चमोली: दिल्ली के नेहरू स्टेडियम से आयोजित नई दिल्ली मैराथन दौड़ के 10वें संस्करण का आज रविवार को आयोजन किया गया. दौड़ में उत्तराखंड के मान सिंह और भागीरथी बिष्ट ने पुरुष और महिला वर्ग का खिताब जीता. पिथौरागढ़ के मान सिंह ने पुरुष वर्ग में दो घंटे 15 मिनट और 24 सेकंड में दौड़ पूरी कर प्रथम स्थान हासिल किया. जबकि चमोली की भागीरथी बिष्ट ने 2 घंटे 48 मिनट 59 सेकंड में दौड़ पूरी कर प्रथम स्थान प्राप्त किया.
एशियाई मैराथन चैंपियनशिप (2024) के विजेता पिथौरागढ़ के रहने वाले 35 साल के मान सिंह ने पुरुषों की एलीट श्रेणी के कड़े मुकाबले पहला स्थान प्राप्त किया. वहीं प्रदीप चौधरी ने 2 घंटे 15 मिनट 29 सेकंड के साथ दूसरा और अक्षय सैनी ने 2 घंटे 15 मिनट 34 सेकंड के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया.
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वहीं महिला वर्ग में चमोली जिले की देवाल ब्लॉक के दूरस्थ गांव वाण की भागीरथी बिष्ट ने पहला स्थान प्राप्त किया. जबकि 2 घंटे 49 मिनट 16 सेकंड के साथ कोर भरतजी ने दूसरा और 2 घंटे 50 मिनट 48 सेकंड के साथ अश्विनी जाधव ने तीसरा स्थान प्राप्त किया. मैराथन दौड़ जीतने पर भागीरथी ने दो लाख रुपए का ईनाम धनराशि भी जीता.
भागीरथी की इस कामयाबी से राष्ट्र स्तर पर प्रदेश के साथ-साथ जिले और क्षेत्र का नाम रोशन हुआ है. मैराथन दौड़ के इस कार्यक्रम में 23 वर्षीय भागीरथी की इस उपलब्धि पर जिला चमोली समेत देवाल क्षेत्र में भी खुशी का माहौल है. इस चैंपियनशिप को जीतने के बाद भागीरथी की आगामी एशियन गेम्स में क्वालीफाई होने की राह भी आसान हो गई है.
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भागीरथी बिष्ट के कोच सुनील शर्मा ने बताया,
भागीरथी बिष्ट ने 42.195 किमी दौड़ करीब 2 घंटा 48 मिनट 59 सेकंड में पूरी कर प्रथम स्थान प्राप्त स्थान किया है. इससे पहले भी भागीरथी बिष्ट कई मैराथन दौड़ में प्रतिभाग कर प्रथम स्थान प्राप्त कर चुकी है.
चमोली जिले के अंतिम विकासखंड देवाल के वाण गांव से आने वाली भागीरथी ने संघर्ष और संसाधनों के आभाव में दौड़ की शुरुआत की थी, भागीरथी अपने पांच भाई बहनों में सबसे छोटी है. तीन वर्ष की आयु में भागीरथी के पिता की असमय मृत्यु हो गई थी. भागीरथी के बड़े भाई मनोज बिष्ट का कहना है कि भागीरथी पढ़ाई के साथ-साथ अपने भाई बहनों के साथ मिलकर घर का सारा काम करती थी. यहां तक कि भाइयों की अनुपस्थिति में अपने खेतों में हल भी खुद ही लगाया करती थी. भागीरथी का एक ही सपना है कि एक दिन ओलिंपिक खेलों में जाकर में राष्ट्र के लिए मैराथन में गोल्ड मैडल जीतकर देश का नाम रोशन करे. इसके लिए भागीरथी लगातार मेहनत कर रही है.
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