शिमला: हिमाचल में खाद्य पदार्थों की बढ़ती महंगाई से परेशान लोगों को अब घर बनाने के लिए भी अधिक पैसे खर्च करने होंगे. प्रदेश में कंपनियों ने एक बार सीमेंट का बैग 5 रुपए महंगा कर दिया है. ऐसा एक महीने में दूसरी बार हुआ है. इससे पहले भी प्रदेश में सीमेंट पांच रुपए महंगा हुआ था. इस तरह से एक महीने में सीमेंट 10 रुपए महंगा हो गया है. प्रदेश में सप्लाई करने वाली सभी प्रमुख कंपनियों एसीसी, अल्ट्राटेक और अंबुजा ने सीमेंट के रेट बढ़ाए हैं. ये कीमतें तुरंत प्रभाव से लागू हो गई हैं.
हिमाचल में 435 से 490 रुपए हुआ सीमेंट का रेट
हिमाचल में सीमेंट की खपत लगातार बढ़ रही है. प्रदेश में घर निर्माण के लिए भी सीमेंट की काफी अधिक मांग है. ऐसे में भले ही कितने भी दाम बढ़ जाए लोगों को मजबूरी में भी सीमेंट खरीदना पड़ रहा है. प्रदेश में दूरी और ट्रक भाड़े के हिसाब से सीमेंट की कीमतें अलग अलग है. अब प्रदेश में सीमेंट की कीमत बढ़ने के बाद लोगों को 435 से 490 रुपए प्रति बैग दाम चुकाने होंगे. जिला मंडी और शिमला की सीमा पर लगते तत्तापानी में अब एसीसी सीमेंट का बैग की कीमत 435 रुपए है. वहीं एसीसी गोल्ड के लोगों को प्रति बैग 490 रुपए कीमत चुकानी होगी. ये भाव दुकान पर होंगे. इसके अतिरिक्त निर्माण कार्य स्थल तक सीमेंट की पहुंचाने के लिए लोगों को गाड़ियों का किराया अलग से चुकाना होगा.
तत्तापानी के रहने वाले कमल शर्मा का कहना है कि, 'हिमाचल में हर व्यक्ति को घर बनाने के लिए सीमेंट की जरूरत होती है. हिमाचल में सीमेंट बनने के बाद भी यहां के लोगों को अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है. इसलिए सीमेंट की कीमतों पर सरकार का नियंत्रण रहना चाहिए. तभी लोगों को सस्ता सीमेंट मिल सकता है.'
उद्योग मंत्री हर्ष बर्धन चौहान का कहना है कि, 'हिमाचल में सीमेंट के तीन बड़े प्लांट हैं. सीमेंट एक फ्री कंट्रोल आइटम है. सीमेंट की सेल पर न केंद्र सरकार का और न ही हिमाचल सरकार का कंट्रोल है. सीमेंट के दाम बढ़ाने का अधिकार कंपनियों को ही है. ये बात ठीक है कि हम कंपनियों को कीमत को कम करने के लिए प्रेशर डाल सकते हैं, लेकिन कंपनियों पर हमारा डायरेक्ट कंट्रोल नहीं हैं.' पिछले दो सालों में सीमेंट के दाम 30 रुपए तक बढ़े हैं. वहीं, भाजपा के कार्यकाल में वर्ष 2817 से 2022 तक सीमेंट के रेट 130 रुपए तक बढ़े थे.