विकासनगर: उत्तराखंड में निकाय चुनाव को लेकर कल यानी गुरुवार को वोट डाले जाएंगे, लेकिन हरबर्टपुर नगर पालिका अध्यक्ष सीट पर कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. जहां अध्यक्ष पद पर कांग्रेस प्रत्याशी यामिनी रोहिला चुनावी मैदान में उतरी थीं, लेकिन जाति प्रमाण पत्र मामले में आपत्ति आने पर मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया. जहां से सुप्रीम कोर्ट ने यामिनी के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है.
कांग्रेस प्रत्याशी यामिनी रोहिला के ओबीसी प्रमाण पत्र को लेकर हुआ विवाद: दरअसल, हरबर्टपुर नगर पालिका अध्यक्ष सीट को लेकर राजनीतिक घटनाक्रम बदलता रहा. राजनीतिक गलियारों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अध्यक्ष के चुनाव को लेकर घमासान मचा रहा. जहां कांग्रेस से अध्यक्ष पद की प्रत्याशी यामिनी रोहिला की नामांकन प्रक्रिया शुरू होते ही उनके ओबीसी प्रमाण पत्र को लेकर विवाद शुरू हो गया.
रिटर्निंग अफसर ने रद्द कर दिया था नामांकन: मामले में यामिनी के ओबीसी प्रमाण पत्र को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई. जिस पर आरओ यानी रिटर्निंग अफसर ने तहसीलदार से यामिनी की जाति प्रमाण पत्र की जांच करवाई. जिसमें तहसीलदार ने उनके जाति प्रमाण पत्र को संदिग्ध बता दिया. जिसके बाद रिटर्निंग अफसर ने तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर यामिनी रोहिला का नामांकन रद्द कर दिया.
नैनीताल हाईकोर्ट की डबल बेंच दी थी चुनाव लड़ने की अनुमति: वहीं, मामले को लेकर यामिनी रोहिला ने नैनीताल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और विशेष अपील दायर की. जिस पर 7 जनवरी को हाईकोर्ट की एकलपीठ ने उनकी याचिका खारिज कर दी. इसके बाद यामिनी ने एकलपीठ के आदेश के खिलाफ डबल बेंच में अपील की. जिस पर 10 जनवरी को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की डबल बेंच ने नामांकन निरस्त करने को गलत ठहराया और उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी.
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की डबल बेंच के फैसले पर लगाई रोक: उधर, जिला निर्वाचन अधिकारी ने डबल बेंच के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. जिससे मामला फिर से उसी करवट बैठ गया, जहां से शुरू हुई थी. मामले में 20 जनवरी को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की डबल बेंच के फैसले पर रोक लगा दी. जिससे यामिनी रोहिला के चुनाव लड़ने पर रोक लग गई. इसके साथ ही यामिनी निकाय चुनाव से बाहर हो गईं.
21 जनवरी को सर्विस वोटरों का नए सिरे से हुआ मतदान: वहीं, हरबर्टपुर नगर पालिका के निर्वाचन अधिकारी भुवनेश्वर प्रसाद जदली ने बताया प्रशिक्षण के दौरान हुए मतदान (सर्विस वोट) के मत पत्रों को सीज कर दिया है. मंगलवार यानी 21 जनवरी को नए सिरे से मतदान हुआ. जिसके बाद मतपेटी सील कर दी है.
कांग्रेस के पूर्व कैबिनेट मंत्री नवप्रभात ने कही ये बात: उधर, कांग्रेस के पूर्व कैबिनेट मंत्री नवप्रभात का कहना है कि नैनीताल हाईकोर्ट की डबल बेंच ने चुनाव लड़ने की अनुमति दी थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले को लेकर 4 हफ्ते में सुनवाई का समय दिया है. साथ ही कानूनी लड़ाई को अंत तक ले जाने की बात कही.
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