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हिमाचल का लाल इंडियन एयरफोर्स में बना फ्लाइंग ऑफिसर, हैदराबाद में हुई ट्रेनिंग - PRATHAM PARMAR FLYING OFFICER

देवभूमि हिमाचल का एक और लाल सेना में बतौर अधिकारी चुना गया है. डिटेल में पढ़ें खबर...

प्रथम परमार वायु सेना में बने फ्लाइंग ऑफिसर
प्रथम परमार वायु सेना में बने फ्लाइंग ऑफिसर (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 6 hours ago

कांगड़ा: पालमुर के गांव ननाओं के रहने वाले प्रथम परमार वायु सेना में फ्लाइंग ऑफिसर बने हैं. 22 दिसंबर 2024 को ननाओं में समस्त परमार परिवार ने अपने लाल फ्लाइंग ऑफिसर प्रथम परमार का अभिनंदन किया. इंडियन एयर फोर्स में ऑफिसर बनने पर प्रथम परमार परिवार सहित अपने कुल देव अक्षैणा महादेव के दर्शन करने पहुंचे व कुलदेवी सच्चियात व माता शीतला का आशीर्वाद लिया. इस समारोह में स्थानीय विधायक विपिन परमार और डॉ. जनक राज विधायक भरमौर ने भी शिरकत की. दोनों नेताओं ने प्रथम परमार को उनकी इस उपलब्धि पर बधाई दी.

प्रथम के पिता रेलवे में हैं अधिकारी

प्रथम के पिता संजीव परमार भारतीय रेलवे में सीनियर सेक्शन इंजीनियर और माता शिक्षा व्यवसाय में हैं. वहीं, प्रथम की बड़ी बहन मिनल परमार एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी में सीनियर मैनेजर हैं.

फाइटर प्लेन उड़ाने की हैदराबाद में हुई ट्रेनिंग

प्रथम परमार की प्राथमिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय रेडी कारखाना कपूरथला व 12वीं तक की शिक्षा कैंब्रिज इंटरनेशनल स्कूल में हुई. प्रथम परमार ने अपनी कड़ी मेहनत से NDA का एग्जाम पास किया और उनका चयन NDA खडकवासला में हुआ. वहां तीन साल के कड़े परिक्षण के बाद उनको फाइटर प्लेन उड़ाने की ट्रेनिंग हेतु इंडियन एयर फोर्स अकादमी हैदराबाद भेजा गया जिसके बाद प्रथम परमार भारतीय वायुसेना में बतौर फ्लाईंग ऑफिसर नियुक्त हुए.

सैन्य सेवाओं में रहा है परमार परिवार

फ्लाइंग ऑफिसर प्रथम परमार के परदादा कैप्टन दयाल सिंह परमार ने दूसरे विश्व युद्ध में भाग लिया था. इनके दादा सुवेदार राय सिंह 1965 और 1972 के भारत-पाक युद्ध में व श्रीलंका शांति सेना में भाग ले चुके हैं. प्रथम परमार के चाचा कारगिल युद्ध में अग्रिम मोर्चे पर तैनात थे.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में इन महिलाओं को मकान बनाने के लिए सरकार देगी 3 लाख, योजना का लाभ लेने के लिए यहां करें संपर्क

कांगड़ा: पालमुर के गांव ननाओं के रहने वाले प्रथम परमार वायु सेना में फ्लाइंग ऑफिसर बने हैं. 22 दिसंबर 2024 को ननाओं में समस्त परमार परिवार ने अपने लाल फ्लाइंग ऑफिसर प्रथम परमार का अभिनंदन किया. इंडियन एयर फोर्स में ऑफिसर बनने पर प्रथम परमार परिवार सहित अपने कुल देव अक्षैणा महादेव के दर्शन करने पहुंचे व कुलदेवी सच्चियात व माता शीतला का आशीर्वाद लिया. इस समारोह में स्थानीय विधायक विपिन परमार और डॉ. जनक राज विधायक भरमौर ने भी शिरकत की. दोनों नेताओं ने प्रथम परमार को उनकी इस उपलब्धि पर बधाई दी.

प्रथम के पिता रेलवे में हैं अधिकारी

प्रथम के पिता संजीव परमार भारतीय रेलवे में सीनियर सेक्शन इंजीनियर और माता शिक्षा व्यवसाय में हैं. वहीं, प्रथम की बड़ी बहन मिनल परमार एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी में सीनियर मैनेजर हैं.

फाइटर प्लेन उड़ाने की हैदराबाद में हुई ट्रेनिंग

प्रथम परमार की प्राथमिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय रेडी कारखाना कपूरथला व 12वीं तक की शिक्षा कैंब्रिज इंटरनेशनल स्कूल में हुई. प्रथम परमार ने अपनी कड़ी मेहनत से NDA का एग्जाम पास किया और उनका चयन NDA खडकवासला में हुआ. वहां तीन साल के कड़े परिक्षण के बाद उनको फाइटर प्लेन उड़ाने की ट्रेनिंग हेतु इंडियन एयर फोर्स अकादमी हैदराबाद भेजा गया जिसके बाद प्रथम परमार भारतीय वायुसेना में बतौर फ्लाईंग ऑफिसर नियुक्त हुए.

सैन्य सेवाओं में रहा है परमार परिवार

फ्लाइंग ऑफिसर प्रथम परमार के परदादा कैप्टन दयाल सिंह परमार ने दूसरे विश्व युद्ध में भाग लिया था. इनके दादा सुवेदार राय सिंह 1965 और 1972 के भारत-पाक युद्ध में व श्रीलंका शांति सेना में भाग ले चुके हैं. प्रथम परमार के चाचा कारगिल युद्ध में अग्रिम मोर्चे पर तैनात थे.

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