कुल्लू:हिंदू शास्त्रों के अनुसार व्यक्ति के जन्म कुंडली में जहां जन्म के साथ से ही कई प्रकार के दोष पाए जाते हैं. वहीं, उनमें से एक पितृ दोष भी है. पितृ दोष उन लोगों की कुंडली में होता है, जिनके पितृ उनसे नाराज चल रहे हो. ऐसे में पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की परेशानी आती है और उन्हें किसी भी काम में सफलता नहीं मिलती है.
ऐसे लोग अगर पितृ पक्ष के समय पितरों की पूजा अर्चना करें और कुछ विशेष उपाय भी इस दोनों में करें तो उन्हें पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. साथ ही जीवन में हर कार्य के लिए उन्हें पितरों का भी आशीर्वाद मिलता है. इस साल 17 सितंबर से पितृपक्ष शुरू हो रहा है. इस दौरान 16 दिनों तक लोग अपने पितरों के लिए निमित विभिन्न कर्मकांड कर उनका आशीर्वाद लेते हैं.
आचार्य आशीष कुमार के कहा, "पितृ पक्ष में जहां पितरों को खुश करने के लिए ब्राह्मणों को भोजन, दान, पिंड, तर्पण सहित अन्य कर्म किए जाते हैं. वहीं, कुछ विशेष उपाय के माध्यम से व्यक्ति के कुंडली में पितृ दोष के कारण आ रही परेशानियां भी दूर होती है".
आचार्य विजय कुमार ने कहा, "पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए व्यक्ति को पितृ पक्ष के दौरान घर के दक्षिण दीवार पर अपने पूर्वजों की तस्वीर लगानी चाहिए और उनकी तस्वीर के सामने दीया, धूप या अगरबत्ती जलानी चाहिए. पितृ पक्ष के दौरान अगर यह कार्य किया जाता है तो इससे व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है. इसके अलावा पितृपक्ष के दिनों में घर में शाम के समय दक्षिण दिशा में तेल का दीपक जलाना चाहिए. इससे भी व्यक्ति के जीवन से पितृ दोष खत्म हो जाता है".
उन्होंने बताया कि पितृ पक्ष के दौरान पितृ दोष की शांति के लिए रोजाना दोपहर के समय पीपल के पेड़ की पूजा करें. ऐसे में पितरों को प्रसन्न करने के लिए पीपल के पेड़ में गंगाजल में काले तिल, दूध, अक्षत और फूल अर्पित करने चाहिए. पितृ दोष की शांति के लिए ये उपाय काफी लाभदायक सिद्ध होता है.
इसके अलावा पितृ दोष को खत्म करने के लिए पितृ पक्ष में भगवान शिव की रोजाना पूजा करें और पितृ दोष के बुरे प्रभाव से बचने के लिए अमावस्या पर पितरों के निमित्त भोग लगाएं तथा पितृ स्रोत का पाठ करना चाहिए.
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