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विश्व गौरैया दिवस: बीजेपी पार्षद ने स्कूली बच्चों को वितरित किए 1000 से ज्यादा गौरैया के घर - World Sparrow day 2024

विश्व गौरैया​ दिवस पर बीजेपी पार्षद प्रतिभा पाराशर ने 10 स्कूलों के बच्चों को गौरैया के लिए 1000 से अधिक घर वितरित किए और इनके संरक्षण की अपील की.

World Sparrow day 2024
विश्व गौरैया दिवस
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 20, 2024, 4:43 PM IST

Updated : Mar 20, 2024, 6:11 PM IST

बीजेपी पार्षद प्रतिभा पराशर की अनूठी पहल

अजमेर. विश्व गौरैया दिवस पर बीजेपी पार्षद प्रतिभा पराशर ने अनूठी पहल की है. पार्षद ने गौरैया को बचाने की पहल स्कूली बच्चों के साथ शुरू की है. क्षेत्र के 10 स्कूलों के बच्चों की रैली निकालकर पहले गौरेया को बचाने का संदेश दिया. इसके बाद गौरेया की घटती संख्या और उनकी आवश्यकता के बारे में स्कूली बच्चों को कहानी के माध्यम से समझाया. इतना ही नहीं रैली में शामिल हर बच्चे को शपथ दिलाकर गौरैया के लिए घर भी वितरित किया.

पार्षद प्रतिभा पाराशर का मानना है कि नई पीढ़ी को गौरैया के बारे में जानकारी देना और उनके संरक्षण के लिए प्रेरित करना आवश्यक है. पाराशर बताती हैं कि प्रकृति में संतुलन बनाये रखने के लिए हर प्राणी का विशेष महत्व है. इनमें छोटी सी चिड़िया गौरैया भी शामिल है. कई कारणों से गौरैया की संख्या काफी कम हो गई है. यही रहा तो नई पीढ़ी को गौरैया केवल फोटो में दिखेगी.

पढ़ें: विश्व गौरैया दिवस : हमारे घरों में चहचहाने वाली गौरैया के बारे में जानें रोचक तथ्य

पाराशर ने बताया कि बचपन में गौरैया की आवाज से नींद खुला करती थी. रोते हुए बच्चे को मां चिड़िया दिखाकर चुप करवाती थी. यह छोटी सी चिड़िया जीवन में उमंग भर देती थी, लेकिन अफसोस की बात है कि वर्तमान में इंसानों के रहने के लिए बड़ी संख्या में घर बन गए हैं, लेकिन नन्ही सी चिड़िया के रहने के लिए आज के मकानों में जगह तक नहीं बची है. शहर के विस्तार और विकास की होड़ में पेड़ भी कम हो गए है.

पढ़ें: World Sparrow Day : विलुप्त हो रहीं गौरैया को बचाने का अनूठा प्रयास, राजस्थान का यह थान बना आशियाना

छोटी पहल से ही बड़े कार्य होते है सिद्ध: पार्षद प्रतिभा पाराशर ने कहा कि करीब एक हजार गौरैया के लिए घर बांटे जा रहे हैं. शहर और गांवों में लोगों को इस तरह के प्रयास करने चाहिए ताकि प्रकृति का संतुलन बनाने में गौरैया अपनी भूमिका निभाती रहें और हमारी नई पीढ़ी भी गौरैया को देखे और उसकी आवाज सुनती रहे. प्रतिभा ने अपने पति समाज सेवी अरविंद पाराशर और क्षेत्र की महिलाओं के साथ मिलकर गौरैया को बचाने के लिए मुहिम शुरू की है.

पढ़ें: विश्व गौरैया दिवस : विलुप्त हो रही नन्ही चिड़िया, आधुनिक जीवनशैली बनीं घातक

कीट-पतंगों को रखती है नियंत्रण: गौरैया के बारे में जानकर और प्रकृति में उनकी उपयोगिता के बारे में जानकर बच्चों में भी नन्ही सी चिड़िया के बारे में लगाव नजर आया. स्कूली छात्रा भावना बताती हैं कि गौरैया किसानों की मित्र है. कीट-पतंगों की संख्या को नियंत्रित करती है. इससे गौरैया का पेट भी भर जाता है और कीट से किसानों की फसलों को नुकसान भी नही पंहुचता. ऐसे में गौरैया का संरक्षण करना हम सबकी जिम्मेदारी है.

अपने घर से करे शुरुआत: आरएसएस की पर्यावरण इकाई के प्रमुख निरंजन ने कहा कि गौरैया की संख्या काफी कम हो गई है. इसका कारण है कि हमने उनके घरों और स्थानों को छीन लिया. इस कारण जन जागृति के लिए इस तरह के कार्यक्रम करने पड़ रहे हैं. कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों को गौरैया के लिए घर दिए गए बल्कि उन्हें जानकारी भी दी गई कि किस प्रकार गौरैया को संरक्षण और संवर्धन कर सकते हैं.

