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UPL ओपनिंग सेरेमनी में गायब रही 'उत्तराखंडियत', कलाकारों को नहीं मिला मंच, 'रस्यांण' बिना खाली रहा स्टेडियम - Uttarakhand Premier League 2024

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 16, 2024, 7:11 PM IST

Updated : Sep 17, 2024, 6:16 AM IST

Uttarakhand Premier League 2024, Uttarakhandi artist in UPL: UPL ओपनिंग सेरेमनी में उत्तराखंडी कलाकारों को मंच नहीं मिला. ओपनिंग सेरेमनी में बॉलीवुड सिंगर बी प्राक, भोजपुरी सिंगर मनोज तिवारी, सोनू सूद की मौजूदगी रही. इसके बाद भी आयोजक भीड़ जुटाने में कामयाब नहीं हो पाये.

UTTARAKHAND PREMIER LEAGUE 2024
UPL ओपनिंग सेरेमनी में गायब रही 'उत्तराखंडियत' (ETV BHARAT)

देहरादून:उत्तराखंड प्रीमियर लीग (UPL) के फॉर्मेट को आयोजकों ने बड़ी बारीकी से गढ़ा है. इसके ग्राफिक्स, लोगो, मोंटाज के साथ ही टीमों में उत्तराखंडियत की झलक साफ दिखती है. आयोजकों ने छोटी-छोटी चीजों को ध्यान में रखते हुए इसकी प्लानिंग की, मगर जब उत्तराखंड प्रीमियर लीग की ओपनिंग सेरेमनी को देखते हैं तो इससे उत्तराखंडियत गायब सी नजर आती है. इस लीग की ओपनिंग सेरेमनी की लाइमलाइट में उत्तराखंड के नाम पर कुछ नेता, अधिकारी और कर्ता धर्ता ही नजर आये. इस सेरेमनी में किसी भी गढ़वाली कुमाऊंनी कलाकार को मंच नहीं दिया गया.

उत्तराखंडी कलाकारों को नहीं मिला मंच: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बीते रोज यूपीएल का आगाज हो गया है. यूपीएल की ओपनिंग सेरेमनी में बॉलीवुड सिंगर बी प्राक, भोजपुरी सिंगर मनोज तिवारी ने प्रस्तुति दी. इस मौके पर फिल्म अभिनेता सोनू सूद भी मौजूद रहे. राजधानी देहरादून में हो रहे इतने बड़े आयोजन में 'रस्यांण' गायब रही. इस आयोजन में उत्तराखंडी कलाकारों को मंच नहीं दिया गया. इसके अलावा ओपनिंग सेरेमनी में उत्तराखंड की परंपरा, संस्कृति की झलक तक देखने को नहीं मिली.

नहीं दिखी उत्तराखंड की संस्कृति की झलक:देवभूमि उत्तराखंड में जब भी कोई बड़ा आयोजन किया जाता है तो इसकी शुरुआत देवी देवताओं के नाम से की जाती है. इसे लेकर गढ़वाल और कुमाऊं की समृद्ध परंपरा है. कुमाऊं में छोलिया नृत्य, उत्तराखंड में नंदा राजजात झांकी के साथ ही गणेश वंदना इसका नायाब उदाहरण है. उत्तराखंड के सभी छोटे बड़े आयोजन में इसकी झलक देखने को मिलती है.

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में दैंणा होंया से हुई थी शुरुआत:बीते साल हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट जैसे आयोजन में जब पीएम मोदी मौजूद थे तब इसके शुभारंभ कार्यक्रम में भी गढ़वाली, कुमाऊंनी संस्कृति की झलक देखने को मिली थी. तब भी उत्तराखंडी गायकों, संस्कृतिकर्मियों को बड़े स्तर पर मंच दिया गया.

उत्तराखंडी फोक दरकिनार, बॉलीवुड को मौका: वहीं, इसके उलट बीते रोज उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में शुरू हुए उत्तराखंड प्रीमियर लीग में ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला. उत्तराखंड प्रीमियर लीग राज्य की संस्कृति, परंपरा को आगे बढ़ाने का एक बड़ा मंच था. क्रिकेट के साथ इसका फ्यूजन वाकई में कमाल का हो सकता था. इन सब चीजों को दरकिनार करते हुए उत्तराखंड प्रीमियर लीग के आयोजकों ने इस आयोजन से उत्तराखंडी संगीत, गायकों को इससे दूर रखा. उत्तराखंड प्रीमियर लीग में बॉलीवुड के साथ भोजपुरी का तड़का लगाया गया दूसरे राज्यों से सिंगर बुलाए गए, जिन्होंने एक से डेढ़ घंटे प्रस्तुति दी.

