मंडी:सपने हमेशा बड़े होने चाहिए. आसमान को कद से नहीं कामयाबी से छुआ जाता है. छोटी काशी का यशवंत भी कुछ ऐसा करने का सपना पाले हुए है. यशवंत बड़ा डांसर बनने का सपना संजोए हुए है. भले ही यशवंत विशेष श्रेणी के बच्चों में शामिल हैं, लेकिन वो अपने सपनों को उड़ान देने के लिए दिन रात संघर्ष कर रहे हैं. यशवंत लाख मुसीबतों के बाद भी हार मानने को तैयार नहीं हैं. यशवंत के स्टेज पर चढ़ते ही लोग उनके डांस के कायल हो जाते हैं.
यशवंत को बचपन से ही डांस का शौक था. अपने बच्चे के इस सपने को पूरा करने के लिए यशवंत के पिता ने बेटे को मनाली में डांस अकादमी में भी दाखिला दिलवाया, लेकिन कारोना काल में रमेश कुमार का रोजगार छिन गया और यशवंत के पिता मनाली छोड़ नाचन स्थित घिड़ी वापस अपने घर आ गए. पिता रमेश कुमार ने बताया कि 'उनके बेटे यशवंत की लंम्बाई अन्य बच्चों की अपेक्षा कम है. वह मात्र अढ़ाई फीट का है. उसका सपना है कि वह एक अच्छा डांसर बने. मनाली में रोजगार के दौरान वह अपने बच्चे के इस सपने को पूरा भी कर रहे थे, लेकिन कोरोना महामारी में उनकी जिंदगी बदल कर रख दी. कोविड के कारण पहले उनका रोजगार छीन गया, वहीं जिस अकादमी में उनका बेटा डांस सीख रहा था, एक दुर्घटना में अकादमी संचालक की मौत हो गई, जिसके बाद वो बेटे के अधूरे सपने को लेकर घर वापिस आ गए और यहां पर दिहाड़ी मजदूरी करने लगे.'
यशवंत के पिता ने कहा कि दिहाड़ी मजदूरी कर मुश्किल से परिवार का गुजारा हो पाता है. ऐसे में आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण बेट को फिर से डांस अकादमी में नहीं भेज पा रहे हैं.' उन्होंने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए जिला प्रशासन व सरकार से मदद की गुहार लगाई है.