बीजेपी पार्षद प्रतिभा पराशर की अनूठी पहल

अजमेर. विश्व गौरैया दिवस पर बीजेपी पार्षद प्रतिभा पराशर ने अनूठी पहल की है. पार्षद ने गौरैया को बचाने की पहल स्कूली बच्चों के साथ शुरू की है. क्षेत्र के 10 स्कूलों के बच्चों की रैली निकालकर पहले गौरेया को बचाने का संदेश दिया. इसके बाद गौरेया की घटती संख्या और उनकी आवश्यकता के बारे में स्कूली बच्चों को कहानी के माध्यम से समझाया. इतना ही नहीं रैली में शामिल हर बच्चे को शपथ दिलाकर गौरैया के लिए घर भी वितरित किया.

पार्षद प्रतिभा पाराशर का मानना है कि नई पीढ़ी को गौरैया के बारे में जानकारी देना और उनके संरक्षण के लिए प्रेरित करना आवश्यक है. पाराशर बताती हैं कि प्रकृति में संतुलन बनाये रखने के लिए हर प्राणी का विशेष महत्व है. इनमें छोटी सी चिड़िया गौरैया भी शामिल है. कई कारणों से गौरैया की संख्या काफी कम हो गई है. यही रहा तो नई पीढ़ी को गौरैया केवल फोटो में दिखेगी.

पढ़ें: विश्व गौरैया दिवस : हमारे घरों में चहचहाने वाली गौरैया के बारे में जानें रोचक तथ्य

पाराशर ने बताया कि बचपन में गौरैया की आवाज से नींद खुला करती थी. रोते हुए बच्चे को मां चिड़िया दिखाकर चुप करवाती थी. यह छोटी सी चिड़िया जीवन में उमंग भर देती थी, लेकिन अफसोस की बात है कि वर्तमान में इंसानों के रहने के लिए बड़ी संख्या में घर बन गए हैं, लेकिन नन्ही सी चिड़िया के रहने के लिए आज के मकानों में जगह तक नहीं बची है. शहर के विस्तार और विकास की होड़ में पेड़ भी कम हो गए है.

पढ़ें: World Sparrow Day : विलुप्त हो रहीं गौरैया को बचाने का अनूठा प्रयास, राजस्थान का यह थान बना आशियाना

छोटी पहल से ही बड़े कार्य होते है सिद्ध: पार्षद प्रतिभा पाराशर ने कहा कि करीब एक हजार गौरैया के लिए घर बांटे जा रहे हैं. शहर और गांवों में लोगों को इस तरह के प्रयास करने चाहिए ताकि प्रकृति का संतुलन बनाने में गौरैया अपनी भूमिका निभाती रहें और हमारी नई पीढ़ी भी गौरैया को देखे और उसकी आवाज सुनती रहे. प्रतिभा ने अपने पति समाज सेवी अरविंद पाराशर और क्षेत्र की महिलाओं के साथ मिलकर गौरैया को बचाने के लिए मुहिम शुरू की है.

पढ़ें: विश्व गौरैया दिवस : विलुप्त हो रही नन्ही चिड़िया, आधुनिक जीवनशैली बनीं घातक

कीट-पतंगों को रखती है नियंत्रण: गौरैया के बारे में जानकर और प्रकृति में उनकी उपयोगिता के बारे में जानकर बच्चों में भी नन्ही सी चिड़िया के बारे में लगाव नजर आया. स्कूली छात्रा भावना बताती हैं कि गौरैया किसानों की मित्र है. कीट-पतंगों की संख्या को नियंत्रित करती है. इससे गौरैया का पेट भी भर जाता है और कीट से किसानों की फसलों को नुकसान भी नही पंहुचता. ऐसे में गौरैया का संरक्षण करना हम सबकी जिम्मेदारी है.

अपने घर से करे शुरुआत: आरएसएस की पर्यावरण इकाई के प्रमुख निरंजन ने कहा कि गौरैया की संख्या काफी कम हो गई है. इसका कारण है कि हमने उनके घरों और स्थानों को छीन लिया. इस कारण जन जागृति के लिए इस तरह के कार्यक्रम करने पड़ रहे हैं. कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों को गौरैया के लिए घर दिए गए बल्कि उन्हें जानकारी भी दी गई कि किस प्रकार गौरैया को संरक्षण और संवर्धन कर सकते हैं.

Last Updated : Mar 20, 2024, 6:11 PM IST
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