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'अदालत में जितने भी लंबित मामले हैं, उनमें से लगभग सात लाख मामलों में सरकार पक्षकार है' - LAW MINISTER ARJUN RAM MEGHWAL

कानून मंत्री ने बताया कि सात लाख मामलों में सरकार खुद पक्षकार है. उन्होंने संसद में यह जवाब दिया.

Arjun Ram Meghwal
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (ANI)
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By PTI

Published : Feb 6, 2025, 7:26 PM IST

नई दिल्ली : विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में कहा कि अदालतों में लंबित लगभग सात लाख मामलों में केंद्र सरकार पक्षकार है और सिर्फ वित्त मंत्रालय लगभग दो लाख मामलों में वादी है.

मेघवाल ने एक सवाल के लिखित जवाब में उच्च सदन को यह जानकारी दी. उन्होंने ‘‘विधिक सूचना प्रबंधन एवं ब्रीफिंग प्रणाली मंच’’ (एलआईएमबीएस) पर उपलब्ध आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि लगभग सात लाख मामले लंबित हैं जिनमें भारत सरकार एक पक्षकार है.

उन्होंने कहा कि इनमें से लगभग 1.9 लाख मामलों में वित्त मंत्रालय को एक पक्षकार के रूप में उल्लेखित किया गया है. मंत्री ने कहा कि आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2018 के अधिनियमन और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद, केंद्र सरकार ने त्वरित निपटान विशेष अदालतों (एफटीएससी) की स्थापना के लिए एक योजना शुरू की.

मंत्री ने कहा कि इनमें संयुक्त एफटीएससी भी शामिल हैं, जहां बलात्कार और ‘यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण’ (पॉक्सो) अधिनियम, दोनों से जुड़े मामलों की सुनवाई होती है. उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर, 2024 की स्थिति के अनुसार देश भर में कुल 747 एफटीएससी कार्यरत हैं.

आपको बता दें कि इस समय संसद का बजट सत्र जारी है. सरकार ने बजट पेश कर दिया है. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर दोनों ही सदनों में चर्चा समाप्त हो चुकी है.

ये भी पढ़ें : 'कांग्रेस सरकार के दौरान लाइसेंस परमिट राज को खुद उनके नेता ने भी माना था देश के विकास में बाधक'

नई दिल्ली : विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में कहा कि अदालतों में लंबित लगभग सात लाख मामलों में केंद्र सरकार पक्षकार है और सिर्फ वित्त मंत्रालय लगभग दो लाख मामलों में वादी है.

मेघवाल ने एक सवाल के लिखित जवाब में उच्च सदन को यह जानकारी दी. उन्होंने ‘‘विधिक सूचना प्रबंधन एवं ब्रीफिंग प्रणाली मंच’’ (एलआईएमबीएस) पर उपलब्ध आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि लगभग सात लाख मामले लंबित हैं जिनमें भारत सरकार एक पक्षकार है.

उन्होंने कहा कि इनमें से लगभग 1.9 लाख मामलों में वित्त मंत्रालय को एक पक्षकार के रूप में उल्लेखित किया गया है. मंत्री ने कहा कि आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2018 के अधिनियमन और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद, केंद्र सरकार ने त्वरित निपटान विशेष अदालतों (एफटीएससी) की स्थापना के लिए एक योजना शुरू की.

मंत्री ने कहा कि इनमें संयुक्त एफटीएससी भी शामिल हैं, जहां बलात्कार और ‘यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण’ (पॉक्सो) अधिनियम, दोनों से जुड़े मामलों की सुनवाई होती है. उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर, 2024 की स्थिति के अनुसार देश भर में कुल 747 एफटीएससी कार्यरत हैं.

आपको बता दें कि इस समय संसद का बजट सत्र जारी है. सरकार ने बजट पेश कर दिया है. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर दोनों ही सदनों में चर्चा समाप्त हो चुकी है.

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