हैदराबाद: फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम को मैनेज करने वाली कंपनी मेटा के मालिक मार्क जुकरबर्ग ने अपने गलत बयान के लिए भारत से माफी मांगी है. मेटा इंडिया की ओर से एक स्टेटमेंट जारी करके भारत सरकार से माफी मांगी और कहा कि मार्क जुकरबर्ग का बयान अनजाने में हुई एक गलती है. दरअसल, मार्क जुकरबर्ग ने अपने एक बयान में कहा था कि कोरोनावायरस टाइम के दौरान दुनियाभर की सरकारों से लोगों का भरोसा खत्म हो गया और इसलिए कोविड काल में दुनियाभर की सरकारों को हार का सामना करना पड़ा.
मार्क जुकरबर्ग ने भारत से मांगी माफी
मार्क ने अपने इस बयान में भारत का भी नाम लिया था, जिसके बाद भारत के केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कड़ी आपत्ति जताई थी और कहा था कि मार्क जुकरबर्ग ने गलत जानकारी दी है और यह काफी निराशाजनक है. उसके बाद भारत सरकार के एक अन्य सासंद निशिकांत दूबे ने भी मार्क जुकरबर्ग को भारत से इस गलत बयान के लिए माफी मांगने के लिए कहा था. अब मेटा इंडिया ने आधिकारिक तौर पर एक स्टेटमेंट जारी करते हुए मार्क की ओर से माफी मांगी है और कहा कि उनके द्वारा दिया गया बयान, "अनजाने में हुई एक भूल थी."
निशिकांत दुबे ने दी जानकारी
मेटा द्वारा मार्क जुकरबर्ग के गलत बयान पर माफी मांगने वाली बात की जानकारी भारत की आईडी एंड कम्यूनिकेशन मामलों की संसदीय कमेटी के अध्यक्ष निशिकांत दुबे ने अपने एक्स (पुराना नाम ट्विटर) अकाउंट के जरिए एक पोस्ट करके दी.
भारतीय संसद व सरकार को 140 करोड़ लोगों का आशीर्वाद व जन विश्वास प्राप्त है।@Meta भारत के अधिकारी ने आख़िर अपनी ग़लतियों के लिए क्षमा माँगी है ।यह जीत भारत के आम नागरिकों की है,माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी @narendramodi को जनता ने तीसरी बार प्रधानमंत्री बना कर दुनिया के सामने देश… https://t.co/mePVv3v7Bg
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) January 15, 2025
उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि, "भारतीय संसद व सरकार को 140 करोड़ लोगों का आशीर्वाद व जन विश्वास प्राप्त है. मेटा भारत के अधिकारी ने आख़िर अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगी है. यह जीत भारत के आम नागरिकों की है. माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जनता ने तीसरी बार प्रधानमंत्री बना कर दुनिया के सामने देश के सबसे मज़बूत नेतृत्व से परिचय करवाया है. अब इस मुद्दे पर हमारे कमिटि का दायित्व ख़त्म होता है."
मार्क जुकरबर्ग ने क्या कहा था?
दरअसल, मार्क जुकरबर्ग ने Joe Rogan के एक पॉडकास्ट के दौरान कहा था कि, कोविड का दौर खत्म होने के बाद दुनियाभर की कई सरकारों ने जनता में अपना विश्वास खो दिया और इसलिए उसके बाद हुए चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
मार्क ने पॉडकास्ट में भारत का नाम लेते हुए कहा कि कोविड काल के बाद हुए चुनावों में भारत समेत दुनियाभर के कई देशों में सत्ता परिवर्तन हुए, जिससे पता चलता है कि कोरोना वायरस का दौर खत्म होने के बाद कई देशों के लोगों में अपने सरकार के प्रति विश्वास में कमी आई है.
मार्क जुकरबर्ग के इस बयान पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट के जरिए इस बयान की आलोचना करते हुए लिखा था कि, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में हुए 2024 के आम चुनावों में कुल 64 करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया. भारत के लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में काम करने वाली एनडीए सरकार पर विश्वास जताया है.
केंद्रीय मंत्री ने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि, मार्क जुकरबर्ग ने क्लेम किया है कि कोरोना काल के बाद भारत समेत दुनियाभर के ज्यादातर सरकारों ने अपनी सत्ता खोई है, जो कि एक गलत दावा है. उन्होंने मेटा को टैग करते हुए मार्क द्वारा दिए गए इस गलत जानकारी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था.
मेरी कमिटि इस ग़लत जानकारी के लिए @Meta को बुलाएगी । किसी भी लोकतांत्रिक देश की ग़लत जानकारी देश की छवि को धूमिल करती है । इस गलती के लिए भारतीय संसद से तथा यहाँ की जनता से उस संस्था को माफ़ी माँगनी पड़ेगी https://t.co/HulRl1LF4z
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) January 14, 2025
उसके बाद झारखंड के गोड्डा जिला से बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने अश्विनी वैष्णव के पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए लिखा था कि, "मेरी कमेटी इस गलत जानकारी के लिए मेटा को बुलाएगी. किसी भी लोकतांत्रिक देश की ग़लत जानकारी देश की छवि को धूमिल करती है. इस गलती के लिए भारतीय संसद से तथा यहां की जनता से उस संस्था को माफ़ी मांगनी पड़ेगी."
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