खूंटीः जल, जंगल, जमीन को बचाने वाले संगठन आदिवासियों को गोलबंद करने में जुट गए हैं. मंगलवार को जिला मुख्यालय के कचहरी मैदान से बड़ी संख्या में भीड़ अबुआ झारखंड पार्टी और संयुक्त पड़हा महासभा ने संयुक्त रूप से खूंटी अंचल कार्यालय के समाने धरना प्रदर्शन किया.
अबुआ झारखंड पार्टी के अध्यक्ष रिलन होरो ने कहा कि वर्तमान केंद्र और राज्य सरकार आदिवासियों की जमीन लूटने में लगी है. आदिवासियों के पास अपने जमीन का खाता खतियान उपलब्ध है. लेकिन ऑनलाइन एंट्री में किसी दूसरे की दूसरे के नाम से जमीन का रिकॉर्ड दर्ज है. ऐसे में आदिवासी अपनी जमीन से हाथ धो बैठेंगे. कई योजनाओं के नाम पर भी आदिवासी जमीनों को सरकार हड़पना चाहती है. कई बार ड्रोन सर्वे किया गया और लोगों को अपने खतियानी जमीन से बेदखल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पूरे देश में केंद्र सरकार (यूसीसी) समान नागरिक संहिता लागू करना चाहती है. समान नागरिक संहिता लागू करने से आदिवासियों का सीएनटी एसपीटी एक्ट के अधिकार समाप्त हो जाएंगे और जल, जंगल, जमीन में अधिकार भी नहीं रहेगा. ऐसे में आदिवासी समाज समान नागरिक संहिता और डीलिस्टिंग का विरोध करती है.
अबुआ झारखंड पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष सोमा मुंडा ने कहा कि कालामाटी से लेकर फूदी हुटार समेत आसपास के इलाकों में बड़ी संख्या में आदिवासियों की जमीन किसी दूसरे के नाम से हस्तांतरित की जा रही है. जमीन का हस्तांतरण बगैर जमीन मालिक की मर्जी से हो रहा है, इस तरह का खेल कैसे हो रहा है, यह अंचल अधिकारी को देखना होगा. अंचल अधिकारी इस तरह के मामलों में हस्तक्षेप करें और जमीन की खरीद बिक्री बगैर जमीन मालिक और ग्राम सभा की सहमति के ना हो.