देहरादून: साल 2010 में हरिद्वार से रिश्वत मामले में गिरफ्तार किए गए अवर अभियंता को आज 31 अगस्त शनिवार को कोर्ट ने दोषी माना है. विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम गढ़वाल परिक्षेत्र मनीष मिश्रा की कोर्ट ने दोषी अवर अभियंता को 5 साल का कठोर कारावास और 25 हजार का जुर्माना भी लगाया है. इसके अलावा कोर्ट ने दोषी पर धारा 13 (1) डी तहत 5 साल का सक्षम कारावास और 25000 का अलग से जुर्माना भी लगाया है.
जानकारी के मुताबिक 16 जुलाई 2010 को एक व्यक्ति ने सतर्कता सेक्टर देहरादून में शिकायत दर्ज कराई थी. पीड़ित ने अपनी शिकायत में विजिलेंस को बताया था कि वह डी श्रेणी का ठेकेदार है. उससे फायर स्टेशन सिडकुल हरिद्वार के निर्माण और सुधार कार्य के भुगतान के अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदान करने की एवज में परीक्षेत्रीय अवर अभियंता सुधाकर त्रिपाठी ने 25000 रुपए की मांग की है.