पाटन: अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले भारतीयों को ट्रंप सरकार द्वारा विमान से भारत वापस भेजा गया है. इसी क्रम में गुजरात के पाटन से चार लोगों के परिवार को अमेरिका में छह महीने बिताने के बाद वापस भेजा गया है.
खबर के मुताबिक, गुजरात के पाटन से चार लोगों के एक परिवार ने अमेरिका जाने के लिए सूरत में अपना घर बेच दिया था. केतुल कुमार बाबूलाल पटेल और किरणबेन केतुल कुमार पटेल और उनके दो बच्चे गुजरात के उन 33 लोगों में शामिल हैं, जिन्हें अमेरिकी सैन्य विमान से भारत वापस भेजा गया.
पटेल परिवार पाटन जिले के मनुंद गांव का रहने वाला है. उनके गांव के रहने वाले दीक्षित पटेल ने बताया कि केतुल कुमार अपना घर बेचकर अमेरिका जाने से पहले सूरत में काम करते थे. उन्होंने कहा, "केतुल कुमार बाबूलाल पटेल सूरत में काम करते थे. वहां अपना घर बेचकर वो भारत से चले गए थे. अब जब अमेरिकी सरकार ने उन्हें वापस भेज दिया है तो ये बहुत बड़ी क्षति है." ये परिवार और वाजाजी निवासी राजपूत सतवनसिंह, उन पांच लोगों में शामिल हैं, जो अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत डोनाल्ड ट्रंप सरकार द्वारा निर्वासित किए गए 104 भारतीयों के पहले जत्थे में पाटन से हैं.
कई महीने पहले अमेरिका गए थे
केतुल के माता-पिता ने अमेरिका गए अपने बेटे और उसके परिवार के बारे में कहा कि उनके दो बेटे राकेश और केतुल सूरत में रह रहे थे. लेकिन हीरा उद्योग में मंदी के कारण उनके एक बेटे केतुल कुछ महीने पहले वह एक एजेंट के माध्यम से अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ अमेरिका गए थे.
उन्होंने आगे कहा कि पिछले 25 साल से उनके दोनों बेटे अपने परिवार के साथ सूरत में हीरा उद्योग में काम कर रहे थे. हालांकि, व्यापार में मंदी के कारण केतुल ने सूरत में अपना घर बेच दिया और परिवार के साथ अमेरिका चला गया.
समाचार के माध्यम से पता चला कि, अमेरिका से कुछ भारतीयों को वहां की सरकार वापस भारत भेज रही है. उन भारतीयों में उनका बेटा केतुल समेत उनका परिवार भी शामिल था. हालांकि, उन्होंने इस बात के लिए भगवान का शुक्रिया अदा किया कि उनका बेटा अपने परिवार के साथ भारत वापस आ रहा है.
50 लाख रुपये खर्च हुए
केतुल की मां ने उम्मीद जताई कि दलाल के जरिए 50 लाख रुपये खर्च करके अमेरिका गए उनके बेटे की भारत सरकार मदद करेगी. उन्होंने कहा कि अगर बेटा वापस आ जाएगा तो उनका परिवार घर में एक साथ खुशी से रहेंगे.
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