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मलाणा में फंसी 40 से अधिक गाड़ियां, टैक्सी चालकों ने सरकार से लगाई ये गुहार - Malana village cloud burst

31 अगस्त की रात को बादल फटने के बाद सड़क बह जाने के बाद से मलाणा का यातायात संपर्क कट गया है. इसके बाद से कई गाड़ियां अभी भी मलाणा में फंसी हुई है. इन गाड़ियों में अधिकतर टैक्सियां हैं. टैक्सी चालकों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

मलाणा में फंसी गाड़ियां
मलाणा में फंसी गाड़ियां (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 21, 2024, 1:25 PM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू की मणिकर्ण घाटी के मलाणा में बादल फटने से जहां सड़क बह गई है. वही, मलाणा पंचायत का संपर्क भी कट गया है. ऐसे में अब मजदूरों के माध्यम से प्रशासन यहां पर राशन भेज रहा है, ताकि लोगों को खाने-पीने की दिक्कतों का सामना न करना पड़े, लेकिन यहां पर 40 से अधिक वाहन भी फंस गए हैं, जिसके चलते अब वाहन मालिकों की चिंता भी बढ़ रही है.

वाहन मालिकों का कहना है कि फंसी हुई गाड़ियों में अधिकतर टैक्सियां शामिल हैं. ये टैक्सी चालक सैलानियों को घूमाकर अपने परिवार का गुजारा कर रहे हैं. अब सड़क के बह जाने से सभी टैक्सियां मलाणा गांव की ओर जाने वाली सड़क पर फंस गई हैं. सरकार को चाहिए कि वह जल्द से जल्द इन वाहनों को भी यहां से निकलने की व्यवस्था करे.

टैक्सी चालक कृष्ण कुमार, हरिराम, तेज ठाकुर, दिनेश कुमार चांदराम का कहना है कि, 'उन्होंने यह टैक्सियां अपने परिवार के भरण पोषण के लिए खरीदी थी और इसके लिए बैंक के माध्यम से लोन भी लिया है. मलाणा में बादल फटने के कारण सड़क बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई और उसे बनाने के लिए अभी 6 महीने से अधिक का समय लग सकता है. ऐसे में अगर उनकी टैक्सियां 6 महीने तक फंस कर रह गई. तो वो किस तरह से अपने परिवार का गुजारा करेंगे किस तरह से बैंक की किस्तों का भुगतान कर पाएंगे. यह अब उनके लिए चिंता का विषय बनी हुई है. ऐसे में प्रशासन कुछ व्यवस्था कर इन वाहनों को भी यहां से बाहर निकलने का प्रयास करे.

गौर रहे कि मलाणा में ग्रामीणों के द्वारा हेलीपैड भी बनाया गया था, ताकि हेलीकॉप्टर के माध्यम से राशन और अन्य राहत सामग्री यहां पर पहुंचाई जा सके, लेकिन हेलीकॉप्टर हेलीपैड पर उतर नहीं सका, जिसके चलते अब घोड़े खच्चर और मजदूरों के माध्यम से प्रशासन राशन की व्यवस्था कर रहा है, लेकिन जो वाहन यहां पर फंसे हुए हैं. उन्हें यहां से निकालना फिलहाल संभव नहीं लग रहा है, क्योंकि प्रशासन के द्वारा जो झूला पुल लगाया गया है. उसकी क्षमता भी काफी कम है. ऐसे में सड़क बनाने की दिशा में अब प्रशासन को ध्यान देना होगा, ताकि मलाणा पंचायत का संपर्क एक बार फिर से जुड़ सके और यहां पर फंसे वाहन भी बाहर निकल सके.

ये भी पढ़ें: "भाजपा ने हमेशा विकास कार्यों को रोकने का किया काम, प्रदेश सरकार करने जा रही शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े परिवर्तन"

कुल्लू: जिला कुल्लू की मणिकर्ण घाटी के मलाणा में बादल फटने से जहां सड़क बह गई है. वही, मलाणा पंचायत का संपर्क भी कट गया है. ऐसे में अब मजदूरों के माध्यम से प्रशासन यहां पर राशन भेज रहा है, ताकि लोगों को खाने-पीने की दिक्कतों का सामना न करना पड़े, लेकिन यहां पर 40 से अधिक वाहन भी फंस गए हैं, जिसके चलते अब वाहन मालिकों की चिंता भी बढ़ रही है.

वाहन मालिकों का कहना है कि फंसी हुई गाड़ियों में अधिकतर टैक्सियां शामिल हैं. ये टैक्सी चालक सैलानियों को घूमाकर अपने परिवार का गुजारा कर रहे हैं. अब सड़क के बह जाने से सभी टैक्सियां मलाणा गांव की ओर जाने वाली सड़क पर फंस गई हैं. सरकार को चाहिए कि वह जल्द से जल्द इन वाहनों को भी यहां से निकलने की व्यवस्था करे.

टैक्सी चालक कृष्ण कुमार, हरिराम, तेज ठाकुर, दिनेश कुमार चांदराम का कहना है कि, 'उन्होंने यह टैक्सियां अपने परिवार के भरण पोषण के लिए खरीदी थी और इसके लिए बैंक के माध्यम से लोन भी लिया है. मलाणा में बादल फटने के कारण सड़क बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई और उसे बनाने के लिए अभी 6 महीने से अधिक का समय लग सकता है. ऐसे में अगर उनकी टैक्सियां 6 महीने तक फंस कर रह गई. तो वो किस तरह से अपने परिवार का गुजारा करेंगे किस तरह से बैंक की किस्तों का भुगतान कर पाएंगे. यह अब उनके लिए चिंता का विषय बनी हुई है. ऐसे में प्रशासन कुछ व्यवस्था कर इन वाहनों को भी यहां से बाहर निकलने का प्रयास करे.

गौर रहे कि मलाणा में ग्रामीणों के द्वारा हेलीपैड भी बनाया गया था, ताकि हेलीकॉप्टर के माध्यम से राशन और अन्य राहत सामग्री यहां पर पहुंचाई जा सके, लेकिन हेलीकॉप्टर हेलीपैड पर उतर नहीं सका, जिसके चलते अब घोड़े खच्चर और मजदूरों के माध्यम से प्रशासन राशन की व्यवस्था कर रहा है, लेकिन जो वाहन यहां पर फंसे हुए हैं. उन्हें यहां से निकालना फिलहाल संभव नहीं लग रहा है, क्योंकि प्रशासन के द्वारा जो झूला पुल लगाया गया है. उसकी क्षमता भी काफी कम है. ऐसे में सड़क बनाने की दिशा में अब प्रशासन को ध्यान देना होगा, ताकि मलाणा पंचायत का संपर्क एक बार फिर से जुड़ सके और यहां पर फंसे वाहन भी बाहर निकल सके.

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