उत्तराखंड के कामयाब कलाकारों की लंबी फेहरिस्त:उत्तराखंड प्रीमियर लीग का आयोजन ऐसे समय में हो रहा है जब पीएम मोदी, सीएम धामी आने वाले दशक को उत्तराखंड का दशक बताते हैं. ऐसे में उत्तराखंड में ही हो रहे इतने बड़े आयोजन से उत्तराखंडियत को दूर रखना कई सवाल खड़े करते है. उत्तराखंड में नरेंद्र सिंह नेगी, प्रीतम सिंह भरतवाण, सौरभ मौठानी, किशन महिपाल, माया उपाध्याय, इंद्र आर्य, ललित मोहन जोशी, पवनदीप राजन, संकल्प खेतवाल, प्रियंका मेहर, पांडवाज बैंड जैसे बड़े कलाकार मौजूद हैं. इन सभी कलाकारों के पास एक अच्छी खासी टीम है. ये सभी यूथ में काफी फेमस है. इनके गानों पर बने वीडियो, रील्स मिलियन में देखी जाती हैं. इनके स्टेज शो में बंपर भीड़ जुटती है. ये सभी केवल संगीत ही नहीं बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति को भी प्रमोट करते हैं. इनसे युवा जुड़ाव महसूस करते हैं. जिस जुड़ाव के जरिये ये युवाओं को उनकी भाषा, सभ्यता, संस्कृति से जोड़ने की कोशिश करते हैं.

क्या बोले कलाकार:वहीं, जब इस मामले में पांडवाज ग्रुप के सदस्य कुणाल डोभाल से बात की गई तो उन्होंने कहा 'आयोजन में 'अपनों' से अधिक इंटरस्ट पर ध्यान दिया गया, अगर ऐसा नहीं होता तो उत्तराखंड के कामयाब कलाकारों की लंबी फेहरिस्त है, किसी न किसी को तो इस सेरेमनी में बुलाया जाता'. इस आयोजन में नाम, संसाधन, पैसा सब हमारा खर्च हुआ, मगर फायदा बाहर वालों को हुआ. इससे पहले भी ऐसा कई बार हुआ है. इससे पहले केदारनाथ में अभिलिप्सा पांडा, हरीश रावत सरकार में कैलाश खेर को मौका दिया गया. ये तो तब था तब सरकार इन कार्यक्रमों को करवी रही थी.

पांडवाज ग्रुप के सदस्य कुणाल डोभाल. (ETV BHARAT)

यूपीएल में उत्तराखंडियों को मंच नहीं दिये जाने पर कुणाल ने कहा,'इसका कारण इंवेट संभालने वाली कंपनी हो सकती है. उन्होंने कहा अक्सर ऐसे आयोजनों में बाहर से इंवेट कंपनियां हायर की जाती हैं, जिन्हें आपकी सभ्यता, संस्कृति, संगीत या जड़ों से अधिक मतलब नहीं होता. ये इवेंट कंपनिया विशुद्ध प्रोफेशनल होती हैं. इसलिए इंवेट कंपनियों से इस तरह की उम्मीद ना ही की जाये तो बेहतर है.'

कलाकारों ने सोशल मीडिया पर नहीं किया प्रमोट:उत्तराखंड प्रीमियर लीग आयोजन की ओपनिंग सेरेमनी के लिए बॉलीवुड सिंगर बी प्राक, भोजपुरी सिंगर मनोज तिवारी, सोनू सूद बुलाए गए, इन्होंने गानों की प्रस्तुति भी दी. लेकिन कार्यक्रम से पहले और बाद में जब इन कलाकारों के सोशल मीडिया हैंडल्स चेक किये गये तो उनमें कहीं भी उत्तराखंड प्रीमियर लीग से जुड़ी पोस्ट नहीं दिखाई दी. ऐसा इसलिए क्योंकि ये सभी कलाकार प्रोफेशनल हैं. इन सभी से हर किसी चीज के लिए करार होता है. इसके उल्ट अगर कार्यक्रम में उत्तराखंडी गायकों, कलाकारों को जगह दी जाती तो उत्तराखंड प्रीमियर लीग का जमकर प्रचार प्रसार होता. ये लीग इससे अधिक से अधिक लोगों के बीच पहुंचती. आयोजकों को इस काम से कई फायदे होते.

Last Updated : Sep 17, 2024, 6:16 AM IST

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