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विश्व गर्भनिरोधक दिवस : बिना विशेषज्ञ परामर्श न खाएं गर्भनिरोधक दवाएं, हो सकता है नुकसान - world contraceptive day 2024

विश्व गर्भनिरोधक दिवस सबसे पहली बार 2007 में मनाया गया था. इस दिवस को मनाने की (WORLD CONTRACEPTIVE DAY 2024) कवायद 2006 में शुरू हुई थी. इस दिन वर्ष 2007 में दुनिया भर की 7 परिवार नियोजन एजेंसियों ने इसको मनाने की शुरूआत की.

विश्व गर्भनिरोधक दिवस 2024
विश्व गर्भनिरोधक दिवस 2024 (Photo credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 25, 2024, 5:02 PM IST

Updated : Sep 25, 2024, 5:14 PM IST

लखनऊ :विशेषज्ञ की परामर्श के बिना गर्भनिरोधक दवाओं का इस्तेमाल घातक हो सकता है. आंकड़ों के मुताबिक, ज्यादातर महिलाएं बिना विशेषज्ञ के परामर्श के ही गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन कर लेती हैं. इस कारण भविष्य में उन्हें दोबारा गर्भ नहीं ठहरता है. इसके अलावा उन्हें अन्य भी समस्याएं हो जाती हैं. सरकारी अस्पतालों में कई ऐसे केस आते हैं, जिसमें देखा जाता है कि महिलाएं लंबे समय से बिना परामर्श के ही गर्भनिरोधक दवाएं खा रही थीं, जिसके चलते अब वो गर्भ धारण नहीं कर पा रही हैं.

सिविल अस्पताल की वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. अनीता नेगी ने बताया कि इस वर्ष 2024 विश्व गर्भनिरोधक दिवस का विषय "सभी के लिए एक विकल्प, योजना बनाने की स्वतंत्रता, चुनने की शक्ति" रखा गया है. आम तौर पर इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को जागरूक करना है, खासकर महिलाओं को उनके स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक करना है.

सिविल अस्पताल की वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. अनीता नेगी ने दी जानकारी (Video credit: ETV Bharat)
परिवार नियोजन का तीन साल का आंकड़ा
वर्ष पुरुष नसबंदी महिला नसबंदी
2021-22 347 4844
2022-23 293 6113
2023-24 261 6989 (लक्ष्य 7400)

गर्भनिरोध के कई तरीके :गर्भावस्था को रोकने के लिए गर्भनिरोधक दवाओं को काफी सही तरीका माना जाता है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि महिलाएं सही तरीके से दवा का सेवन करें. उन्होंने कहा कि आज के समय में मोबाइल में देखकर हर इंसान को सारी चीज आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं, लेकिन कुछ ऐसे मामले होते हैं, जिसमें व्यक्ति मोबाइल की मदद से भी सही नहीं ढूंढ पाता है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में मौखिक रूप से, योनि से, इंजेक्शन के रूप में कई प्रकार के गर्भनिरोधक हैं. आम गर्भनिरोधकों में गोली, पैच, प्रत्यारोपण, आईयूडी, आईयूएस और कंडोम शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि आज के समय में सबसे ज्यादा जरूरी है कि दवाओं का सेवन सही तरीके से किया जाए, आमतौर पर बिना विशेषज्ञ की सलाह पर महिलाएं दवा खा लेती हैं, जिसका दुष्प्रभाव बहुत ज्यादा होता है. यह दवाएं अच्छी होती हैं, लेकिन सही तरीके से खाने पर ही उसका सही असर होता है. सबसे ज्यादा जरूरी बात है कि बिना परामर्श के कोई भी दवा महिलाओं को नहीं खानी चाहिए. कई बार महिलाएं गलती करती हैं कि दो महीने का बच्चा गर्भ में है. बावजूद इसके वह दवा खा लेती हैं, यह काफी ज्यादा खतरनाक होता है. इस तरह के मामले काफी सामने आते हैं. इसके अलावा कुछ ऐसे भी मामले सामने आते हैं, जिसमें महिलाएं लंबे समय से परिवार नियोजन के लिए दवाएं खाती हैं. जिसका भविष्य में दुष्परिणाम भी उन्हें भुगतना पड़ता है, क्योंकि कहीं न कहीं हर दवाओं का साइड इफेक्ट जरूर है.



उन्होंने बताया कि अगर परिवार नियोजन की दवाएं शुरू करनी है तो सबसे पहले किसी महिला रोग विशेषज्ञ से मिलें, फिर उसके बाद दवाएं शुरू करें. अब तमाम नई दवाएं आई हैं जो 3 महीने में एक बार फिर 6 महीने में एक बार खानी पड़ती हैं. इसके अलावा अन्य दवाएं भी हैं जिन्हें सप्ताह में एक बार या फिर रेगुलर खानी होती है. यह निर्भर करता है कि महिला कौन सी प्रक्रिया से ज्यादा संतुष्ट है. सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली दवा अंतरा और छाया है, जो ज्यादातर महिला इस्तेमाल करती हैं.

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, कंडोम वितरण का आंकड़ा वर्ष 2021-22 में 26,28,912 था, वर्ष 2022-23 में बढ़कर 33,66,211 हो गया. वहीं, इस वर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा पिछले साल को भी पूरा नहीं कर सका. इस साल महज 28,96,210 कंडोम का वितरण किया जा सका. वहीं, महिलाओं ने गर्भनिरोधक गोलियां, कॉपर टी, अंतरा इंजेक्शन सहित अन्य परिवार नियोजन साधन वर्ष 2021-22 में 4,04,863 इस्तेमाल किए. पिछले साल वर्ष 2022-23 में आंकड़ा बढ़कर 5,00982 हो गया था. महिलाओं ने इस साल वर्ष 2023-24 में प्रसवोत्तर अंतर्गर्भाशयी गर्भनिरोधक उपकरण (पीपी-आईयूसीडी),16,197, कॉपर-टी 12,650, त्रिमासिक अंतरा इंजेक्शन 10,179 इस्तेमाल किए. इस वर्ष पुरुष और महिला मिलाकर नसबंदी का लक्ष्य 7400 निर्धारित किया गया था, जिसमें से 7250 का लक्ष्य पूरा हो सका. इसमें से महज 261 पुरुषों की भागीदारी रही.

महिलाओं की पहली पसंद अंतरा इंजेक्शन :सरकार द्वारा परिवार नियोजन सेवाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को सुधारने के लिए किए गए प्रयासों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 से 2023-24 तक कुल परिवार नियोजन साधनों के उपयोग में कुल 14 फीसद की वृद्धि हुई है, वहीं सबसे अधिक 41 फीसद की बढ़त त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा के इस्तेमाल में देखने को मिली. प्रदेश में प्रसव पश्चात् इंट्रायूटेराइन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस (पीपीआईयूसीडी) के इस्तेमाल में 24 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि आईयूसीडी के इस्तेमाल में 12 फीसदी का इजाफा हुआ है. नॉन हार्मोनल साप्ताहिक गर्भनिरोधक दवा छाया के उपयोग में 20 फीसद का इजाफा हुआ है. महिला नसबंदी में भी प्रदेश में 17 फीसद का इजाफा दर्ज किया गया है.

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Last Updated : Sep 25, 2024, 5:14 PM IST

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