नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने AAP सरकार पर विश्वविद्यालय में भर्ती घोटाले का आरोप लगाया है. विजेंद्र गुप्ता ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की है. उपराज्यपाल को लिखे पत्र में, गुप्ता ने सार्वजनिक धन के दुरुपयोग, विशेष रूप से दिल्ली कौशल और उद्यमिता विश्वविद्यालय के संबंध में 2020 से 2023 के बीच बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) के माध्यम से किए गए खर्च पर गंभीर चिंता व्यक्त की है.
विजेंद्र गुप्ता ने एलजी को लिखे पत्र में डीएसईयू (DSEU) के भीतर बड़े पैमाने पर भर्ती घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि तय प्रक्रियाओं का पालन किए बिना उच्च वेतन के साथ भिन्न पदों पर राजनीतिक नियुक्तियां की गई. नियुक्त किए गए इन व्यक्तियों को उप-कुलपति के वेतन से भी ज्यादा वेतन पर रखा गया. इसके अलावा इस विश्वविद्यालय में नियुक्तियों और प्रोक्योरमेंट की समूची प्रक्रिया को आउटसोर्स करते हुए बोस्टन कन्सल्टेंसी ग्रुप को इसका ठेका दिया गया.
250 करोड़ रुपये की हेराफेरी: कंसल्टेंसी ग्रुप ने 2020 से लेकर 2023 के तीन सालों में फर्जी बिलों के सहारे लगभग 250 करोड़ रुपये की हेराफेरी की, जिसमें से इस ग्रुप के 60 करोड़ के बिल अभी भी पेंडिंग हैं. इस राशि में से 100 करोड़ रुपये तो केवल विज्ञापन पर ही खर्च कर दिए गए. गुप्ता ने उपराज्यपाल से इस ग्रुप द्वारा किये गए 250 करोड़ रुपये के खर्च की जांच करवाने के लिए विशेष रूप से मांग की है. गुप्ता ने कहा कि इतनी बड़ी राशि खर्च करने के बावजूद डीएसईयू अथवा छात्रों को इसका कोई लाभ नहीं मिल पाया.