दरभंगाः कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृति विश्वविद्यालय की 47वीं बैठक में 2024-25 के लिए कुल चार अरब 80 करोड़ 71 लाख 12 हजार 188 रुपये के घाटे का बजट ध्वनिमत से पास किया गया. बताया जाता है कि विश्वविद्यालय की आमदनी करीब दो अरब रुपये है यानी ये बजट दो अरब से ज्यादा घाटे का रहा. सीनेट की बैठक में राज्य के कुलाधिपति सह राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने संस्कृत का उपयोग बढ़ाने पर जोर दिया.
राज्यापाल का भव्य स्वागतः सीनेट की बैठक में भाग लेने के लिए बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर के पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया. विश्वविद्यालय के कुलपति लक्ष्मी निवास पांडेय ने राज्यपाल की अगवानी की और फूलों का गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया. इससे पहले भारी सुरक्षा के बीच राज्यपाल हेलीपैड से संस्कृत विश्वविद्यालय के दरबार हॉल पहुंचे.
संस्कृत भाषा का उपयोग बढ़ाने पर जोरः बैठक के दौरान अपने संबोधन में राज्यपाल ने संस्कृत भाषा के वुलुप्त होने पर न सिर्फ चिंता जताई, बल्कि संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार और उत्थान के लिए कई उपाय भी बताए. उन्होंने सुझाव दिया कि "विश्वविद्यालय अपने सभी कामकाजों में संस्कृत भाषा का ही प्रयोग करे, ताकि आनेवाले समय मे यहाँ संस्कृत ही लिखित कामकाज के साथ बोलचाल की भाषा बन जाए."
"राज्यपाल के सुझाव पर होगा अमल":वहीं कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति लक्ष्मी निवास पांडे ने बताया कि "चार अरब से ज्यादा का बजट पेश किया गया. इस बजट में विश्वविद्यालय की आय मात्र दो अरब के आसपास ही है. बाकी घाटे का ही बजट पास किया गया है." उन्होंने संस्कृत भाषा को बढ़ाने और संरक्षित करने की कुलाधिपति की पहल की सराहना की और कहा कि इस पर अमल किया जाएगा. जितने भी सीनेट के मेंबर हैं, उन सभी के इलाके में भी विशेष कैम्प कर संस्कृत भाषा को बढ़ाने और प्रशिक्षण देने का काम किया जाएगा.