ते गंगासागर आना पड़ता है. इसके लिए केंद्र सरकार को पुल बनाना था लेकिन वो ऐसा नहीं कर पाई. अब राज्य सरकार ने पुल बनाने के लिए टेंडर आमंत्रित किए हैं. इसके बाद काफी सुविधा होगी... हमें उम्मीद है कि गंगासागर आने वाले सभी श्रद्धालुओं की यात्रा सुखद होगी. हमने पुलिस, पीडब्ल्यूडी, पीएचई समेत सभी विभागों के साथ बैठक की है... श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए हमने समन्वय बैठकें भी की हैं..."
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